16 Mar Selection and storage of fish meal for aquaculture
जलीय कृषि के लिए मत्स्य आहार का चयन एवं भंडारण
जलकृषि में जलीय संवर्धन के विभिन्न तरीकों से मत्स्य उत्पादन की बढ़ती हुई क्षमता को देखते हुए मत्स्य किसानों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले संतुलित मतस्य आहार की काफी आवश्यकता है। जलकृषि से विश्व मत्स्य उत्पादन जो ९० के दशक में लगभग १५.२ मिलियन टन था आज बढ़कर लगभग ६३.६ मिलियन टन हो गया है (एफ.ए.ओ. ,२०१२)।
विश्व मत्स्य उत्पादन में आये इस वृद्धि का मुख्य कारण जलकृषि में उत्तम मत्स्य आहार का इस्तेमाल है । मछलियों की उत्तम वृद्धि एवं आर्थिक रूप से पालन को सफल बनाने हेतु आहार खिलाने के तौर- तरीके एवं इसकी आवृति बहुत ही महत्वपूर्ण है ।
मछलियों को स्वस्थ विकास और उपापचय के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले संतुलित पोषण आहार की आवश्यकता होती है। मत्स्य आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्व होने चाहिए। आहार सामग्री को वैज्ञानिक रूप से विकसित अनुपात के अनुसार ही चुनाव और मिश्रित किया जाना चाहिए।
जलीय संवर्धन में मत्स्य आहार के लिए चयन मापदंड :
भौतिक स्थिति:
- पैलेट का आकार समान होना चाहिए
- आहार में धूल की मात्रा कम होनी चाहिए
- पैलेट को डूबना चाहिए
- पैलेट की सतह चिकनी होनी चाहिए
- पैलेट को सूखा होना चाहिए
पानी में स्थिरता:
- आहार की जल स्थिरता लगभग 2-3 घंटे होनी चाहिए। आठ घंटे से अधिक की स्थिरता और 1 घंटा से कम मत्स्य पालन के लिए अच्छा नहीं है।
आकर्षण / सामर्थ्य:
- आहार में अच्छी आकर्षण क्षमता होनी चाहिए और आहार की खरीद से पहले जाँच की जानी चाहिए।
- आहार में अच्छी मत्स्ययुक्त गंध होनी चाहिए।
- अच्छा आहार जब चबाया जाता है तो मछली का चुरा ( फिश मील) होने के कारण स्वाद में उपयुक्त लगता है तथा इसके विपरीत, पुराना आहार जीभ पर सुन्नता का कारण बनता है।
पोषण की गुणवत्ता:
- मत्स्य आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए ताकि उनकी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
- पोषण स्थिति आम तौर पर फीडबैग पर उल्लिखित रहती है।
जलीय संवर्धन में उपयोग किए जाने वाले आहार के रूप:
- फ्लोटिंग आहार (प्रायः मछलियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गोली)
- डूबते हुए आहार (प्रायः झींगा एवं तलहटी जलीय जीवों के लिए सिंकिंग पैलेट का इस्तेमाल किया जाता है)
जीवन चक्र के चरण के अनुसार आहार के प्रकार :
स्टार्टर फीड
- यह आहार बहुत ही महत्वपूर्ण है एवं इसे सही समय और सही प्रकार से उपयोग में लाया जाना चाहिए ।
- 50-70 माइक्रोन, (ज्यादातर माइक्रोएन्काप्सुलेटेड आहार उपयोग में करते हैं)।
फ्राई फीड (पोना आहार)म
- यह आहार प्रायः अनरूपान्तरित युवा अवस्था में टुकड़े -टुकड़े एवं पेस्ट के रूप में खिलाया जाता है ।
- गुच्छे के रूप में
- 50- 0.75 ग्राम मछली
- मिमी आकार का पैलेट
- आम तौर पर सूखा या अर्ध-नम
फिंगरलिंग फीड (अंगुलिका आहार)
- यह आहार प्रायः कम प्रोटीन और टुकड़े -टुकड़े के रूप में उपयोग में लाया जाता है
- 1 -20 ग्राम मछली
- 2-2.4 मिमी पैलेट का आकार
- फ्राई फीड की तुलना में 10-15% कम प्रोटीन
ग्रो–आउट फीड
- अधिकतम लागत
- > 15-20 ग्राम मछ्ली
- > 4 मिमी से पैलेट का आकार
ब्रूडस्टॉक फ़ीड
- यह आहार प्रायः सेक्स परिपक्वता और जनन विकास के लिए उपयोग में लाया जाता है
- ई.एफ.ए. और कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार
प्रोडक्ट क्वालिटी फ़ीड–
- उपभोक्ता की स्वीकार्यता के अनुरूप
- वसा रहित आहार (कॉमन कार्प)
भंडारण के दौरान आहार गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आवश्यक उपाय:
- आहार को सूखे, ठंडे और हवादार क्षेत्र में भण्डारण करें।
- लकड़ी के स्पेसर्स पर आहार संग्रहीत किया जाना चाहिए तथा वायु संचालन को बनाए रखने के लिए 5 से अधिक बैग एक ऊंचाई में नहीं रखने चाहिए ।
- आहार को सीधे सूरज की रोशनी में संग्रहीत नहीं किया जाना चाहिए। यह फ़ीड के विटामिन और लिपिड की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
- आहार को लंबी अवधि के लिए संग्रहीत नहीं किया जाना चाहिए।
- 2-3 महीने के भीतर आहार का उपयोग किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
- मत्सय आहार के उचित भंडारण के लिए आम तौर पर आहार को इस तरह से संग्रहित किया जाना चाहिए कि आहार के ढेर फर्श या साइड की दीवारों को न छूएं।
- स्टोर को 100% पानी रहित होना चाहिए ।
- एक आर्द्रता रहित भंडारण सुविधा संग्रहीत करने के लिए आदर्श मानी जाती है।
- आहारों के ढेर को इस तरह से व्यवस्थित किया जाना चाहिए कि जल्द से जल्द खरीदे जाने वाले आहारों की पहुंच पहले हो सके ।
- फीड बैग को अच्छी तरह से लेबल किया जाना चाहिए जिसमे, खरीद की तारीख और समाप्ति की तारीख इत्यादि अच्छी तरह उल्लिखित होनी चाहिए ।
- कीट के नुकसान को कम करने के आवशयक उपाय करने चाहिए ।
- दुकान के माध्यम से एक सतत प्रारूप सुनिश्चित करने के लिए उचित वेंटिलेशन सबसे वांछनीय है।
लेखक
पंकज कुमार
वैज्ञानिक
भा. कृ. अनु. प.- केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, रोहतक केंद्र, लाहली (124411, हरियाणा, भारत
E mail. kumarpankajfnb@gmail.com
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