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Green fodder production technique पशुओं की उत्पादन क्षमता उनको दिए जाने वाले आहार पर निर्भर करती है। पशुओं को संतुलित आहार दिया जाय तो पशुओं की उत्पादन क्षमता को निश्चित ही बढ़ाया जा सकता है।  हरे चारे के प्रयोग से पशुओं को आवश्यकतानुसार शरीर को विटामिन ’ए’ एवं अन्य विटामिन मिलते हैं।  इसलिए प्रत्येक पशुपालक को अपने पशुधन से उचित उत्पादन लेने के लिए वर्ष पर्यन्त हरा चारा खिलाने का प्रबन्ध अवश्य करना चाहिए। पशुओं से अधिक दुग्ध उत्पादन लेने के लिए किसान भाईयों को चाहिए कि वे ऐसी बहुवर्षीय हरे चारे की फसले उगाऐं  जिनसे पशुओं को दलहनी एवं गैरदलहनी चारा वर्ष भर उलब्ध हो सकें।  रबी एवं खरीफ के लिए पौष्टिक हरा चारा...

शकरकंद - पशुधन चारे का एक उत्‍तम स्रोत Sweet potato (Ipomoea batatas) is an annual crop in tropical countries. its vines and roots are used as an excellent source of animal feed. It is high in starch, protein and vitamins. Different varieties of sweet potatoes are planted in the rainy season and harvested after 5 to 6 months. Yield varies from 30 to 35 t/ ha. The vines, foliage and roots can be used as forage for  cattle, sheep, goat, pig, poultry and rabbit production without any adverse effect on growth, milk and meat production. It also can be used as silage in lean period. Sweet potato (Ipomoea batatas) is a dicotyledonous plant...

Application technique and benifits of Green manure बिना सड़े-गले हरे पौधे (दलहनी अथवा अदलहनी अथवा उनके भाग) को जब मृदा की नत्रजन या जीवांश की मात्रा बढ़ाने के लिए खेत में दबाया जाता है तो इस क्रिया को हरीखाद देना कहते है। सिमित संसाधनो के समुचित उपयोग हेतु कृषक एक फसली, द्वीफसली कार्यक्रम व विभिन्न फसल चक्र अपना रहे है जिससे मृदा का लगातार दोहन हो रहा है जिससे उसमें उपसिथत पौधों के बढ़वार के लिए आवश्यक पोषक तत्व नष्ट होते जा रहें है। इस क्षतिपूर्ति हेतु विभिन्न तरह के उर्वरक व खाद का उपयोग किया जाता है। उर्वरक द्वारा मृदा में सिर्फ आवश्यक पोषक तत्व जैसे नत्रजन] स्फुर, पोटाश, जिंक इत्यादि...