कृषि‍ कार्य Tag

Agricultural Weather Forecasting and Crop Management किसी भी क्षेत्र का कृषि उत्पादन उस क्षेत्र विशेष में पाये जाने वाले बहुत से जैविक, अजैविक, भौतिक, सामाजिक व आर्थिक कारकों पर निर्भर करता है। मुख्यत: जैविक व अजैविक कारकों में मुख्य रूप से मौसमी तत्व, मिट्टी का स्वास्थय, जल संसाधन, फसलों के प्रकार व विभिन्न प्रजातियाँ, फसलों में होने वाली बीमारियाँ, कीट इत्यादि का प्रकोप आते है। सामाजिक व आर्थिक कारकों में कृषि प्रबन्धन को प्रभावित करने वाले कारक जैसे: कृषि लागत, संसाधनों का उपयोग, श्रमिकों की उपलब्धता, उर्वरक, रसायन, सिंचाई के जल की उपलब्धता, सरकारी नीतियाँ इत्यादि आते है। इन सभी उत्पादन के लिए जिम्मेदार कारकों में मौसमी कारक सबसे ऊपर आते है। मौसमी...

Major agricultural activities in fruit crops in July जुलाई का महीना फल वाली फसलों व अन्य फसलों के लिए महत्वपूर्ण महीनों में से एक है क्योकि, जुलाई का महीना जिसे आषाढ़-श्रावण भी कहते है। एक लम्बी गर्मी या सूखे मौसम के पश्चात तपती हुई धरती को ठंडा करने के लिए मानसून लेकर आता है व पेड़-पौधों को प्रकृति के आशीर्वाद स्वरुप वर्षा जल की प्राप्ति होती है। वर्षा के पश्चात सारा खेत-खलिहान हरियाली से भर उठता है। फल वाली फसलों में अनेक कृषि कार्य जुलाई के महीने में किये जाते है, जैसे- अनेक फल पौधों की रोपाई, बीजू पौधों के बीज की बुवाई, जल निकास की व्यवस्था, उर्वरक प्रबंध, खरपतवार नियंत्रण, अंतर्वर्ती फसलों...

Agricultural work to be carried out in the month of August धान फसल: गैर बासमती धान की अधि‍क उपज वाली कि‍स्‍मों में रोपाई के 25 से 30 दि‍न बाद 30 कि‍लो नाइट्रोजन यानि‍ 65 कि‍लो यूरि‍या प्रति‍ हैक्‍टेअर तथा बासमती कि‍स्‍मों मे 15 कि‍लोग्राम नाइट्रोजन (33 कि‍ग्रा यूरि‍या) प्रति‍ हैक्‍टेयर की टापॅ ड्रेसि‍ंग कर दें। इतनी ही मात्रा से दूसरी व अन्‍ति‍म टॉप ड्रेसि‍ंग रोपाई के 50-55 दि‍न बादे करें  ध्‍यान रखे की टॉप ड्रेसि‍ंग करते समय खेत मे पानी 2-3 सेमी से अधि‍क ना हो। धान के तना छेदक कीट की रोकथाम के लि‍ए, जब खेत में 4.5 सेंमी पानी हो, प्रति‍ हैक्‍टेयर 20 कि‍ग्रा कार्बोफयूरान दवा का प्रयोग करें अथवा क्‍लोरोपायरीफास 20...