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गेहूं का सुरक्षित भंडारण कैसे करें: समस्या, उपाय और प्रबंधन The most prominent factors affecting the safety and quality of grain storage are the infestations of Khapra beetles, caterpillars and rats. In addition to seeds and soil, these insects can also access storage through equipment used in threshing or casting. As a result of improper storage in the country, more damage to wheat grain is caused by insects, rodents and micro-organisms.  गेहूं का सुरक्षित भंडारण कैसे करें: समस्या, उपाय और प्रबंधन गेहूं उत्पादन में भारत का धान एवं मक्का के पश्चात तीसरा स्थान है। एक दशक से भारत का गेहूँ उत्पादन में चीन के बाद दूसरा स्थान है जिसके कारण भारत एक...

Safe storage of wheat भारत में उगाई जाने वाली खाद्यान्न फसलों में गेहूँ एक महत्वपूर्ण फसल है। उत्पादन तकनीकों में प्रगति के कारण गेहूँ उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2020-21 के दौरान देश में अब तक का गेहूँ का सर्वाधिक उत्पादन लगभग 109.52 मिलियन टन रहा। आमतौर पर फसल कटाई के बाद भारत में गेहूँ अनाज व बीजों को किसानों, व्यापारियों एवं औद्योगिक स्तर पर संग्रहित किया जाता है। देश के सभी भागों में अनाज के रख-रखाव एवं संग्रह के लिए उपयुक्त तकनीक एवं भंडारण संरचनाएं विकसित की गई हैं। कटाई के बाद अनाज को उपयोग करने के लिए पारम्परिक एवं आधुनिक भंडारण पद्धतियों को अनाज संग्रह के प्रयोग...

Chief measures for Safe Seed Storage भंडारण के दौरान बीज व अनाज  को क्षति पहुंचाने में कीट अपना अहम् किरदार निभाते हैं। भंडार कीटों की लगभग 50 प्रजातियां हैं जिनमें से करीब आधा दर्जन प्रजातियां ही आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भंडार कीटों में कुछ कीट आंतरिक प्राथमिक तो कुछ बाह्य (गौड़) भक्षी होते हैं। ऐसे कीट जो स्वयं बीज को सर्वप्रथम क्षति पहुंचाने में सक्षम होते हैं वे प्राथमिक कीट कहे जाते हैं। इनमें सूंड वाली सुरसुरी, अनाज का छोटा छिद्रक प्रजातियां प्रमुख हैं। गौड़ कीट वे हैं जो बाहर रहकर भू्रण या अन्य भाग को क्षति पहुंचाते हैं। इनमें आटे का कीट, खपरा बीटल, चावल का पतंगा आदि प्रमुख हैं।  अलग-अलग प्रकार के बीजों...