जलीय कृषि Tag

Best management practices (BMP) for sustainable aquaculture management  The creation of best management practices or BMPs has the potential to reduce the unfavorable image of aquaculture and reduce the likelihood of harmful effects on the aquatic environment, which is already sensitive. Helping farmers manage their facilities more financially and efficiently while complying with wastewater discharge regulations is the major objective of BMP development. एशिया, विशेष रूप से दक्षिण एशियाई देश मुख्य रूप से भारत और बांग्लादेश, जो वैश्विक स्तर पर क्रमशः दूसरे और पांचवें स्थान पर हैं, दुनिया का लगभग 90% समुद्री भोजन पैदा करते हैं। कपड़ों के बाद मत्स्य पालन और जलीय कृषि बांग्लादेश के शीर्ष निर्यात अर्जक बने हुए हैं।...

Aquaponics revolution for fisheries एक्वापोनिक्स मछली पालन (जलीय कृषि) को हाइड्रोपोनिक्स (मिट्टी रहित पौधों की खेती) के साथ जोड़कर, भोजन उगाने का एक आकर्षक और टिकाऊ तरीका है। इस बंद-लूप प्रणाली में, मछली का कचरा पौधों के लिए पोषक तत्व प्रदान करता है, जबकि पौधे मछली के लिए पानी को फ़िल्टर और शुद्ध करते हैं। यह एक सहजीवी संबंध बनाता है, अपशिष्ट को कम करता है और संसाधन दक्षता को अधिकतम करता है। एक्वापोनिक्स प्रणाली के घटक हैं मछली, पौधे, बढ़ते मीडिया (बजरी, मिट्टी के कंकड़, या अन्य निष्क्रिय सामग्री पौधों के विकास का समर्थन करते हैं), सिस्टम प्रकार (रीसर्क्युलेटिंग सिस्टम छोटे घरेलू सेटअप से लेकर बड़े वाणिज्यिक खेतों तक आकार और...

Effects of microplastics in aquaculture products on Human health हाल के वर्षों में, समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पर इसके प्रतिकूल प्रभाव और मानव स्वास्थ्य के लिए संभावित खतरों के कारण माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे ने महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है। माइक्रोप्लास्टिक्स छोटे प्लास्टिक कण होते हैं जिनका आकार ५ मिलीमीटर से कम होता है, जो अक्सर बड़ी प्लास्टिक वस्तुओं के टूटने या व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों में माइक्रोबीड्स के सीधे निकलने से उत्पन्न होते हैं। ये कण महासागरों, नदियों और झीलों सहित जलीय वातावरण में व्यापक रूप से वितरित होते हैं। दुर्भाग्य से, माइक्रोप्लास्टिक ने जलीय कृषि प्रथाओं के माध्यम से हमारे द्वारा उपभोग किए जाने वाले भोजन, जैसे मछली, में भी अपना...

Strategies to increase youth participation in small-scale fisheries and aquaculture The study evaluates strategies to increase youth participation in small-scale fisheries and aquaculture, discusses various youth engagement challenges youth are facing, and discusses strategies to promote youth participation in aquaculture. Strategies to increase youth participation in small-scale fisheries and aquaculture युवावस्था को आमतौर पर बचपन और परिपक्वता के बीच का समय समझा जाता है, हालांकि, इसे परिभाषित करने के लिए विभिन्न देशों और संगठनों द्वारा उपयोग की जाने वाली आयु समूह में काफी भिन्नता होती है और अक्सर 15 से 35 तक होती है। हालाँकि, युवाओं को केवल उनकी कालानुक्रमिक उम्र के आधार पर परिभाषित करना भ्रामक हो सकता है क्योंकि युवा कई कारकों...

जलीय कृषि में स्वदेशी तकनीकी ज्ञान की भूमिका The Indigenous technological (ITK) in aquaculture predominantly related to farm inputs has been developed by the farmers themselves, based on their experiences. Farmer’s innovation is based on their indigenous knowledge. The indigenous knowledge is the accumulated knowledge, skills and technology of the local farmer derived from the interaction of the ecosystem. The knowledge has been inherited from generation to generation. This radically changes the use of fertilizers and devised some unique right-hand thumb rule for disease diagnosis and treatment without the costly antibiotics and chemotherapeutic agents which is mostly useful for middle fish farmers. 1. Garlic and Fenugreek- As a fish attractant - Some farmers...

जलीय कृषि में असवेंदनता दवाइयों का उपयोग  मछलियाँ सवेदन शील जीवों में से एक होती है इन्हे पकड़ने, यातायात एवं किसी भी बीमारी से बचाव के लिए दवाई दिए जाने के वक्त यह बहुत ही जल्दी तनाव में आ जाती है जिसके कारण कई बार मछलियों को शारीरक चोट पहुच जाती है तो कई बार मछलियों के इन तनावों के कारण मृत्यु भी हो  जाती है जिससे प्रमुख हानि मछली पालकों को होता है इन सभी हानियों को चेतना शून्य करने वाली औषधियों का उपयोग करके कम किया जा सकता है।  इस औषधि के उपयोग से मछलियों में तिलमिलाहट कम हो जाती है जिससे आसानी से मछलियों को पकड़ा एवं एक जगह...

जलीय कृषि में एंटीबायोटिक दवाईयों का महत्‍व  जलीय जीवों में बहुत प्रकार की बीमारियाँ पाई जाती है। मछलियाँ बहुत ही सवेदनशील होती है जिसके कारण मछलियों में बहुत जल्दी जीवाणुओं का संक्रमण हो जाता है जिससे मछलियाँ कमजोर हो जाती है और कई बार बहुत सी मछलियाँ मर भी जाती है । इससे  किसानो की उत्पादकता में कमी आति है और जितना लाभ मिलना चाहिए उतना  नहीं मिल पाता है । बीमारि‍यों से होने वाली हानि को रोकने अथवा कम करने के लिए मछलियों में कोई बीमारी आने पर कुछ प्रतिजैविक का उपयोग कि‍या जा सकता है और मछलियों का बहेतर उत्पादन करके अधि‍क लाभ कमाया जा सकता है| प्रतिजैविक दवाऐं या एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)...