Author: Krishisewa NA

Holistic approach of integrated nutrient management for agricultural development in Bihar बिहार, भारत का एक प्रमुख कृषि प्रधान राज्य है, जिसकी अर्थव्यवस्था और आजीविका का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के लगातार क्षय के बीच, कृषि उत्पादन को बढ़ाने और टिकाऊ बनाने के लिए समेकित पोषक तत्व प्रबंधन (आईएनएम) की आवश्यकता बढ़ गई है। यह दृष्टिकोण मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखते हुए उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न पोषक स्रोतों के संतुलित और कुशल उपयोग पर आधारित है। समेकित पोषक तत्व प्रबंधन का महत्व मृदा की उर्वरता बनाए रखना: मृदा की उत्पादकता लंबे समय तक बनाए रखना। पोषक तत्वों की आपूर्ति में संतुलन: जैविक, अजैविक और प्राकृतिक स्रोतों...

Empowering Rural Women through Value Addition: The Success Story of Kumkum SHG, Kera Kheda (KVK Fazilka) ग्रामीण भारत में महिलाओं का सशक्तिकरण केवल परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने तक सीमित नहीं है,  बल्कि यह पूरे समुदाय के सामाजिक और आर्थिक विकास का आधार है। कौशल विकास और आयवर्धन गतिविधियाँ इस दिशा में प्रभावी साधन हैं। जिला फाजिल्का के ग्राम केरा खेड़ा की कुमकुम स्वयं सहायता समूह (SHG) इस बात का प्रेरणादायक उदाहरण है कि लक्षित प्रशिक्षण,  सामूहिक प्रयास और सही मार्गदर्शन से ग्रामीण महिलाएँ आत्मनिर्भरता की राह पर कैसे आगे बढ़ सकती हैं। केवीके फाजिल्का की भूमिका कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), फाजिल्का द्वारा महिलाओं की क्षमता और उद्यमिता को बढ़ावा देने के...

Dragon Fruit: An Modern, Nutritious and Medicinal Fruit  ड्रैगन फ्रूट, हिलोकेरस अनडाटस (Hylocereus undatus) जो केक्टेसि ¼Cactaceae½ परिवार से संबंधित है। ड्रैगन फ्रूट को दुनिया भर में पहले एक सजावटी पौधे के रूप में और फिर एक फल फसल के रूप में मान्यता मिली। यह फल अपने मीठे, हल्के स्वाद, आकर्षक रंग और अद्भुत बनावट के लिए प्रसिद्ध है । इसका फूल इतना सुंदर है कि इसे ‘‘नोबल वुमन‘‘ या ‘‘क्वीन ऑफ द नाइट‘‘ का उपनाम दिया गया है। इसे होनोलुलु रानी, स्ट्रॉबेरी नाशपाती व पिताया फल (मतलब ‘‘पपड़ीदार फल’) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक विदेशी फल है जिसकी उत्पत्ति मध्य अमेरिका, मैक्सिको और दक्षिण अमेरिका से हुई...

Artificial intelligence in minimizing pesticide and water use in agriculture ऐसे बुद्धिमान कंप्यूटरों का निर्माण जो ऐसे कार्यों को कर सकते हैं जिनमें आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)) के रूप में जाना जाता है, जो कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है। उद्योग के सभी पहलुओं में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है। दुनिया के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण व्यवसायों में से एक कृषि और खेती है। इसका अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। विश्व की बढ़ती जनसंख्या के कारण भूमि, जल और अन्य संसाधन समाप्त होते जा रहे हैं, मांग-आपूर्ति चक्र को बनाए रखना असंभव बना रहा है। इस प्रकार, हमें...

Agronomy Management in Sugarcane Crop डॉ. ललिता राणा गन्ना भारत में महŸवपूर्ण औद्योगिक फसलों में से एक है। गन्ना भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में महŸवपूर्ण योगदान देती है। गन्ना उत्पादित करने वाले क्षेत्रों में गामीण अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से गन्ने की फसल एवं चीनी या संबद्ध उद्योग से जुड़ी हुई है। देश की बढ़ती जनसंख्या के फलस्वरूप सन् 2030 तक शर्करा पदार्थों की प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष आवश्यकता 35 किग्रा0 तक पहंुॅंच जाने का अनुमान है जिसमें 20 किग्रा0 चीनी व 15 किग्रा0 गुड़ एवं खण्डसारी सम्मिलित है। अतः इनकी पूर्ति के लिए अधिकतम गन्ना उत्पादन तथा चीनी परता प्राप्त करने की महती आवश्यकता है।   गन्ना के लिए उपयुक्त मौसम गन्ना एक उष्णकटिबन्धीय पौधा है।...

The filtration system in Chinese circular carp hatcheries is integral to maintaining optimal water quality and supporting successful fish breeding and hatching. These hatcheries utilize a continuous flow of water that is filtered through a multi-chambered circular tank, with the inner chamber enclosed by a fine mesh screen. This mesh acts as the primary filter, retaining eggs and larvae while allowing water to pass through, thus preventing loss of valuable spawn and removing debris from the water....

Availability of quality seed to Empower women in seed management डॉ लक्ष्मी प्रिया साहू   बीज कानून 1996 के लागू होने के बाद से सभी क्षेत्रों के वैज्ञानिकों और नीति निर्धारकों ने यह महसूस किया कि बीज बुनियादी इनपुट है और राष्ट्र की उपज क्षमता को साकार करने के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज अपरिहार्य है। राष्ट्रीय बीज निगम, राज्य बीज निगम, राज्य बीज फार्म राष्ट्रीय और स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में गुणवत्ता वाले बीज का उत्पादन करते हैं। हालाँकि विभाग से पर्याप्त मात्रा में प्रमाणित बीज उपलब्ध कराये जाने की बाबजूद भी गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता एक समान नहीं है और दूरदराज के गाँवों में किसान अच्छी गुणवत्ता वाली उच्च...

Scientific cultivation of Niger crop अनुज कुमार चौधरी नाइजर [Guizotia abyssinica (L.f.) Cass.] एक  परपरागण फसल के साथ गुणसूत्र की संख्या २n = ३० होता है। इसे विभिन्न प्रदेशों में अनेकों नामों से जाना जाता है जैसे: रामतिल, जगनी ओट, जटांगी (हिंदी) रामताल (गुजराती), या खुरासानी (मराठी), उहेचल्लू (कन्नड़), पायेल्लु (तमिल), वेरिनुवुलु (तेलुगु), अलशी (उड़िया), सरगुजा (बंगाली), रामतिल (पंजाबी) और सोरगुजा (असमिया) के नाम से जाना जाता है। नाइजर को हालांकि एक छोटी तिलहन फसल माना जाता है। लेकिन इस बीज में १८ से २४ % प्रोटीन के साथ ३२ से ४०% गुणवत्ता वाले तेल की मात्रा पाया जाता है। नाइजर तेल धीरे-धीरे सूखता है, इसका उपयोग भोजन, पेंट,साबुन और एक प्रकाशक के...

Four major diseases of Millet, their symptoms, prevention and control बाजरा की खेती भारत में अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में खासतौर पर की जाती है। बाजरा की फसलें विभिन्न बीमारियों के लिए भी अतिसंवेदनशील होती हैं जिसके कारण बाजरे के पैदावार और गुणवत्ता में काफी कमी हो सकती हैं। बाजरा की फसल को प्रभावित करने वाले आम रोगों में ब्लास्ट रोग, स्मट रोग और इसके अलावा अन्य रोग जैसे- जंग, पत्ती की रोशनी और डाउनी फफूंदी से भी प्रभावित हो सकती हैं। अरगट रोग:  यह बाजरे में होने वाले प्रमुख रोगों में से एक है, जो फसल की पैदावार में भारी कमी ला सकता है। इस रोग के जीवाणु मिट्टी में लंबे समय तक जीवित...

Dragon Fruit Cultivation in Rajasthan: A New Possibility शोजी लाल बैरवा ड्रैगन फल की खेती एक उभरता हुआ और लाभदायक कृषि व्यवसाय है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी एक बड़ी चुनौती है। यह फल (पिटाया या कमलम) कैक्टस परिवार से संबंधित है और कम पानी की आवश्यकता के कारण शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु में अच्छी तरह से उग सकता है। राजस्थान में सरकार के समर्थन और सफल किसान उदाहरणों के कारण ड्रैगन फल की खेती की संभावनाएं बढ़ रही हैं, उदयपुर, धौलपुर, सीकर, भीलवाड़ा और जयपुर जैसे क्षेत्रों में किसान इसे उगा रहे हैं, और यह अर्ध-शुष्क जलवायु में अच्छी तरह से फल दे रहा है। यह फल पोषक...