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बीज बायोप्रिमिंग: पौधों की वृद्धि के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण Seeds are the connecting link between two generations and primarily the first form of plant life just like a new born baby. They serve an important asset in agriculture production. About 90% of all food crop grown on this world are propagated by seed. Moreover they are an important part in international trade. Apart from these vital functions, unfortunately, they are involved in transmission of diseases so called as seed born diseases. Seed borne disease refers to the particular plant diseases that are transmitted by seed. Common seed borne diseases are: Bunts, smuts, spots, rotting, blights, anthracnose etc. Pathogens may be present...

Importance of seed priming in farming  बीजोंपचार प्रक्रियाओं के कारण, बीज का अंकुरण स्वस्थ, प्रचुर और समान होता है। इन बीज प्रक्रियाओं में विभिन्न कारकों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि जैविक या रासायनिक कवकनाशी, जीवाणु उर्वरक और कुछ उर्वरक जैसे गिबरेलिन एसिड, मालिब्लेडियम, आदि। सीड प्राइमिंग के कारण अंकुरण कम और अच्छी तरह से होता है। बीज प्राइमिंग क्या है? बीज प्राइमिंग, बीजोपचार की एक सस्ती और बहुत आसान प्रक्रिया है। प्राइमिंग बीजों का पूर्व उपचार है जिसमे बीज को एक निश्चित समय के लिए पानी में भिगोया जाता है, छाया में सुखाया जाता है और फिर बोया जाता है। बीज प्राइमिंग बीजों के नियंत्रित जलयोजन की एक स्तर की प्रक्रिया है...

Seed Priming Techniques for Seed Germination Quality Improvement बुवार्इ के पश्चात खेतों की प्रायोगिक परिसिथतियों में बीजों का उच्च तथा एक समान रुप से उगना अच्छी फसल के लिए आवश्यक है। विषम तापमान तथा वातावरण में बीजों का उगाव अपेक्षाकृत कम होकर एक समान नहीं रह पाता। परिणामस्वरुप उत्तर भारत के सब्जी किसान बसंतकालीन फसल की अगेती बुवार्इ हेतु सामान्य से अधिक बीज-दर अपनाते है। अधिक आय की आशा में कृषक समयपूर्व बुवाई करते है। कमगुणता युक्त बीजों की बुवार्इ उपरांत उगाव प्रतिशत सुधारने में बीज प्राइमिंग की विधि उपयोगी पायी गई है। इस प्रक्रिया में बीजों को उनकी अंकुरण पूर्व चयापचय गतिविधि को आगे बढने तक नियमित जलयुक्त किया जाता है। परंतु...