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Indigenous Turmeric Processing Methods छत्तीसगढ़ में हल्दी की फसल कि खेती विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग समय में की जाती है। इस फसल के लगभग 50% उत्पादक किसान आदिवासी होते हैं और आम तौर पर अपने बड़ियो में स्वदेशी तरीकों के माध्यम से फसल उत्पादन करते हैं। वार्षिक रिपोर्ट, 2015-16 के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य का पुरे भारत में हल्दी उत्पादन के क्षेत्र में लगभग 11.80 प्रतिशत योगदान रहा है। राज्य में हल्दी का उत्पादन 9, 747 हेक्टेयर भूमि से लगभग 83,470 लाख टन का था तथा साल दर साल राज्य का उत्पादन क्षेत्र बढ़ रहा है,   हल्दी उत्पादन के मुख्य जिले धमतरी, कोरबा, जगदलपुर, सरगुजा, जशपुर, कोंडगाँव, बालोद, सूरजपुर और बलरामपुर है। किए...

Scientific cultivation of Turmeric हल्दी की खेती सामान्यत: सभी प्रकार की भूमियों में की जा सकती है। उचित जलनिकास वाली बलुई दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी जिसमें जीवांश की अच्छी मात्रा हो, हल्दी के लिये उपयुक्त होती है। इसकी अच्छी पैदावार के लिये भूमि का पी एच मान 5.0-7.5 के बीच होना चाहिए। चिकनी मिट्टी, क्षारीय भूमियों तथा पानी ठहरने वाले स्थान पर विकास रुक जाता है। इसकी खेती बगीचों में अंतरवर्तीय फसल के रूप में भी की जा सकती है। हल्दी की खेती के लि‍ए भूमि हल्दी की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिये भूमि की अच्छी तैयारी करने की आवश्यकता होती है क्योंकि यह जमीन के अंदर होती है जिससे जमीन को...