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Nematode and fungal interactions in cotton, their symptoms, management and their status in Haryana कपास भारत की एक प्रमुख नकदी फसल है, जिसे कई जैविक कारकों से नुकसान होता है। सूत्रकृमि और मृदाजनित फफूंद के सहजीवी प्रभाव से पौधों को गंभीर क्षति होती है, जिससे उत्पादन में भारी गिरावट आती है। इनमें मुख्य रूप से जड़-गांठ सूत्रकृमियों का प्रकोप ज्यादातर देखा गया है, जो पौधे की जड़ों पर आक्रमण करते है। सूत्रकृमि ग्रसित पौधों के लक्षण, सूत्रकृमियों की प्रजातियों के आधार पर भिन्न होते हैं। अतः इन सूत्रकृमि की पहचान करना जरूरी है एवं इनसे होने वाले रोगों की पहचान कर इन्हे विभिन्न विधियों द्वारा नियंत्रण किया जा सके। खेतो में सूत्रकृमि...

Management of Root-knot Nematode in Pomegranate सूत्रकृमि (निमेटोड) एक तरह का पतला धागानुमा कीट होता है। यह जमीन के अन्दर पाया जाता है। इसे सूक्ष्मदर्शी की सहायता द्वारा आसानी से देखा जा सकता है। इनका शरीर लंबा बेलनाकार तथा बिना खंडों वाला होता है। मादा सूत्रकृमि गोलाकार एंव नर सर्पिलाकार आकृति का होता है। इनका आकार 0.2 मि.मी. से 10 मि.मी. तक हो सकता है। सूत्रकृमि कई तरह के होते हैं और इनमें से प्रमुख जड़गांठ सूत्रकृमि है। इनका प्रकोप फसलों पर ज्यादा देखा गया है। ये परजीवी सूत्रकृमि के रूप में मृदा अथवा फसलों के ऊतकों में रहते हैं। ये कई वर्षों तक मिट्टी के नीचे दबे रह सकते हैं और...

Biological Control of Plant Parasitic nematode फ़ाइलम नेमाटोडा की अधिकांश प्रजातियां मुक्त जीने वाली (फ्री लिविंग) हैं। हालांकि, कुछ सुत्रकृमी महत्वपूर्ण फसलों को आर्थिक रूप से नुकसान कर कृषि मे एक बडी चुनौती बन चुके है। इन सबमें जड़ गाँठ सुत्रकृमी (मेलायडॊगायनीं स्पेसीज) और पुटी सुत्रकृमि (हेटेरोडेरा एवं ग्लोबोडेरा स्पेसीज) कई महत्वपूर्ण फसलों में आर्थिक नुकसान के कारण सबसे अच्छी तरह से अध्ययन किए गए सुत्रकृमि हैं। जड़ गाँठ और पुटी सुत्रकृमी अपना पुरा जीवन पौधे की जड़ क़े अंदर बिताते है। इनका जीवन चक्र दो से तीन सप्ताह से लेकर कई महीनों तक होता है, जो कि सुत्रकृमी की प्रजातियों, मेजबान की उपयुक्तता, मिट्टी और पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करता है। अंडों...

Major Cyst Nematode crop diseases and their management हमारे देश में वर्ष भर में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती है। इन फसलों के कई प्रकार के शत्रू  है, जिसमें प्रमुख रूप से सूत्रकृमि भी है जो पौधों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से हानि पहुंचाते है। यह सभी तरह की मृदा में पाये जाते हैं। सूत्रकृमि सुक्ष्म जीव होते हैं जो नग्न आखों से नहीं दिखते हैं और आसानी से पहचाने भी नहीं जा सकते हैं। मृदा में कई प्रकार के सूत्रकृमि पाये जाते हैं, जिसमें से पुट्टीकारी (Cyst) सूत्रकृमि प्रमुख हैं। यह पुट्टीकारी सूत्रकृमि कई प्रकार के होते हैं जिसमें से मुख्यतया निम्नलिखित है:- 1. गेंहूँ एवं जौ पुट्टी सूत्रकृमि (हेटेरोडेरा...

एकीकृत सुत्रकृमी (नि‍मेटोड) रोग प्रबंधन  Nematodes are parasites belonging to animal kingdom that are of concerned in the agricultural crop health. They belong to phylum Nemata, previously named Nemathelminthes or Aschelmnthes, several hundreds of nematode species are known to feed on plants as parasites and cause a variety of diseases.  Most of the damage by nematodes is caused by secretion injected into plants while they feed. This secretion, called saliva, is produced in three glands, from where it flows into oesophagus and is injected through stylet. The males of species generally may not penetrate roots, but females invariably get established on roots and are responsible for destruction of the host. Nematode saliva...