okra diseases Tag

Integrated pests and disease management in Okra crop भिंडी के रोगों मे पीत शीरा मोजैक वाइरस (यलो वेन) एवं चूर्णिल आसिता तथा कीटों में मोयला, हरा तेला सफेद मक्खी, प्ररोहे एवं फल छेदक कीट, रेड स्पाइडर माइट मुख्य है। भि‍ण्‍डी के कीट 1. भिण्डी का प्ररोह एवं फल छेदक :  लक्षण: इस कीट का प्रकोप वर्षा ऋतु में अधिक होता है। प्रारंभिक अवस्था में इल्ली कोमल तने में छेद करती है जिससे पौधे का तना एवं शीर्ष भाग सूख जाता है। फूलों पर इसके आक्रमण से फूल लगने के पूर्व गिर जाते है।इसके बाद फल में छेद बनाकर अंदर घुसकर गूदा को खाती है। जिससे ग्रसित फल मुड़ जाते हैं और भिण्डी खाने योग्य नहीं...

भिण्‍डी की उन्‍नत किस्‍में  Varieties Developed By Average yield   (q/ha) Characters  काशी सातधारी (आई. आई. वी. आर. – १०) Kashi Saatdhari  IIVR Varansi  130-140 यह प्रभेद विषाणु जनित व्याधि (पित्त शीरा मोजैक एवं प्रारम्भिक पर्ण कुंचन) से मुक्त  है। पुष्पन की क्रिया बुवाई से ४०-४२ दिनों पश्चात् प्रारम्भ हो जाती है, जबकि इस प्रभेद से कुल १३०-१४० कुन्तल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त की जा सकती है। काशी क्रांति Kashi Kranti  IIVR Varnasi  125-140 यह प्रभेद विषाणु जनित व्याधि (पित्त शीरा मोजैक एवं प्रारम्भिक पर्ण कुंचन) के प्रति प्रतिरोधी है। पुष्पन की क्रिया बुवाई से ४५-४६ दिनों पश्चात् प्रारम्भ हो जाती है, जबकि इस प्रभेद कुल उपज क्षमता १२५-१४० कुन्तल प्रति हेक्टेयर तक मापी गयी है।  काशी विभूति (वी. आर. ओ. - ५) Kashi Vibhuti   IIVR Varnasi  120-150 यह...