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Cultivation of Ashwagandha (Withania somnifera) to get more income अशवगंधा (असगंधा) जिसे अंग्रेजी में विन्टर चैरी कहा जाता है तथा जिसका वैज्ञानिक नाम विदानिया सोमनिफेरा है, भारत में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण औषधीय फसल है जिसमें कई तरह के एल्केलाइड्स पाये जाते है। अशवगंधा को शक्तिवर्धक माना जाता है। भारतवर्ष में यह पौधा मुख्यतया गुंजरात, मध्यप्रदेष, राजस्थान, पष्चिमी उत्तरप्रदेष, पंजाब, हरियाणा के मैदान, महाराष्ट्र, पष्चिमी बंगाल, कर्नाटक, केरल एवं हिमालय में 1500 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता हैं। मध्यप्रदेष में इस पौधे की विधिवत् खेती मन्दसौर जिले की भानपुर, मनासा एवं जावद तथा नीमच जिले में लगभग 3000 हेक्टर क्षेत्रफल में की जा रही है। भारत के अलावा यह औषधीय पौधा स्पेन,...

Sarpgandha cultivation technique सर्पगन्‍धा एक अत्‍यन्‍त उपयोगी पौधा है। यह 75 सेमी से 1 मीटर ऊचाई तक बढता है। इसकी जडे स‍िर्पिल तथा 0.5 से 2.5 सेमी व्‍यास तक होती हैं तथा 40 से 60 सेमी गहराई तक जमीन में जाती हैं। इसपर अप्रैल से नवम्‍बर तक लाल सफेद फूल गुच्‍छो मे लगते है। सर्पगंधा की जडों मे बहुत से एल्‍कलाईडस पाए जाते है जिनका प्रयोग रक्‍तचाप, अनिद्रा, उन्‍माद, हिस्‍टीरिया आदि रोगों के उपचार में होता है। इसका उपयोगी भाग जडें ही है। सर्पगंधा 18 माह की फसल है। इसे बलुई दोमट से लेकर काली मिट्टी मे उगाया जा सकता है। सर्पगन्‍धा उगाने के लिए खेत की तैयारी: जडों की अच्‍छी वृद्धि के...