Author: Krishisewa

Scientific cultivation of Niger crop अनुज कुमार चौधरी नाइजर [Guizotia abyssinica (L.f.) Cass.] एक  परपरागण फसल के साथ गुणसूत्र की संख्या २n = ३० होता है। इसे विभिन्न प्रदेशों में अनेकों नामों से जाना जाता है जैसे: रामतिल, जगनी ओट, जटांगी (हिंदी) रामताल (गुजराती), या खुरासानी (मराठी), उहेचल्लू (कन्नड़), पायेल्लु (तमिल), वेरिनुवुलु (तेलुगु), अलशी (उड़िया), सरगुजा (बंगाली), रामतिल (पंजाबी) और सोरगुजा (असमिया) के नाम से जाना जाता है। नाइजर को हालांकि एक छोटी तिलहन फसल माना जाता है। लेकिन इस बीज में १८ से २४ % प्रोटीन के साथ ३२ से ४०% गुणवत्ता वाले तेल की मात्रा पाया जाता है। नाइजर तेल धीरे-धीरे सूखता है, इसका उपयोग भोजन, पेंट,साबुन और एक प्रकाशक के...

Four major diseases of Millet, their symptoms, prevention and control बाजरा की खेती भारत में अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में खासतौर पर की जाती है। बाजरा की फसलें विभिन्न बीमारियों के लिए भी अतिसंवेदनशील होती हैं जिसके कारण बाजरे के पैदावार और गुणवत्ता में काफी कमी हो सकती हैं। बाजरा की फसल को प्रभावित करने वाले आम रोगों में ब्लास्ट रोग, स्मट रोग और इसके अलावा अन्य रोग जैसे- जंग, पत्ती की रोशनी और डाउनी फफूंदी से भी प्रभावित हो सकती हैं। अरगट रोग:  यह बाजरे में होने वाले प्रमुख रोगों में से एक है, जो फसल की पैदावार में भारी कमी ला सकता है। इस रोग के जीवाणु मिट्टी में लंबे समय तक जीवित...

Dragon Fruit Cultivation in Rajasthan: A New Possibility शोजी लाल बैरवा ड्रैगन फल की खेती एक उभरता हुआ और लाभदायक कृषि व्यवसाय है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी एक बड़ी चुनौती है। यह फल (पिटाया या कमलम) कैक्टस परिवार से संबंधित है और कम पानी की आवश्यकता के कारण शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु में अच्छी तरह से उग सकता है। राजस्थान में सरकार के समर्थन और सफल किसान उदाहरणों के कारण ड्रैगन फल की खेती की संभावनाएं बढ़ रही हैं, उदयपुर, धौलपुर, सीकर, भीलवाड़ा और जयपुर जैसे क्षेत्रों में किसान इसे उगा रहे हैं, और यह अर्ध-शुष्क जलवायु में अच्छी तरह से फल दे रहा है। यह फल पोषक...

भाकृअनुप-भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल की महत्वाकांक्षी परियोजना अखिल भारतीय समन्वित गेहूँ एवं जौ सुधार कार्यक्रम के तहत गेहूँ की 55 जैव-संवर्धित किस्में विकसित की गई हैं। इन किस्मों के अंगीकरण से देश की पोषण एवं खाद्य सुरक्षा को और सुदृढ़ किया जा सकता है।...