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Weed management for bursim and Lucerne बरसीम एवं लूसर्न हरे, रसदार एवं स्वादिष्ट चारे के लिए रबी (शीत ऋृतु) में सिंचित क्षेत्रों की महत्वपूर्ण फसलें हैं। ये फसलें वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का भूमि में स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरता बढ़ाती है। ये पोषण की दृष्टि से उच्च गुणवत्ता वाली चारे की फसलें हैं। ये दुधारू पशुओं के लिए अत्यन्त उपयोगी होती है। बरसीम एवं लूसर्न में प्रोटीन, खनिज पदार्थ मुख्यतः कैल्सियम तथा फास्फोरस, विटामिन आदि के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। दोनों फसलों की औसत पाचनशीलता 60-70 प्रतिशत तक पायी जाती है। बरसीम फसल की उच्च गुणवत्ता के कारण इसे ‘चारे की फसलों का राजा’ कहा जाता है। लूसर्न (रिजका) एवं बरसीम की फसलों में...

Weeds control in main kharif crops भारत की कृषि-अर्थव्यवस्था विभिन्न फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता पर निर्भर करती हैं। कीटों, बिमारियों तथा खरपतवारों के प्रकोप से फसलों के उत्पादन में होने वाली क्षति को बचाकर खाद्यान्नों का उत्पादन अधिक बढ़ाया जा सकता है। फसलों में सर्वाधिक हानि खरपतवारों से होती हैं। खरपतवार (weeds) अवांछित पौधे होते है जिनकी एक निष्चित स्थान व समय पर आवश्‍यकता नहीं होती है और बिना बोए अपने आप उग जाते हैं। इसके कारण खरपतवारों व फसलों के बीच पौषक तत्वों, जल, स्थान, प्रकाश आदि के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती हैं। विभिन्न फसलों की उपज में केवल खरपतवारों के कारण होने वाली क्षति 15-70 प्रतिशत तक हैं।...

मृदा सोलराईजेसन - खरपतवार प्रबंधन के एक अच्‍छी तकनीक The impact of pesticide use on the environment is now well documented, and a more wide spread adoption of integrated weed management strategies and tactics is recommended in sustainable agriculture systems. Soil solarization is a novel technique of controlling soil borne pests including weeds. This hydrothermal process occurs in moist soil which is covered by a transparent plastic film for 4-6 weeks and exposed to sunlight during the warm summer months. The practice was first reported from Germany in 1888 and was first used commercially by USA in 1897. Soil propagules, as weed seeds, offer a wide range of tolerance to high...

Be careful while using weedicides खरपतवारनाशी (Weedicide) आधुनिक कृषि विज्ञान की परम आवश्यकता है। खरपतवार नाशीयों से खरपतवार नियंत्रण करना मजदूरो द्वारा, यंत्रों द्वारा, शारीरिक शक्ति से अधिक मितव्ययी है। किसान भाईयों को खरपतवारनाशी का चयन करने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्‍यान करना चाहिये: खरपतवार का प्रकार। फसल को जख्म। खरपतवार नाशीयों की कीमत मौसम का प्रभाव आधुनिक संरक्षण तरीके जैसे कम जुताई, न के बराबर जुताई। खरपतवार नाशक दवाई खरीदने से पहले आप अवश्य जान लें कि : किस खरपतवार को नियन्त्रण करना है। क्या यह दवाई मिश्रित खरपतवार संख्या के लिए उपयोग हो सकती है। क्या यह दवाई ज्यादा खरपतवार को मार सकती है। इस दवाई का असर कब तक जमीन में रहेगा। इस दवाई का खरपतवार संख्या - नुकसान का कितना रिश्ता है। क्या आप दवाई विश्वसनीय लाईसेन्सधारी दुकान...