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Emergence of weed management issues in changing climatic conditions जलवायु परिवर्तन को तापमान, वर्षा या हवा के बदलाव के रूप में परिभाषित किया जाता है, अन्य प्रभावों के साथ, जो कई दशकों (न्यूनतम 30 वर्ष) या उससे अधिक समय में होते हैं। 195 देशों में से, भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से पीड़ित शीर्ष दस देशों में से एक है। जलवायु परिवर्तन का प्रसार, जनसंख्या की गतिशीलता, जीवन चक्र की अवधि और कृषि कीटों की घटना पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। सभी कृषि कीटों में, हमारी मुख्य चिंता खरपतवार पर है क्योंकि इससे कृषि फसल उत्पादन प्रणाली को अधिकतम लगभग 45% नुकसान होता है। खरपतवार कृषि कीटों में से एक हैं जो...

Weeds in the vegetables and their management एक विशेष स्थिति में अवांछनीय पौधे खरपतवार माने जाते है। सब्‍जी फसलों में खरपतावार के कारण उत्‍पादन तथा गुणवत्‍ता में महत्‍वपूर्ण कमी होती है। अत: इन फसलों में समय पर खरपतवार नि‍यंत्रण अतयंत आवश्‍यक सस्‍य क्रि‍या है। सब्जी की फसल को अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक दुरी पर लगाते हैं जिससे खरपतवार की बढवार के लिए अनुकूल वातावरण प्राप्त होता है और वे अधिक वृद्धि करते हैं। फसल में खरपतवार के लक्षण ये प्राकृतिक रूप से स्थाई प्रवृति वाले होते हैं। ये एक, दो तथा बहुवर्षीय होते हैं। इनमें विषम परिस्थितियों में उतर जीवित रहने की क्षमता पाई जाती है। इनमें फूल, फल तथा बीज जल्दी तथा अधिक संख्या में...

Integrated weed management in Rabi crops देश खाद्यानों के लिए एवं कई औद्योगिक इकाईयाँ कच्चे माल के लिए कृषि पर निर्भर हैं। इसलिए खाधान्न उत्पादन में वृद्धि करना अतिआवश्यक हैं। खरपतवार, कीट एवं व्याधियों से हमारी फसलों को लगभग 1 लाख करोड़ रूपये की हानि प्रति वर्ष होती है परन्तु सर्वाधिक हानि खरपतवारों की उपस्थिति के कारण होती है। खरपतवार फसलों के साथ पोषक तत्व, जल, प्रकाश एवं स्थान आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करते है, साथ ही साथ ये फसलों के लिए हानिकारक रोग व कीटों को शरण देकर भी क्षति पहुंचाते हैं जिससे फसलों की उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। खरपतवारों के कारण उत्पादकता में कमी के साथ-साथ फसल उत्पादों की...

Weed management in major cereals and pulses crops of Kharif season खरीफ मौसम कीे प्रमुख धान्य एवं दलहनी फसलों में बाजरा, मक्का, ज्वार, अरहर, मूंग, उडद एवं ग्वार की खेती की जाती है। किसान, उन्नत किस्म के बीज, उपयुक्त उर्वरक, नियमित सिंचाई तथा पादप सुरक्षा के विभिन्न उपाय एवं  उत्पादन की वैैज्ञानिक विधियॉ अपनाकर भ्‍ाी कृषि से भरपूर उत्‍पादन प्राप्त करने में अब भी पूर्णतया सफल नहीं हो पा रहे हैं। इसका एकमात्र कारण है कि वे उन्नतशील साधनों को अपनाने के साथ-साथ खरपतवारों के नियंत्रण पर पूर्ण ध्यान नहीं देते। यदि किसान को अपनी फसल से भरपूर उपज प्राप्त करनी है तो इन फसलों के शत्रु खरपतवारों पर नियंत्रण पाने के महत्व...

Cost effective agricultural practices  कम खर्च में- अधिक लाभ कैसे कमा यें? आज भारत ने अनाज उत्पादन के क्षेत्र में अधिक उपज देने वाली किस्मों की मदद से, आत्म निर्भरता हासिल कर ली है। लेकिन कुछ प्रमुख समस्याएं भी पैदा हुई हैं। उदाहरण के लिये धान और गेहूं की फसलों की निरंतर बुवाई करने से कई खरपतवार पनपने का अवसर मिलता है। जल्दी-2 सिंचाई करने से मिट्टी में रोग और सूक्ष्म जीव बढ़ने का अवसर मिलता है। जिसके द्वारा मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है।  इन सब कारणों की वजह से किसान सामर्थ्यहीन होते हुए भी, खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवार-नाशी, पानी के लिए-बिजली या डीजल, कीड़े, मकोड़े के लिए-कीटनाशक, मिट्टी की...

Weed management in rice crop  देश की बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ खाद्यानों की मांग को पूरा करना एक गम्भीर चुनौती बनी हुई है । धान हमारे देश की प्रमुख खाद्यान फ़सल है । इसकी खेती विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों में लगभग 4 करोड़ 22 लाख है0 क्षेत्र में की जाती है आजकल धान का उत्पादन लगभग 9 करोड़ टन तक पहुंच गया है । राष्ट्रीय स्तर पर धान कीऔसत पैदावार 20 क्विंटल प्रति हैक्‍टेयर है। जो कि इसकी क्षमता से काफ़ी कम है, इसके प्रमुख कारण है -  कीट एवं ब्याधियां,  बीज की गुणवत्ता,  गलत शस्य क्रियाएं,  तथा खरपतवार।धान की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिये सुधरी खेती की सभी प्रायोगिक विधियों को अपनाना आवश्यक...

मृदा सोलराईजेसन - खरपतवार प्रबंधन के एक अच्‍छी तकनीक The impact of pesticide use on the environment is now well documented, and a more wide spread adoption of integrated weed management strategies and tactics is recommended in sustainable agriculture systems. Soil solarization is a novel technique of controlling soil borne pests including weeds. This hydrothermal process occurs in moist soil which is covered by a transparent plastic film for 4-6 weeks and exposed to sunlight during the warm summer months. The practice was first reported from Germany in 1888 and was first used commercially by USA in 1897. Soil propagules, as weed seeds, offer a wide range of tolerance to high...