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Techniques to grow seedlings of vegetable crops अधिकतर सब्जी फसलें जैसे की टमाटर वर्गीय, गोभी वर्गीय व प्याज वर्गीय जिनके बीज छोटे व पतले होते है, उनकी स्वस्थ व उन्नत पौध तैयार कर लेना ही आधी फसल उगाने के बराबर हिता है । स्वस्थ पौध तैयार करने के लिए पौधशाला के स्थान का चयन सबसे अधिक महत्वपूर्ण है । इससे जुडी हुई अन्य बातें निम्नलिखित हैं : पौधशाला का स्थान पानी के स्रोत के समीप , ऊँचाई पर होना चाहिए जहां से पानी का निकास उचित हो सके तथा भूमि दुमट बलुई होनी चाहिए जिसका पीएच मान लगभग 6.5 हो।  पौधशाला खुले में होना चाहिए जहां सूर्य की पहली किरण पहुचे और स्थान देखरेख की दृष्टि से...

Plastic Low Tunnel Technique for off season vegetables संरक्षित खेती का मुख्‍य उद्देश्‍य सब्‍जी फसलों को मुख्‍य जैविक या अजैविक कारकों से बचाकर उगाना होता है। इसमें फसल को किसी एक कारक या कई कारकों से बचाकर उगाया जा सकता है। संरक्षित सब्‍जी उत्‍पादन के लिए सब्‍जी उत्‍पादकों को संरक्षित खेती व विभिन्‍न संरक्षित संरचनाओं की पूर्ण जानकारी होना बहुत आवश्‍यक है। उसके बाद ही उत्‍पादक तय कर सकता है कि वह किस प्रकार की संरक्षित तकनीक अपनाकर बेमौसमी सब्‍जियों का उत्‍पादन करे। कौन कौन सी संरक्षित प्रौद्योगिकीयॉ हैं जिनमे वह सब्‍जियों को वर्ष भर उगा सकता है। संरक्षित संरचनाओं को बनाने के बाद में रख रखाव में क्‍या व्‍यय होगा तथा...

Plastic tray technology of vegetables saplings production इस तकनीक द्वारा सब्जियों की पौध को तैयार करने के लिए प्‍लास्टिक की खानेदार ट्रे (Multi celled plastic tray) का प्रयोग करते हैं ट्रे के खाने शंकू आकार के होने चाहिए क्‍योकि ऐसे खानो में पौधे की जडों का समुचित विकास होता है। टमाटर, बैंगन व समस्‍त बेल वाली सब्जियों के लिए 18-20 घन से.मी. आकार के खानो वाली ट्रे का प्रयोग होता है जबकि शिमला मिर्च, मिर्च, फूलगोभी वर्ग की सभी फसले व सलाद, सेलेरी, पारसले आदि सब्जियों को 8-10 घन से.मी. आकार के खानो वाली ट्रे उपयुक्‍त रहती है।इस विधि में पौध को भूरहित माध्‍यम (soil less media) में उगाया जाता है।...