अरहर Tag

Water requirements of major crops and their critical states फसलों से अधिक व अच्छी पैदावर लेने के लिये उनकी सिंचाई के लिये विभिन्न क्रांतिक अवस्थाओं पर मृदा में पर्याप्त मात्रा में नमी का होना अति आवश्यक है। फसलो में क्रांतिक अवस्थाए वे अवस्थाएं कहलाती है, जिन पर फसलों में सिंचाई करने या न करने से पैदावार में प्रभाव पडता है अर्थात सिंचाई करने से पैदावार में आशातीत बढोतरी होती है और इन क्रांतिक अवस्थाओं पर फसलो में सिंचाई न करने से पैदावर में कमी आती है। इसके साथ साथ फसलों में उचित समय पर सिंचाई न करने से भी पौधों की उचित वृद्धि नहीं हो पाती जिसका पैदावार पर प्रतिकुल प्रभाव पड्ता...

विलक्षण गुण सम्पन्न दलहनी फसल अरहर की खेती  अरहर की दाल को तुवर भी कहा जाता है। जो खरीफ की फसल के साथ बोई जाती है।इसकी हरी पत्तियां पशुओं के चारे के रूप में खिलाई जाती है तथा फसल के पकने पर इसकी लकड़ी ईधन के रूप में काम आती है। इसमें खनिज, कार्बोहाइड्रेट, लोहा, कैल्शियम आदि पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके दानों के ऊपर का छिलका पशुओं के खिलाने के काम आता है। दलहन प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत है जिसको आम जनता भी खाने में प्रयोग कर सकती है, लेकिन भारत में इसका उत्पादन आवश्यकता के अनुरूप नहीं है। यदि प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ानी है तो दलहनों का...

Agricultural work to be carried out in the month of June धान फसल: यदि‍ मई के अन्‍ति‍म सप्‍ताह में धान की नर्सरी नही डाली हो तो जून के प्रथम पखवाडे तक पूरा कर ले। सुगंधि‍त धान की प्रजाति‍यों की नर्सरी जून के तीसरे सप्‍ताह मे ही डालनी चाहि‍ऐ। एक हैक्‍टेयर क्षेत्रफल में धान की रोपाई के लि‍ए 800 से 1000 वर्ग मीटर नर्सरी क्षेत्र की आवश्‍यकता होती है। प्रमुख कि‍स्‍मे - पूसा 1509, 1612, पूसा बासमती 5,6, पूसा 1121, पूसा आरएच 10  सब्‍जि‍यॉं : बै्ंगन, मि‍र्च व अगेती फूलगोभी की नर्सरी तैयार करें। बैंगन की कि‍स्‍मे: गोल फल- पूसा उत्‍तम, पूसा संकर 6 व 9, लम्‍बे फल- पूसा श्‍यामला, पूसा कौसल, पूसा संकर 5 व 20, छोटे...

Agricultural work to be carried out in the month of July धान फसल: धान की मध्‍यम व देर से पकने वाली प्रजाति‍यों की रोपाई पहले पखवाडे में, शीघ्र पकने वाली कि‍स्‍मों की रोपाई दूसरे पखवाडे में तथा सुगन्‍धि‍त कि‍स्‍मों की रोपाई अन्‍ति‍म पखवाडे मे कर दें। धान की रोपाई से पूर्व 25 कि‍ग्रा / हैक्‍टेअर की दर से जि‍ंक सल्‍फेट खेत में मि‍ला दें परन्‍ते ध्‍यान रखें कि‍ फास्‍फोरस वाले उर्वरकों के साथ जि‍ंक सल्‍फेट कभी भी ना मि‍लाऐं। धान में खैरा रोग के लक्षण दि‍खाई देने पर प्रति‍ हैक्‍टेयर 5 कि‍ग्रा जि‍ंक सल्‍फेट व 2.5 कि‍ग्रा चूना 800 लि‍टर पानी में घोलकर छि‍डकाव करें। सब्‍जि‍यॉं : भि‍ण्‍डी, सेम, लोबि‍या, चौलाई तथा कद्दू वर्गीय सब्‍जि‍यों की...

 दलहनी फसल अरहर में एकीकृत रोग प्रबंधन Pigeon pea is an important pulse crop and has major role in food and nutritional security because it is a rich source of protein, minerals and vitamins. The cultivated area and production of pigeonpea have recorded a steady positive growth in the past 50 years, but the mean national productivity has remained unchanged at around 700 kg/ha. To increase its productivity, breeders are trying to develop suitable varieties with subjective spread, growth, duration, disease and pest resistance under varied agro-climatic growing conditions.  Diseases are a continual problem and control measures must be planned for developing sustained production. Each condition that affects plant growth also affects the disease...

Grow pest attracting plants and protect your crops from harmful pests  फसल उत्पादन को प्रभावित करने वाले कारकों में कीटों की भूमिका अहम रहती है। विभिन्न प्रकार के कीट जैसे-माहो, थ्रिप्स, लीफ हापर आदि अपने मुख के विभिन्न भागों से फसलों , फलों, सब्जियों एवं खाघानों को चूसकर, कुतर कर, खाकर एवं उसमें घुसकर हानिकारक पदार्थ छोडतें है, जिससे फसल तो खराब होती ही है साथ ही उसकी गुणवत्ता व बाजार मूल्य कम हो जाती है और किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पडता है। कीट आकर्षित करने वाली फसलें, कीटों के आक्रमण को कीटनाशी केे प्रयोग के बि‍ना रोककर, किसानों की आय को लगभग 10-30 प्रतिशत तक बढा सकती है। कीट आकर्षित फसलें विभिन्न प्रकार...

अरहर के मुख्‍य रोगों तथा कीटों का एकीकृत प्रबंधन Pigeonpea (Cajanus cajan (L.) Millsp.) is one of the most important legume crops of India. It is known as red gram, arhar and tur in the country. It is an important source of proteins (22%) along with carbohydrates, fibre, certain minerals viz., iron, calcium, magnesium, zinc, iodine, potassium and Phosphorous and ‘B’ complex vitamins.  Pigeonpea stalks are also a major source of firewood and live stock feed. India is the world’s largest producer and consumer of pulses including pigeonpea. About 90% of the global pigeonpea area is in India contributing to 93% of the global production. It occupies 4.9 m ha area...

Disease management measures in Arhar (Pigeonpea) crop अरहर खरीफ की मुख्य दलहनी फसल है | दलहनी फसलों में चना के बाद अरहर का स्थान है| अरहर अंतर फसल एवं बीच के फसल के रूप में उगाई जाती है, अरहर ज्वार, बाजरा, उर्द एवं कपास के साथ बोई जाती है |अन्य फलों की तरह अरहर में भी रोग का प्रकोप होता है जिनमें से कुछ रोगों के संक्षिप्त विवरण एवं प्रबंधन नीचे दर्शाया गया है | अरहर की फसल में उकठा रोग (विल्ट) :- यह रोग फ्यूजेरियम नामक कवक से होता है | इस रोग में पौधा पीला पड़कर सुख जाता है | फसल में फूल एवं फल लगने की अवस्था में एवं बारिश...