sesame Tag

तिल फसल के रोग तथा उनका प्रबंधन Sesame Phyllody  Sesame Phyllody is caused by phytoplasma organism. Disease symptoms are evident before flowering   (witches broom) and at the time of flowering (phyllody). Early infection causes severe witches broom with complete suppression of flowering . Conversion of floral parts into leaf like structures . Yellowing and cracking of capsules. Seed germination in capsules . Increase amount of IAA due to infection is responsible for excessive proliferation of vegetative and reproductive parts of the plant . Symptoms of Sesame Phyllody Causing organism, Phytoplasma, belong to candidatus phytoplasma asteris (16 Sr II group). It survive on host and weeds like Brassicas, Gram and in leaf hoppers (Jassid).  Transmission/ Vector  Insect transmission by...

गुणकारी फसल, राम तिल की खेती रामतिल इथोयोपिया, भारत और नेपाल में व्यापक रूप से उगाईं जाती है और मोंटाने, पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका, बांग्लादेश, भूटान, पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज के कुछ हिस्सों में छोटे पैमाने पर लगाईं जाती है। रामतिल मुख्य रूप से आदिवासी किसानों द्वारा अपनी पारंपरिक फसल के रूप में उगाईं जाती है इसलिए अब तक यह उपेक्षित है। यद्यपि एक गौण तिलहन फसल मानी जाती है लेकिन यह इसकी तेल सामग्री, गुणवत्ता और क्षमता के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है। रामतिल बीज प्रोटीन और फैटी एसिड में अत्यधिक समृद्ध है। यह लिनोलिक अम्ल का एक अच्छा स्रोत है और इसमें नियासिन, ओलिक एसिड, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, स्टीयरिक एसिड, राइबोफ्लेविन और एस्कॉर्बिक...

Sesame (Sesamum indicum L.) the queen of oilseeds as export potential crop तिल (सीसेमम इंडीकम एल.), भारतीय मूल की एक तिलहनी फसल जो मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों तक सीमित है, उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य तेल और बीज के लिए प्रत्यक्ष कन्फेक्शनरी उपयोग के लिए विंटेज मूल्य है। यह सोयाबीन, रेपसीड - सरसों और मूंगफली के बाद भारत में खेती की जाने वाली चौथी सबसे बड़ी तिलहनी फसल है । तिल का महत्व विश्व स्तर पर पहचाना गया है और इसलिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में एक प्रमुख स्थान रखता है।तिल के वैश्विक व्यापार का मूल्य लगभग $ 1.49 बिलियन है, जबकि इसके अलावा, पिछले एक दशक के दौरान तिल के तेल...

ति‍ल की  उन्‍नत किस्‍में उन्नत तकनीक के साथ अनुशंसित कि‍स्‍मों काे  अपनाते हुये काश्त करने पर ति‍ल या  रामतिल की फसल से 700-800 किग्रा/ हे0 तक उपज प्राप्त की जा सकती। मध्‍यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों की जगनी के नाम से जाने जानी वाली रामतिल एक तिलहनी फसल है। मध्यप्रदेश में इसकी खेती लगभग 87 हजार हेक्टेयर भूमि में की जाती है  (कि‍स्‍में)  विकसित स्थान  अनुसंशित वर्ष पैदावार (कु/है) विशेषताएं T-78     6-8 उत्‍तर प्रदेश के सभी क्षेत्रो के लि‍ए उपयुक्‍त। 80 से 85 दि‍न मे पकती है GT-2     7-8 गुजरात के सभी क्षेत्र के लि‍ए उपयुक्‍त। 85 दि‍न मे पकती है वाई एल एम 17     8-10 समुंद्र तटीय आन्‍ध्र प्रदेश के लि‍ए उपयुक्‍त। 75 दि‍न मे पकती है आर टी 125     6-9 राजस्‍थान पंजाब हरि‍याणा व पश्‍चि‍मी उत्‍तर...