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गेहूँ की उन्नत किस्में एवं उत्पादन तकनीकी भारत में चावल के बाद गेंहूँ एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है जिसकी खेती शीत ऋतू में की जाती है| गेहूँ के दानों का उपयोग अनेकों प्रकार के भोज्य पदार्थ बनाने में किया जाता है| इसके दानों में कार्बोहाइड्रेट (60-68%) और प्रोटीन (8-12%) मुख्य रूप से पाए जाते है| इसकी भूसी का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है| गुणवत्ता व उपयोग के आधार पर गेंहूँ को दो श्रेणियों मे विभाजित किया गया है-मृदु गेहूँ (ट्रिटिकम ऐस्टिवम) एवं कठोर गेहूँ (ट्रिटिकम ड्यूरम)। ट्रिटिकम ऐस्टिवम की खेती देश के सभी क्षेत्रों में की जाती है जबकि डयूरम की खेती पंजाब एवं मध्य भारत में...

Karnal bunt disease of wheat: condition and direction करनाल बंट टिलेशिया इंडिका नामक कवक से उत्पन्न होने वाला गेहूँ की फसल का एक मुख्य रोग है। यह रोग विशेष रूप से भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलता है। यद्यपि आज तक भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में करनाल बंट की कोई महामारी दर्ज नहीं की गयी है किन्तु अति संवेदनशील गेहूँ की प्रजातियों में पुष्पावथा के समय (फरवरी-मार्च) में जब उच्च आर्द्रता होती है, तब 30-40 प्रतिशत तक गेहूँ की फसल करनाल बंट से संक्रमित पायी गयी है अखिल भारतीय गेहूँ एवं जौ समन्वित अनुसन्धान परियोजना 2019 के तहत किये गये पोस्ट हार्वेस्ट सर्वे के दौरान कुल...

Wheat a sustainable alternative for nutrition and food security भारत वर्ष भौगोलिक विविधताओंसे परिपूर्ण एक कृषि प्रधान देश है, जो कि सभी प्रकार की फसलों, फल, फूलों एवं सब्जियों के उत्पादन की दृष्टि से अति उत्तम है। इस तरह की खूबियाँ अन्य देशों में शायद ही देखने को मिलती हों। फसल सत्र 2020-21 के दौरान हमारा देश 108.8 मिलियन टन गेहूँ का उत्पादन करके विश्व में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। गेहूँ दुनिया भर के सबसे महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों में से एक है। यह लगभग 250 करोड़ से अधिक लोगों का मुख्य भोजन है, इससे दुनिया भर में खपत होने वाले प्रोटीन के 20 प्रतिशत हिस्से की पूर्ति होती है।...

उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के लिये गेहूँ की उन्नतशील प्रजातियाँ एवं उत्पादन तकनीकियाँ विश्व स्तर पर भारत गेहूँ उत्पादन में दूसरे स्थान पर है एवं कुल खाद्य पदार्थों के उत्पादन में 34 प्रतिशत योगदान करता है। वर्ष 1964-65 के दौरान देश में गेहूँ का उत्पादन महज 12.3 मिलियन टन था जो कि 2020-21 के दौरान 108.75 मिलियन टन (तृतीय आग्रिम अनुमान) तक पहुँच गया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमें मजबूत शोध कार्यों और संगठित प्रसार कार्यक्रमों के द्रारा ही संभव हुई है। कृषि जलवायु स्थिति के व्यापक विविधता के आधार पर भारत को 5 विभिन्न क्षेत्रों मे बाँटा गया है जोकि उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों (12.62 मिलियन हैक्टर), उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों...

Wheat grain, treasure for health विभिन्न प्रकार की जलवायु, मृदा एवं उत्पादन दशाओं में उगाई जाने वाली गेहूँ एक विश्वव्यापी महत्वपूर्ण फसल है। विश्वस्तर पर मनुष्यों के लिए पारम्परिक, प्राकृतिक, फाइबर से भरपूर एवं उर्जादायक भोजन की बढ़ती मांग की आपूर्ति के लिए गेहूँ को खाद्य पदार्थ के रुप में उपयोग किया जाता है। भारत में उत्पादित कुल खाद्यान्न में 36.7प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ खाद्य टोकरी की खपत में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा गेहूँ को बड़े पैमाने पर खरीदा जाता है, जिसे भारत की अधिकांश आबादी को खाने के लिए वितरित किया जाता है। अनाजों से मिलने वाली ऊर्जा में गेहूँ...

Wheat's contribution in prevention of malnutrition विश्व में गेहूँ सबसे व्यापक रूप से खेती की जाने वाली खाद्यान्न फसल है। यह दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी के लिए कुल आहार कैलोरी एवं प्रोटीन का 20 प्रतिशत योगदान देने वाला एक मुख्य भोजन है। भारत में उत्पादित कुल खाद्यान्न में 36.7 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ खाद्य टोकरी की खपत में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा गेहूँ को बड़े पैमाने पर खरीदा जाता है, जिसे खाने के लिए अधिकांश आबादी को वितरित किया जाता है। अनाजों से मिलने वाली ऊर्जा में गेहूँ सबसे सस्ते स्रोतों में से एक है, इसकी खपत से प्रोटीन (20...

गेहूँ उत्पादन की टिकाऊ एवं प्रभावी प्रौद्योगिकियाँ भारत में गेहूँ लगभग 31.17 मिलियन हैक्टर क्षेत्रफल पर उगाया जाता है जो कुल फसल क्षेत्रफल का 24.94 प्रतिशत है। जिसमें पाँच कृषि जलवायु क्षेत्र उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र, उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र, उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं प्रायद्वीपीय क्षेत्र शामिल हैं। वर्ष 2019-20 के दौरान इन क्षेत्रों का कुल खाद्यान्न उत्पादन में 36.79 प्रतिशत का योगदान है। गेहूँ दुनिया भर के सबसे महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों में से एक है। यह लगभग 250 करोड़ से अधिक लोगों का मुख्य भोजन है, इससे दुनिया भर में खपत होने वाले प्रोटीन के 20 प्रतिशत हिस्से की पूर्ति होती है। गेहूँ भारत वर्ष की एक प्रमुख खाद्यान्न...

बीजोपचार - गेहूँ की स्वस्थ फसल का आधार  भारत में उगाई जाने वाली खाद्यान्न फसलों में गेहूँ एक प्रमुख फसल है जो समस्त भारत में लगभग 30.31 मिलियन हैक्टर क्षेत्रफल पर उगाई जाती है जो कुल फसल क्षेत्रफल का लगभग 24.25 प्रतिशत है । फसल सत्र 2019-20 के दौरान भारत में 107.59 मिलियन टन गेहूँ का उत्पादन हुआ । कृषि उत्पादकता और उत्पादन में निरंतर वृद्धि के लिए बीज एक महत्वपूर्ण आवक है क्योंकि लगभग 90 प्रतिशत खाद्यान्न फसलें बीज से ही तैयार की जाती हैं । कृषि क्षेत्र में बीज की भूमिका का भारत जैसे विकासशील देश में बहुत महत्व है जहाँ की जनसंख्या मूलभूत आवश्यकताओं और रोजगार के लिए कृषि...