अजोला Tag

आधुनिक पशु आहार में अजोला का योगदान  राजस्थान की अर्थव्यस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है तथा पशुपालन कृषि का एक महत्वपूर्ण भाग है। पशुपालन किसानो को विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर प्रदान करता है  जिससे किसानो की आय में वर्द्धि होती है एवं उनकी अर्थवयवस्था में भी  सुधार होता है। अजोला पशुओ के लिये जैविक चारे का काम करता है जिससे उनके दूध में बढ़ोतरी होती है और दूध की गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी होती है अजोला एक जलीय फर्न है, जो पानी में तेजी से  बढ़ती है एवं पानी की सतह पर तैरती रहती है धान की फसल में अजोला को भी नील हरित शैवाल की तरह हरी...

अज़ोला: पशुधन के लिए एक वैकल्पिक और स्थायी चारा एजोला पानी की सतह पर एक नि: शुल्क चल, तेजी से बढ़ती जलीय फ़र्न है। अज़ोला की खेती किसान को पशुधन आहार पूरक की लागत को कम करने में मदद करती है और यह पशुधन, मुर्गी पालन और मछली के लिए पूरक आहार खिलाने के लिए उपयोगी है। यह एक छोटे, सपाट, सघन हरे द्रव्यमान की तरह तैरता है। आदर्श परिस्थितियों में, एजोला संयंत्र तेजी से बढ़ता है, हर तीन दिन में इसका बायोमास दोगुना हो जाता है। भारत में एजोला की सामान्य प्रजाति अज़ोला पिन्नता है। यह ल्यूसर्न और संकर नैपियर की तुलना में उत्कृष्ट गुणवत्ता के प्रोटीन का 4 से 5...

Opuntia an alternate green fodder for arid and semiarid areas पशुपालन व्यवसाय में पशुओं के श्रण पोषण में हरे चारे का महत्वपूर्ण स्थान है। परन्तु घटते जोत आकार के कारण पशु पालकों को अपने पशुओं को वर्ष पर्यन्त हरा चारा उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है।  ऐसी परीस्थिति में कांटा रहित नागफनी ‘अपुन्सिया’ (Opuntia) का उपयोंग पशुओं केे खाने में हरे चारे के रूप मेंं कि‍या  जा सकता है। खासकर देश के शुष्क व अर्धशुष्क क्षेत्रों में, नागफनी का उत्पादन एवं पशु चारे उपयोग करके, हरे चारे की कमी एवं अभाव के दिनों में, पशुओं को समुचित पौष्टिक हरा चारा उपलब्ध कराया जा सकता है। नागफनी के लिऐ खेत का चयन नागफनी को उस स्थान,...

अजोला की खेती और इसका देशी दुधाारु जानवरो के चारे के रुप मे ऊपयोग  अब तक अजोला का इस्तेमाल मुख्यत: धान में हरी खाद के रूप में किया जाता था, लेकिन अब इसमें छोटे किसानों हेतु पशुपालन के लिए चारे हेतु बढती मांग को पुरा करने की जबरदस्त क्षमता हैं।  अजोला खेती की प्रक्रिया किसी छायादार स्थान पर पशुओं की संख्या के अनुसार किसान 1.5 मीटर चौडी, लम्बाई आवश्यकतानुसार (3 मीटर) और 0.30 मीटर गहरी क्यारी बनाये। क्यारी को खोदकर या ईंट लगाकर भी बनाया जा सकता हैं। क्यारी में आवश्यकतानुसार सिलपुटिन शीट को बीछाकर ऊपर के किनारों पर मिट्टी का लेप कर व्यवस्थित कर दें। सिलपुटिन शीट को बिछाने की जगह पशुपालक पक्का निर्माण कर...

अधि‍क दूध उत्पादन के लिये पोषक पशु आहार का महत्व  भारत के ग्रामीण क्षेत्रो में डेरी उद्योग आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है । डेयरी कृषि का एक प्रकार है जो दूध उत्पादन पर केंद्रित है। दूध उत्पादन या डेयरी फार्मिंग भारत में, छोटे  व बड़े स्तर दोनों पर सबसे ज्यादा विस्तृत रूप  में फैला हुआ व्यवसाय है।अपने पशुओं का बेहतर रख-रखाव और उन्हें पौष्टिक चारा खिलने से किसान की आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है डेयरी गायों को दूध उत्पादन, शरीर के रख-रखाव और अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक संतुलित आहार की आवश्यकता होती है।जानवरों के पास हर समय पर्याप्त मात्रा में जल  होना चाहिए ताकि वह अपनी आवश्यकता के अनुसार...

Spirulina (Arthro spira platensis) cultivation for low investment and high income स्पिरोलिना (ऑरथो स्पाइरा प्लैटेंसिस), एक नील हरि‍त शैवाल (Blue green algae) है। यह एक पौष्टिक प्रोटीन आहार पूरक है और इसका उपयोग कई दवाओं के निर्माण और सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाता है। इसमें  प्रोटीन, एंटीऑक्सिडेंट्स, कई विटामिन और खनिज प्रचूर मात्रा पाए जाते है। स्वस्थ जीवन शैली के लिए यह एक सूपर फूड के रूप में जाना जाता है। कृषि में बढती लागत व कम रि‍टर्न के कारण कि‍सान की आय में नि‍रंतर गि‍रावट आ रही है। कि‍सान की आय को बढाने के लि‍ए स्‍पाईरूलि‍ना की खेती में बहुत संभावनाऐ नजर आती है। आजकल एक किलो सूखे स्पिर्युलिन पाउडर (Dry...

Azolla production techniques and benefits of Azolla कृषि उत्पादों की कीमत में अनिश्चितता और कृषि आदानों की तेजी से बढ़ती लागत, भूजल स्तर में गिरावट के कारण कृषि लागत बढ़ गई है, यही कारण है पिछले कुछ वर्षो में पेशे के रूप में खेती के प्रति किसानों का आकर्षण कम हो रहा है। इस समस्या के समाधान के लि‍ए अजोला की खेती बहुत ही लाभकारी हो सकती है। अजोला एक महत्वपूर्ण  बहुगुणी फर्न  है जिसका उपयोग पशुओं, मछली एवं कुक्कुट के चारे के रूप में उपयोग किया जाता है और इसकी कास्त लागत भी बहुत कम (एक रुपय प्रति कि.ग्रा.)  होती है। अजोला  तेजी से बढ़ने वाली एक प्रकार की जलीय फर्न है,  जो पानी की सतह पर छोटे - छोटे समूह में...

Green fodder production with guinea grass  बहुवर्षीय हरे चारे के लिए गिनी घास का महत्वपूर्ण योगदान है| गिनी घास (Panicum maximum Jacq.) का जन्म स्थान गिनी, अफ्रीका को  बताया जाता है| ये बहुत ही तेजी से बढने वाली और पशुओ के लिए  एक स्वादिस्ट घास है|   इससे वर्ष मैं 6-8 कटाई तक कर सकते है| भारत में यह घास 1793 में आई| इसमें 10-12 प्रतिशत क्रूड प्रोटीन, रेशा 28-36 प्रतिशत, NDF 74-75 प्रतिशत , पत्तो की पाचन क्षमता  55-58 %, लिगनिन  3.2-3.6 प्रतिशत होती है| गिनी घास के लि‍ए जलवायु गिनी घास  गर्म मौसम की फसल है घास के लिए उपयुक्त तापमान, 31 डिग्री सेंटीग्रेड  चाहिए और 15 डिग्री सेंटीग्रेड के नीचे इसकी...

Azolla is a boon for livestock राजस्थान की अर्थव्यवस्था में पश्‍ाुपालन की सदैव महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पशुपालन व्यवसाय लघू और सीमान्त किसानों, ग्रामीण महिलाओं और भूमिहीन कृषि श्रमिकों को रोजगार के पर्याप्त व सुनिश्‍चित अवसर देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ठोस आधार प्रदान करता है। प्राय: मानसून के अलावा पशुओं को फसल अवशेषों एवं भूसे आदि पर पालना पड़ता है जिससे पशुओं की बढोतरी, उत्पादन एवं प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस समस्या से उभरने के लिए पशुपालकों को अजोला फर्न की खेती आश्‍वयक रूप से की जनीत चाहिए। अजोला के गुण:- अजोला जल सतह पर मुक्त रूप से तैरने वाली जलीय फर्न है। यह छोटे छोटे समूह में सद्यन हरित...

Azolla: An awesome and amazing Plant अजोला  तेजी से बढ़ने वाली एक प्रकार की जलीय फर्न है, जो  पानी की सतह पर तैरती रहती है। धान की फसल में नील हरित काई की तरह अजोला को भी हरी खाद के रूप में उगाया जाता है और कई बार यह खेत में प्राकर्तिक रूप से भी उग जाता है। इस हरी खाद से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और उत्पादन में भी आशातीत बढ़ोत्तरी होती है।   एजोला की सतह पर नील हरित शैवाल सहजैविक के  रूप में विध्यमान होता है। इस नील हरित शैवाल को  एनाबिना एजोली के  नाम से जाना जाता है जो  कि वातावरण से नत्रजन के  स्थायीकरण के  लिए...