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How to irrigate and manage weeds in cotton crop गंगानगर एवं हनुमानगढ़ क्षेत्र के विभिन्न फसलों मे नरमा – कपास खरीफ की मुख्य रेशेवाली नगदी फसल है| यह फसल इन जिलों के सिंचित क्षेत्रों  में लगाई जाती है। इन जिलों में अमेरिकन कपास (नरमा) तथा देशी कपास दोनों को लगभग बराबर महत्व दिया जाता है। देशी कपास की बिजाई ज्यादातर पड़त या चने की फसल के बाद की जाती है जबकि अमेरिकन कपास की बिजाई पड़त, गेहूं, सरसों, चना आदि के बाद की जाती है। नरमा/कपास – गेहू गंगानगर एवं हनुमानगढ़ क्षेत्र का मुख्य फसल चक्र है | इस क्षेत्र मे रबी मे गेहू तथा खरीफ मे नरमा – कपास से प्राप्त...

Importance of varieties selection and nursery management for improvement in paddy production धान एक महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है विश्व की अधिकांश जनसंख्या (लगभग 60 प्रतिशत) द्वारा दैनिक भोजन में चावल का उपयोग भात, पोहा, मुरमुरा, लाई, आटे की रोटी के इत्यादि के रूप में किया जाता है। धान उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। जैसा की हम जानते है कि हर खुशबूदार धान, बासमती धान नहीं होता लेकिन हर बासमती धान खुशबूदार होता है इसलिए धान (चावल) को दाने का आकार और गुणवत्ता के आधार पर मुख्यतः तीन श्रेणियों बासमती धान, सुगन्धित धान और असुगन्धित धान में बांटा जा सकता है। भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पादित बासमती धान अपने अद्भुत गुणों...

Effects of Parthenium weed on  crops and human life पारथेनियम (गाजर घास) पर लगातार किए जा रहे शोध कार्यो से हाल ही में एक नतीजा सामने आया कि पारथेनियम नामक खरपतवार केवल मानव अथवा पशुओं के स्वास्थ्य पर ही बुरा असर नहीं डाल रहा है बल्कि इसका सर्वाधिक प्रभाव दलहनी फसलों पर पड़ रहा है। हर मौसम और हर फसल के साथ उपजने में सक्षम गाजरघास ने दलहनी फसलों के उत्पादन की मात्रा पर असर डालना ही शुरु कर दिया है साथ ही खेतों में फसल चक्र के जरिए उर्वरता बढ़ाये जाने की प्रक्रिया भी लडख़ड़ाने लगी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह स्थिति बरकरार रही तो यह तय है कि...

Integrated weed management in Rabi crops देश खाद्यानों के लिए एवं कई औद्योगिक इकाईयाँ कच्चे माल के लिए कृषि पर निर्भर हैं। इसलिए खाधान्न उत्पादन में वृद्धि करना अतिआवश्यक हैं। खरपतवार, कीट एवं व्याधियों से हमारी फसलों को लगभग 1 लाख करोड़ रूपये की हानि प्रति वर्ष होती है परन्तु सर्वाधिक हानि खरपतवारों की उपस्थिति के कारण होती है। खरपतवार फसलों के साथ पोषक तत्व, जल, प्रकाश एवं स्थान आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करते है, साथ ही साथ ये फसलों के लिए हानिकारक रोग व कीटों को शरण देकर भी क्षति पहुंचाते हैं जिससे फसलों की उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। खरपतवारों के कारण उत्पादकता में कमी के साथ-साथ फसल उत्पादों की...

Effects and control of Parthenium grass  प्रकृति में अत्यंत महत्त्व पूर्ण वनस्पतियों के अलावा कुछ वनस्पतियाँ ऐसी भी हैं, जो कि धीरे-धीरे एक अभिशाप का रूप लेती जा रही हैं बरसात का मौसम शुरू होते ही गाजर के तरह की पत्तियों वाली एक वनस्पति काफी तेजी से बढ़ने और फैलने लगती है। जिसे पार्थेनियम हिस्टेरोफोरोस यानी कोंग्रस ग्रास या गाजर घास क नाम से जाना जाता है । यह  Asteraceae कुल का सदस्य है। यह वर्तमान में विश्व के सात सर्वाधिक हानिकारक पौधों में से एक है तथा इसे मानव एवं पालतू जानवरों के स्वास्थ्य के साथ-साथ सम्पूर्ण पर्यावरण के लिये अत्यधिक हानिकारक माना जा रहा है। गाजर घास अमेरिका, एशिया, अफ्रीका व...

Weed Problems and Solutions in Vegetable Crops सब्जियों में खरपतवार की समस्या अन्य फसलों से अधिक होती है|क्योंक - सब्जी की फसल को अन्य फसलों की अपेक्षा प्रारम्भ में अधिक दुरी पर लगाते हैं जिससे खरपतवार की बढवार के लिए अनुकूल वातावरण प्राप्त होता है और वे अधिक वृद्धि करते हैं। जैसे धान 10 – 15 सेमी., खीरा 1& 2 मी., गेंहू 10 & 20 सेमी., करेला 5 & 2 मीटर। सब्जी की फसलों को अधिक उर्वरक की आवश्यकता होती है जो खरपतवारों की वृद्धि को प्रोत्साहित करते हैं। सब्जी में कम मात्रा में परन्तु थोड़े समय बाद ही सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है जिससे खरपतवारों के बीज आसानी से अंकुरित हो जाते हैं। सब्जी...

Parasitic Dodder (Ruscuta Reflexa) and its control परजीवी खरपतवार कृषि के लिए एक गंभीर समस्या है जिनको नियंत्रित करने के लिए उपलब्ध साधनों की प्रभावकारिता कम होती जा रही है।  परजीवी खरपतवार अपना भोजन बनाने और अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए दूसरी फसलों पर निर्भर रहते हैं। जैसे अमरबैल रिजके में, रूखड़ी मक्का और ज्वार में, औरोबंकी सरसों पर निर्भर रहती है। सबसे अधिक आर्थिक रूप से हानिकारक परजीवी खरपतवार रूखड़ी,  औरोबंकी और अमरबेल हैं। अमरबेल तना परजीवी पौधा है जो फसलों या वृक्षों पर अवांछित रूप से उगकर हानि पहुँचाता है। मुख्य रूप से रिजके में इसकी गंभीर समस्या देखी गई है परन्तु अलसी, चुकन्दर, मिर्ची, प्याज, गाजर, सूरजमुखी, रामतिल,...

Weed management in pulse crops दलहनी फसलों की पैदावार में कमी होने के प्रमुख कारकों में खरपतवारों की समस्या बहुत जटिल है। दलहनी फसलों की शुरूआती धीमी बढ़वार एवं कम ऊँचाई के कारण खरपतवार फसलों के ऊपर हावी हो जाते हैं तथा उपज को प्रभावित करते हैं। दलहनी फसलों में खरपतवारों की समय पर रोकथाम से न केवल पैदावार बढ़ाई जा सकती है अपितु उसमें गुणवत्ता को भी बढ़ाया जा सकता है। दलहनी फसलों के प्रमुख खरपतवार निम्नलिखित है तालिका-1 दलहनी फसलों के प्रमुख खरपतवार खरपतवारों की श्रेणी खरपतवार रबी खरीफ सकरी पत्ती वाले      गेंहूँ का मामा, (फेलोरिस्प माइनर), जंगली जई (ऐवेना फेच्वा), दूब घास (साइनोडोंन डेक्टीलोन)    संवा (इकानोक्लोआ कालोना)  दूब घास (साइनोडान डेक्टीलान)कोदों (इल्यूसिन इण्डिका)बनरा (सिटैरिया ग्लाऊका) चैड़ी पत्ती वाले कृष्णनील (एनागोलिस आरवेनसिस), बथुआ (चिनोपोडियम एल्बम),...

Weed management for bursim and Lucerne बरसीम एवं लूसर्न हरे, रसदार एवं स्वादिष्ट चारे के लिए रबी (शीत ऋृतु) में सिंचित क्षेत्रों की महत्वपूर्ण फसलें हैं। ये फसलें वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का भूमि में स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरता बढ़ाती है। ये पोषण की दृष्टि से उच्च गुणवत्ता वाली चारे की फसलें हैं। ये दुधारू पशुओं के लिए अत्यन्त उपयोगी होती है। बरसीम एवं लूसर्न में प्रोटीन, खनिज पदार्थ मुख्यतः कैल्सियम तथा फास्फोरस, विटामिन आदि के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। दोनों फसलों की औसत पाचनशीलता 60-70 प्रतिशत तक पायी जाती है। बरसीम फसल की उच्च गुणवत्ता के कारण इसे ‘चारे की फसलों का राजा’ कहा जाता है। लूसर्न (रिजका) एवं बरसीम की फसलों में...

Weeds control in main kharif crops भारत की कृषि-अर्थव्यवस्था विभिन्न फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता पर निर्भर करती हैं। कीटों, बिमारियों तथा खरपतवारों के प्रकोप से फसलों के उत्पादन में होने वाली क्षति को बचाकर खाद्यान्नों का उत्पादन अधिक बढ़ाया जा सकता है। फसलों में सर्वाधिक हानि खरपतवारों से होती हैं। खरपतवार (weeds) अवांछित पौधे होते है जिनकी एक निष्चित स्थान व समय पर आवश्‍यकता नहीं होती है और बिना बोए अपने आप उग जाते हैं। इसके कारण खरपतवारों व फसलों के बीच पौषक तत्वों, जल, स्थान, प्रकाश आदि के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती हैं। विभिन्न फसलों की उपज में केवल खरपतवारों के कारण होने वाली क्षति 15-70 प्रतिशत तक हैं।...