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Smart Water Management: A boon for agriculture पानी की बढ़ती मांग दुनिया के सामने एक चुनौती है, खासकर सबसे शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में जहां पानी की कमी और पानी का तनाव महत्वपूर्ण समस्याएं हैं। पानी की कमी की स्थिति एक जगह पर तब होती है जब प्रति व्यक्ति प्रति दिन पानी की उपलब्धता 1000 घन मीटर से कम हो जाती है। भारत केे 2025 तक जल-तनावग्रस्त देश बनने की आशंका है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे पास प्रति दिन प्रति व्यक्ति 1700 घन मीटर से कम पानी होगा। भारत में, कृषि पानी का प्रमुख उपभोक्ता (80%) है और कृषि उत्पादन के लिए पानी का उपयोग करते समय पानी के अतिरिक्त नुकसान की मात्रा...

Importance of water use efficiency in wheat crop कृषि, उधोग तथा घरेलू उपयोगों में पानी की लगातार बढ़ती हुई मांग के मध्यनजर भविष्य में पर्याप्त जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक वैश्विक चुनौती है। वैश्विक स्तर पर कृषि सम्बंधित कार्यों के लिए लगभग 70 प्रतिशत जल का उपयोग हो रहा है जो सर्वाधिक है। हालांकि अच्छी गुणवत्ता वाले जल का सिंचाई में प्रयोग काफी सीमित है, किन्तु लगातार बढ़ते हुए शुष्क क्षेत्रों एवं पर्यावरण के बदलते रूप के कारण पानी की बढ़ती कमी एक चिंतनीय विषय है। बदलते जलवायु परिवेश के संदर्भ में न केवल उपलब्ध जल का विवेकपूर्ण उपयोग जरूरी है अपितु कम जल उपयोग द्वारा अच्छा उत्पादन देने वाली तकनीकों...

धान की सीधे बीज (डायरेक्ट सीडेड) से बुआई: पानी की खपत और श्रम को कम करने के लिए एक दृष्टिकोण In India, rice field covers an area of 43.94 million hectares (mha) with production of 106.54 mt and has the share of 21% in global rice production during 2013-14. Of the total rice area, 49.5% (22 mha) is irrigated, 13.5% (6 mha) is upland, and 32.4% (14.4 mha) is rainfed lowland. In Asia, 90% of fresh water has been exploited by agriculture and more than 50% is utilized to irrigate rice. More than 75% of the rice supply comes from 79 mha of irrigated land. Therefore, food security is challenged and threatened...