seed treatment Tag

बीज उपचार: भरपूर फसल की ओर पहला कदम Seed treatment is essential for high-quality seed production and healthy crop growth. It protects crops from sap-sucking pests during the early stages and prevents diseases transmitted through seeds and soil. Various fungicides, insecticides and biological agents are used for seed treatment. This process not only improves seed germination rates but also ensures crops remain healthy and resilient against pests and diseases. Farmers, particularly those cultivating various crops in the rabi season, should select high-quality, disease-resistant crop varieties and ensure they perform seed treatment. Seed treatment in different crops: Rice : For rice farmers, if using wet nursery beds, mix 3 grams of Carbendazim per kilogram of...

सब्जियों में बीज जनित रोगों के प्रबंधन के लिए बुवाई पूर्व बीजोपचार  बीज जनित रोगों के प्रबंधन के लिए रोपण से पहले सब्जियों के बीजों का उपचार आवश्यक है। फसल की उपज में कमी को रोकने के लिए इन रोगों का प्रबंधन आवश्यक है। इस प्रकार, बुवाई से पहले बीज उपचार बीमारियों को नियंत्रित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है, लेकिन अन्य रोग प्रबंधन प्रथाओं के साथ संयुक्त होने पर यह सबसे प्रभावी है। कुछ बीजों का उपचार आपूर्तिकर्ताओं या वाणिज्यिक नर्सरी द्वारा प्रत्यारोपित फसलों के बोने से पहले या सीधे बोई गई फसलों के लिए उत्पादकों को बेचने से पहले किया जाता है। बीज उपचार एक ऐसा शब्द है जो उत्पादों और...

बीज उधोग में बीज प्रसंस्करण Seed lot obtained from the field, moisture content high and contains various impurities such as plant parts, sand, gravel particles, besides off-size seeds, weed seeds, damaged and deteriorated seeds. As a result, the quality and quantity of the seeds are reduced so a processing plant or unit required for healthy and improved seeds. Seed processing refers to all the steps essential for preparation of harvested seed for marketing, i.e. drying, cleaning, grading, treating, bagging or packaging and storage of the seed, obtained after harvesting and threshing. So, seed processing is an important segment of the seed industry. Principle of the seed processing Complete cleaning and separation: The seeds free...

बीज बायोप्रिमिंग: पौधों की वृद्धि के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण Seeds are the connecting link between two generations and primarily the first form of plant life just like a new born baby. They serve an important asset in agriculture production. About 90% of all food crop grown on this world are propagated by seed. Moreover they are an important part in international trade. Apart from these vital functions, unfortunately, they are involved in transmission of diseases so called as seed born diseases. Seed borne disease refers to the particular plant diseases that are transmitted by seed. Common seed borne diseases are: Bunts, smuts, spots, rotting, blights, anthracnose etc. Pathogens may be present...

Seed treatment: the basis of prosper farmers हमारेे देश में ऐसे किसानों की संख्या ज्यादा है जिनके पास छोटे-छोटे खेत है और प्रायः खेती ही उनके जीवन-यापन का प्रमुख साधन है। आधुनिक समय मे खाधान्न की मांग बढ़ती जा रही है तथा आपूर्ति के संसाधन घटते जा रहे है।  विज्ञान के नवीन उपकरणों, तकनीकों तथा प्रयोगों से किसानों की स्थिति मे सुधार हुआ है। नवीन तकनीकों के प्रयोग करने से उनकी जीवन शैली में तीव्र बदलाव आये है। इन्ही में से एक तकनीक बीचोपचार है। जिसको सुनियोजित तरीके से अपनाने से खेती की उत्पादकता बढ़ सकती है। बीजोपचार एक सस्ती तथा सरल तकनीक है, जिसे करने से किसान भाई बीज जनित एवं...

Importance of seed priming in farming  बीजोंपचार प्रक्रियाओं के कारण, बीज का अंकुरण स्वस्थ, प्रचुर और समान होता है। इन बीज प्रक्रियाओं में विभिन्न कारकों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि जैविक या रासायनिक कवकनाशी, जीवाणु उर्वरक और कुछ उर्वरक जैसे गिबरेलिन एसिड, मालिब्लेडियम, आदि। सीड प्राइमिंग के कारण अंकुरण कम और अच्छी तरह से होता है। बीज प्राइमिंग क्या है? बीज प्राइमिंग, बीजोपचार की एक सस्ती और बहुत आसान प्रक्रिया है। प्राइमिंग बीजों का पूर्व उपचार है जिसमे बीज को एक निश्चित समय के लिए पानी में भिगोया जाता है, छाया में सुखाया जाता है और फिर बोया जाता है। बीज प्राइमिंग बीजों के नियंत्रित जलयोजन की एक स्तर की प्रक्रिया है...

जैविक खेती की वि‍भि‍न्‍न क्रि‍याऐं कृषि‍ उत्‍पादों की लगातार बढती जरूरत को पूरा करने के लि‍ए व उत्पादन बढ़ााने के लिए कि‍सान रासायनिक उर्वको का प्रयोग करते है ।  निरंतर रसायनो का उपयोग मानव एवं मृदा के स्वास्थ्य पर बहुत गलत तरीके से असर कर रहा हे।मृदा में क्षारीयता, कार्बनिक तत्वों का प्रमाण कम होना, मृदा, पर्यावरण, जल एवम वायु प्रदूषण जैसे अनिछनीय बदलाव मे रासायनिक उर्वको का भी योगदान है। रासायनिक उर्वको खेती का खर्च बढ़ा देते हे, इसी लिए किसानो की महेनत का ज्यादा लाभ नहीं मिल पाता। एसी स्थिति मे जैविक खेति एक मात्रा विकल्प हे जो मृदा, मानव को स्वस्थ रखती है, एवं किसानोंको मुनाफा भी देती है। जैविक खेती की...

Importance and Methods of Seed Treatment in Kharif crops अच्‍छी फसल के जिस तरह बीज चयन महतवपूर्ण है, उसी तरह बीज का उपचार करना भी उतना ही आवश्यक है| आधुनिक खेती में निरंतर हो रही वैज्ञानिक प्रगति से तभी लाभ हो सकता है जब उन्नत किस्मो के शुद्ध व अच्छी गुणवत्ता वाले बीजो काा चुनाव कि‍या जाऐ और  बुवाई पूर्व उसे  उपचारित करके ही बोया जावे| बीजो का अंकुरण बढाने, कीटो व रोगों से सुरक्षा करने के लिए बीजोपचार अति आवश्यक प्रक्रिया है| अधिकांशत: किसान, फसलो की बीजाई बिना बीजोपचार किये ही करते है जिससे फसल उत्पादन 8-10 प्रतिशत कम रहने की सम्भावना रहती है| किसानो द्वारा बीजोपचार की महत्वपूर्ण प्रक्रिया को अपनाने के...

How to treat seeds in rabi crops. जिस तरह फसल मे बीज चयन महतवपूर्ण है, उसी तरह बीज उपचार करना भी आवश्यक है| आधुनिक समय मे खेती की निरंतर बढ़ती हुई वैज्ञानिक प्रगति से तभी लाभ हो सकता है, जब उन्नत किस्मो के शुद्ध व अच्छी गुणवत्ता वाले बीजो की बुवाई की जावे साथ ही उसे पूर्णतया उपचारित किया जावे| बीजो का अंकुरण बढाने, कीटो व रोगों से सुरक्षा करने के लिए बीजोपचार अति आवश्यक प्रक्रिया है| अधिकांशत: किसान बीजाई बिना बीजोपचार किये ही करते है जिससे फसल उत्पादन 8-10 प्रतिशत कम रहने की सम्भावना रहती है| किसानो द्वारा बीजोपचार की महत्वपूर्ण प्रक्रिया को अपनाने के लिए प्रचार प्रसार की आवश्यकता है...

Importance of Seed Treatment in Kharif crops बीजोपचार से फसलों की उपज बढ़ाई जा सकती है एवं फसलों में कीट रोग प्रकोप से होने वाली हानि को 10 से 15 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। सभी दलहनी फसलों के बीजों को राईजोबियम कल्चर से तथा अनाज वाली फसलों, सब्जियों व औषधीय फसलों में बीजों को एजेटोबैक्टर व पीएसबी संवर्ध (कल्चर) से उपचारित करने से पैदावार अधिक होती है। ध्यान रखेेंं बीजोपचार करते समय सर्वप्रथम फफूंदनाशक, फिर कीटनाशक रसायन औैर अंतं में संवर्ध (कल्चर) से उपचारित करें।  खरीफ ऋतु में भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलें है मुंगफली, मक्‍का , ज्‍वार , बाजरा, सोयाबीन, ग्‍वार, तथा दलहनी फसलें है। इनमे बीजोपचार...