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Main components of natural farming and benefits of their use प्राकृतिक खेती एक कृषि पद्धति है जो रसायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और जुताई के बिना खेती करने पर जोर देती है इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए स्वस्थ और प्राकृतिक उत्पाद उगाना है। यह पद्धति मासानोबू फुकुओका का द्वारा विकसित की गई थी जिसे फुकुओका विधि भी कहा जाता है। जिसमें केवल प्राकृतिक आदानों का उपयोग किया जाता है। प्राकृतिक खेती फसलों, पेड़ों और पशुधन को एकीकृत करती है, जिससे कार्यात्मक जैव विविधता के इष्टतम उपयोग की सुविधा मिलती है। प्राकृतिक खेती मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की बहाली, और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का शमन या निम्नीकरण, प्रदान करते हुए...

जीवामृत बनाने बनाने की विधि, सामग्री और प्राकृतिक खेती में जीवामृत का उपयोग Jeevamrut is microbial culture. Jeevamrit is  organic liquid fertilizer. ingredients of jeevamrit are cow dung , urine, Jaggery and besan flour or gram flour. Jeevamrut preparation is very simple technique. Uses of  jeevamrut in natural farming are incomparable.  Spray of Jeevamut on standing crops should be done at least once, twice or thrice a month. The method of sprinkling Jeevamrut on all the crops of age 2 to 8 months is discussed in this article.  जीवामृत बनाने बनाने की विधि, सामग्री और प्राकृतिक खेती में जीवामृत का उपयोग जीवामृत, माइक्रोबियल कल्चर या जैविक तरल उर्वरक है। जीवामृत 100% जैविक है...

Blue Green Algae Generated Biofertilizer भूमि की उर्वरा शक्ति बरकरार रखने तथा इसे बढ़ाने के लिए एक जैव उर्वरक जो नील हरित शैवालों के संवर्धन से बनाया जाता है अति महत्वपूर्ण है। यह जैव उर्वरक खरीफ सीजन में 20-25 कि.ग्रा. नेत्रजन प्रति हे. पैदा करता है तथा मिट्टी के स्वास्थ्य को ठीक रखता है। इसके अतिरिक्त भूमि के पानी संग्रह की क्षमता बढ़ाना एवं कई आवश्यक तत्व पौधों को उपलब्ध कराता है। भूमि के पी.एच. को एक समान बनाये रखने में मदद करता है तथा अनावश्यक खरपतवारों को पनपने से रोकता है। इसे जैव उर्वरक के लगातार प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है तथा धान एवं गेहूं की उपज...

Methods and precautions for making perfect quality compost, an alternative of toxic chemicals आज के युग में कृषि की पैदावार बढ़ाने में अच्छी भूमि, स्वस्थ बीज, आधुनिक कृषि यंत्र, उन्नत खाद, उपुक्त कीट व रोग नाशक दवाएं तथा समुचित पानी की आवश्कयता होती है। पिछले कई वर्षो से गोबर की खाद की जगह रासायनिक खादों ने ले ली है जिसके परिणाम स्वरूप भूमि की उर्वरा शक्ति तथा उसमे पाय जाने वाले अनेको जीव-जंतु व सूक्ष्म जीवो में भरी कमी पाए जाने लगी है तथा भूमि से पैदावार पर असर पड़ने लगा है जो कृषि वैज्ञानिको व किसानो के लिए एक समस्या बनने लगी है। अतः भूमि की गुणवत्ता को पुनः प्राप्त करने के...

What is vermi-Compost वर्मी-कम्‍पोस्‍ट को वर्मीकल्‍चर या केंचुआ पालन भी कहते हैं। केंचुओं के मल से तैयार खाद ही वर्मी कम्‍पोस्‍ट कहलाती है। यह सब प्रकार की फसलों के लिए प्राकृतिक, सम्‍पूर्ण एव्र संतुलित आहार है।वर्मी-कम्‍पोस्‍ट का उत्‍पादन तथा विपणन एक अच्‍छा पर्यावरण हितैसी रोजगार है। प्राइज़ काल से ही केचुआ किसान का मित्र माना जाता है। खेतो की मिट्टी को भुरभुरी बनाकर यह प्राकृतिक हलवाहे का काम करता है। प्रसिद्ध दार्शनिक अरस्‍तू ने केंचुओ को धरती की ऑतें कहा है और डारविन ने तो इसे भूमी की उपजता का बैरोमीटर कहा केचुओं से खेती में लाभ: केचुओं के द्वारा भूमि की उर्वरकता, पी.एच., भौतिक अवस्‍था, जैव पदार्थ एवं लाभदायक जीवाणूओं मे वृद्धि...

वर्मीकम्पोस्ट - खाद या उर्वरकों की रानी  Vermicompost is an organic manure (bio-fertilizer) produced as the vermicast by earth worm feeding on biological waste material; plant residues. Vermi casts are popularly called as 'Black gold'. This compost is an odorless, clean, organic material containing adequate quantities of N, P, K and several micronutrients essential for plant growth. Vermicompost is a preferred nutrient source for organic farming, which enriches soil quality by improving its physicochemical and biological properties. It is eco-friendly, non-toxic, consumes low energy input for composting and is a recycled biological product. Vermicompost is becoming popular as a major component of organic farming system. Base materials required for Vermi composting: Crop residues ,tree leaves and...