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8 Major insects and diseases of cucurbits and their control measures कद्दू वर्गीय सब्जियों में मुख्यतः कद्दू ,करेला ,लौकी ,ककड़ी, तोरई, पेठा ,परवल  एवं खीरा इत्यादि किस वर्ग में आते हैं l कद्दू वर्गीय सब्जियों के प्रमुख कीट एवं प्रमुख रोग इस प्रकार है। 1. लाल पंपकिन बीटल  कद्द वर्गीय सब्जियों में एक कीट जो मुख्य रूप से कद्दू वर्गीय फसल पर आक्रमण करता है वह कीट है लाल पंपकिन बिटल यह लाल रंग का किस पौधे के पत्तियों को शुरुआती अवस्था में पत्तियों को खाकर नष्ट कर देता है जिससे फसल की बढ़वार बिल्कुल रुक जाती है l   लाल पंपकिन बिटल  लक्षण व जीवनकाल : लाल पंपकिन बिटल के मादा पीले रंग के होते हैं व 5...

सब्‍जी माइक्रोग्रीनस - पोषण का एक संभावित स्रोत Microgreens are young and tender edible seedlings produced using the seeds of different species of vegetables, herbaceous plants, aromatic herbs and wild edible plants (Di Gioia and Santamaria 2015a, b). The edible portion constitutes single stem, the cotyledon leaves and, often, the emerging first true leave (Di Gioia et al. 2017). A few days of photosynthesis of microgreen is known to provide nearly 4-9 times more nutrients including antioxidants, vitamins and minerals than their mature counterparts. Microgreens first appeared in the menus of the chefs of San Francisco, in California, at the beginning of the 1980s. By geography, North America contribute ~50% of market share in...

तरबूज की खेती ग्रामीण आय बढ़ाने का एक अच्‍छा साधन   तरबूज़ ग्रीष्म ऋतु की फसल है । इसका फल बाहर से हरे रंग के होते हैं और अंदर से लाल होते है। ये पानी से भरपूर व मीठे होते हैं। इसे मतीरा  और हदवाना भी कहा जाता है। तरबूज भारत मे बहुत लोकप्रि‍‍‍य फल है। बाजार मेें तरबूज की अच्‍छेे भाव आसानी से मि‍ल जाते है अत: कि‍सानो की आय बढाने मे तरबूज की खेती एक अच्‍छाा साधन हो सकता है।  तरबूज की खेती के लि‍ए भूमि : तरबूज की फसल के लिए बलुई दोमट जमीन बेहतर होती है। इसी वजह से नदियों के किनारे की दियारा जमीन इस के लिए सब से अच्छी मानी जाती...

खरबूजे की उन्‍नत किस्‍में  कद्दूवर्गीय फसलों में खरबूजा एक महत्वपूर्ण फसल है| खरबूजा की खेती मुख्यतः ग्रीष्म कालीन फलस के रूप में की जाती है । खरबूजे के बीजों की गिरी का उपयोग मिठाई को सजाने में किया जाता है ।   Varieties प्रजाति  Developed By विकसित की  Average yield औसत उपज (कुं/है.)  Characters विशेषताएं   पूसा रसराज Pusa Rasraj(M-3) भा.कृ.अ.सं., न.दिल्‍ली 225  यह संकर किस्‍म है। इसके फल अंडाकार,जाली रहित तथा चिकनी सतह के होते हैं। फलों का औसत वजन 800 से 1000 ग्रा. होता है। फल मीठे तथा उनमें कुल घुलनशील शर्करा (TSS) 12-13% होती है। फल बुआई के 76-80 दिन में पककर तैयार हो जाते हैं। औसत उपज 225 कुं/है होती है। हरा मधु Hara Madhu PAU Ludhian - Vines 3-4 mt.long, Fruits large, round, skin light yellow with green strips. Av.wt. 1...