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ग्रीनहाउस में सीजन टमाटर की खेती आज बुनियादी खेती में दिलचस्पी नहीं रखते हैं, लेकिन ग्रीनहाउस जैसी नवीनतम कृषि तकनीकों की ओर उन्हें आकर्षित करना संभव है। इन दिनों उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियों की मांग बढ़ रही है और इन मांगों को पूरा करने के लिए हमारे सब्जी उत्पादकों के लिए ऐसी संरक्षित सब्जी उत्पादन तकनीक को अपनाना आवश्यक है। ग्रीनहाउस प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रतिकूल परिस्थितियों जैसे भारी वर्षा, गर्मी, कीटों, वायरस रोगों आदि से सुरक्षित रखते हुए सब्जियों का उत्पादन करना संभव है। इस लेख में, हम आपको विस्तार से बताएंगे कि कैसे मौसम में टमाटर की खेती करना है। ग्रीनहाउस का प्रकार, लागत और सिंचाई प्रणाली स्वाभाविक रूप से हवा में...

टमाटर का संकर (हाइब्रिड) बीज उत्पादन Tomato (Lycopersicum esculentus) is one of the most important vegetable crops grown extensively in the tropical and subtropical parts of the world. It is grown mainly for fresh market and to a little extent for processing. Increased attention is now being bestowed to breeding and production of tomato. Production of tomato can further be increased if improved cultural practices are combined with good quality seeds. Hybrid tomato varieties have many advantages compared to open-pollinated varieties. Hybrids usually produce higher yields. They generally mature earlier and more uniformly. Many hybrids have better fruit quality and disease resistance. With all of these advantages, many farmers prefer to sow...

टमाटर की वैज्ञानि‍क खेती Tomato is an inexpensively most important crop worldwide. Tomato is a popular vegetable of Bihar with an area of 46.27 thousand ha, production of 1011MT and productivity of 21.85ton/ha. In India also, the high nutritive value of tomato has helped this vegetable to be in regular consumption list, either as table purpose, culinary purposes or as processed products. As a major vegetable growing region, the state of Bihar significantly contributes to the total tomato production in India. It has prominent place in human food. A brief account of its cultivation is given below. Varieties of Tomato: Varieties     Year    Breeding  Institutes Azad T-2 1984 Pedigree Selection CSAUAT, Kanpur, Uttar Pradesh Kaliyanpur Angoorlata 1994 Selection CSAUAT, Kanpur, Uttar Pradesh Azad T-6 1996 Selection CSAUAT, Kanpur,...

10 Major Diseases of Tomato and Their Integrated Disease Management 1. आर्द्रपतन इस रोग में रोगजनक का आक्रमण बीज अंकुरण के पूर्व अथवा बीज अंकुरण के बाद होता है। पहली अवस्था में बीज का भ्रूण भूमि के बाहर निकलने से पूर्व ही रोगग्रसित होकर मर जाता है । मूलांकुर एवं प्राकूर बीज से बाहर निकल आते फिर भी वे सड़ जाते है दुसरी अवस्था में बीज अंकुर के बाद कम उम्र के छोटे  के तनों पर भूमि से सटे तनों पर अथवा भूमि के अंदर वाले भाग पर संक्रमण हो जाता है जिससे जलसिक्त धब्बे बन जाते है और पौधा संक्रमित स्थान से टुट कर गिर जाता है पौधों में गलने के...

Nutritious preservation and processing in tomatoes टमाटर एक सब्जी की फसल है। यह आमतौर पर ताजे रूप में या कई पकाए गए व्यंजनों में एक घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। ताजा टमाटर सलाद और सब्जी के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। जो आर्थिक मूल्य के अलावा, मानव पोषण के लिए अच्छा है क्योंकि यह विटामिन सी, ए, के और  पोटेशियम और लाइकोपीन और कैरोटीन जैसे कैरोटीनॉइड का स्रोत है जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं। भारत  में अधिकांशतय फसल काटने के बाद फसल उपरांत अज्ञानता के कारन प्रसंस्करण की तकनीकों को नहीं अपनाया जाता है। जिस वजह से 15-25  प्रतिशत उत्पादित टमाटर खेत में ही...

Hybrid seed production technique of Tomato बीज में शुद्धता का होना, बीजोत्पादन की प्रथम सीढी है। जो कि पर परागण तथा अन्य बाह्रय पदार्थों के मिलने से प्रभावित होती है। शुद्ध बीज की गुणवता भी अच्छी होती है। अत: बीजोत्पादन के लिए आनुवांशिक एवं बा्रहय पदार्थो के मिश्रण संबंधी शुद्वता हेतु निम्न बिन्दुओं को अपनाना परम आवश्‍यक है। पृथक्करण दूरी एक ही फसल की दो किस्मों में पर परागण द्वारा होने वाली अशुद्वता तथा स्व परागित फसलों मे कटाई के दौरान बाह्रय पदार्थों के अपमिश्रण से होने वाली अशुद्वता को रोकने के लिए एक ही कुल की दो फसलो या एक ही फसल की दो किस्मों के मध्य रखी जाने वाली आपसी दूरी को...

Production of  hybrid seed in tomato बीज में शुद्धता होना, बीजोत्पादन की प्रथम सीढी है। जो कि पर परागण तथा अन्य बाह्रय पदार्थों के मिलने से प्रभावित होती है। शुद्ध बीज की गुणवता भी अच्छी होती है। अत: बीजोत्पादन के लिए आनुवांश्‍कि‍‍ एवं बाहय पदार्थो के मिश्रण संबंधी शुद्ता हेतु निम्न बिन्दुओं को अपनाना परम आवश्क है। पृथक्करण दूरी एक ही फसल की दो किस्मों में पर परागण द्वारा होने वाली अशुद्वता तथा स्व परागित फसलों मे कटाई के दौरान बाह्रय पदार्थों के अपमिश्रण से होने वाली अशुदता को रोकने के लिए एक ही कुल की दो फसलो या एक ही फसल की दो किस्मों के मध्य रखी जाने वाली आपसी दूरी को...

The advanced technology of tomatoes cultivation  टमाटर एक लोकप्रिय सब्जी है । इस फसल को सम्पूर्ण भारतवर्ष में सफलतापूर्वक उगाया जाता है । टमाटर में कार्बोहाइड्रेट, बिटामिन, कैल्शियम, आयरन तथा अन्य खनिज लवण प्रचुर मात्रा में उपस्थित रहते है । इसके फल में लाइकोपीन नामक वर्णक (पिगमेंट) पाया जाता है । जिसे विश्व का सबसे महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट बताया गया है । इन सबके अलावा कैरोटिनायडस एवं विटामिन सी भी टमाटर में बहुतायत मात्रा में पाए जाते है । ताजे फल के अतिरिक्त टमाटर को परिरक्षित करके चटनी, जूस, अचार, सास, केचप, प्यूरी इत्यादि के रूप में उपयोग में लाया जाता है । इसके पके फलों की डिब्बाबन्दी भी की जाती है। भारतवर्ष...

Optimal planting geometry and fertilizer application method for drip irrigated vegetable crops फसलों की सिंचाई की विधियों में टपक सिंचाई पध्दति सर्वाधिक कुशल विधि है जिसमें जल का 80-90 प्रतिशत कुशल उपयोग होता है। इस पध्दति से सभी प्रकार की भूमि में कम समय एवं कम जल में सिंचाई की जा सकती  है। टपक सिंचाई पध्दति द्वारा सिंचाई में पौधों के सीमित नम क्षेत्र के कारण रोग की सम्भावना कम होती है तथा फसलों की पंक्तियों में खर-पतवार नहीं उग पाते हैं। सिंचाई की इस विधि का उपयोग पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रहा है। सीमित जल संसाधनों और दिनों-दिन बढ़ती हुई जलावश्यकता के कारण टपक सिंचाई तकनीक सर्वाधिक उपयुक्तहै। टपक तंत्र एक...

Tomato crop and it's seed production technologies टमाटर हिमाचल प्रदेश की एक प्रमुख नकदी सब्जी फसल है । टमाटर की खेती पर्वतीय क्षेत्रों में गी्रष्म-बर्षा ऋतु में होने के कारण टमाटर का उत्पादन पूर्ण रूप से मैदानी क्षेत्रों के लिए बेमौसमी होता है जिससे पर्वतीय किसानों को अधिक लाभ मिलता है । परन्तु पर्वतीय क्षेत्रों में इसकी उत्पादकता अन्य राज्यों की तुलना में अपेक्षाकृत काफी कम है । गुणवता युक्त बीजों की समय पर तथा दुर्गम स्थानों पर अनुपलब्धता, उत्पादन एवं उत्पादकता कम होने का एक प्रमुख कारण है । ऐसी स्थिति में किसान यदि स्वयं ही टमाटर की खेती व बीज का उत्पादन करें तो गुणवत्ता वाले बीज की कमी को काफी...