Crop disease

Eco-friendly integrated pest management: Dire need of hour कीड़े-मकोड़े फसल की पैदावार को अत्यधिक क्षति पहुँचाते हैं जिससे किसानों का परिश्रम बर्बाद हो जाता है। इन समस्यों के निवारण हेतु किसान रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं । इस बात में कोई संदेह नहीं है कि रासायनिक कीटनाशक कीट प्रबन्धन के सफल हथियार है परन्तु इनके अनेकों दुष्परिणाम भी हैं। जीवनाशी के उपयोग से किसानों के मित्र जीव भी नष्ट हो गए। अधिक जीवनाशी उपयोग करने से जीवनाशी अवशेष फसलों में अधिक दिनों तक बना रहता है जो उपभोक्ता के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक होता है । चना फली भेदक, सेमीलूपर, काला माहूँ जैसे कीटों से बचाव करने के लिए रासायनिक कीटनाशक...

  आम के 9 प्रमुख रोग व उनका नि‍दान कैसे करें The mango (Mangifera indica) is an evergreen fruit tree. It is national fruit of India. It is a juicy stony fruit belonging to family anacardiaceae. The  mango is native to South Asia. India accounting 42 % sharing in total world mango production. Mango is a rich source of vitamin C. dried mango skin and its seeds are also used in ayurvedic medicins. Mango  leaves are used to decorate archways and doors in Indian houses. Mango also used for achar making, amchoor and for vegetable. Mango suffers from several diseases at all stages of its life. The major diseases of economic importance in...

Integrated disease and pest management in Vegetable crops. भारत मे  भिन्न-भिन्न जलवायु होने के कारण हर प्रकार की सब्जियाँ उगाई जाती है। सब्जी उत्पादकता कम होने का प्रमुख कारण सब्जियों की फसल में लगने वाले रोग एवं कीट हैं। सब्जियों में रोग उत्पन्न करने के लिए बहुत से रोगकारक जैसे- कवक, जीवाणु, विषाणु, फाइटोप्लाज्मा, सूत्रकृमि इत्यादि जिम्मेदार हैं, जिनकी वजह से सब्जी के उत्पादन एवं उसकी गुणवत्ता में कमी आती है। सब्जियों में अधिकतर रोग, कवकों द्वारा उत्पन्न होता है। पौध तैयार करने से लेकर उत्पादन, भण्डारण एवं विपणन तक सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाली व्याधियाँ सब्जी उत्पादन में मुख्य बाधाएँ हैं। उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुये यह सबसे बड़ी चुनौती है कि सब्जी...

Integrated crop disease and pest management in Papaya  पपीता एक प्रमुख उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय फल है। पपीते की  खेती गर्म एवं नम जलवायु में सफलता पूर्वक की जा सकती है। पपीता की अच्छी वृद्धि के लिए 22-26 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त पाया गया है। पपीता पकने के समय शुष्क एवं गर्म मौसम होने से फलों की मिठास बढ़ जाती है। पपीता का उपयोग कच्चे एवं पके फल के रूप में किया जाता है। कच्चे फल का उपयोग पेठा, बर्फी, खीर, रायता, सब्जी आदि बनाने के लिए किया जाता है, जबकि पके फलो से जैम, जैली, नेक्टर एवं कैंडी इत्यादि बनाये जाते हैं । क्षेत्रफल की दृष्टि से पपीता हमारे देश का पाँचवा...

Microbial Pest management of crop diseases  अत्यधिक रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग के दुष्परिणाम अब सामने आने लगे है । किसानों को यह अनुभव होने लगा है कि रासायनिक कीटनाशक अब उन्हीं शत्रु  कीटों पर बेअसर हो रहे है, जिनपर वो रसायन प्रयोग कर पहले छुटकारा पा जाते थे। इसीलि‍ए अब किसान फसल सुरक्षा के अन्य विकल्प तलाशने लगे है | अतः यह बात अब समझ में आने लगी है कि प्रकृति के जितने समीप रहकर खेती की जाय उतनी ही समस्या कम आएगी । सूक्ष्म जैविक कीट प्रबंधन (Microbial Pest Management)  एक प्राकृतिक पारिस्थितिक घटना चक्र है , जिसमे नाशीजीवों के प्रबंधन में सफलतापूर्वक प्रयोग में लाया जा सकता है और यह एक...

Trichogramma parasite: Chemical free pest management factor ट्राईकोग्रामा अतिसूक्ष्म आकार का एक मित्र कीट जीव है, जिन्हें खेतो में आसानी से देख पाना कठिन है परन्तु प्रयोगशालाओं में इन्हें आसानी से देखा जा सकता है । इसका बहुगुणन (Multiplication) प्रयोगशाला में किया जाता है  तथा बाद में इन्हें खेतो में छोड़ दिया जाता है । यह एक प्रकार का अंड-परजीवी मित्र कीट है, जो शत्रु कीट के अण्डों में अपना अंडा डालकर उन्हें अंडावस्था में ही नष्ट कर देते है और शत्रु कीट के अंडे से इनका (मित्र कीट ट्राइकोग्रामा) का वयस्क बाहर आता है, जो पुन: शत्रु कीट में अपना अंडा देता है। इनका जीवन चक्र बहुत छोटा होता है तथा एक...

Orobanche Weed And Their Management खरपतवार वे अवांछित पौधे हैं जो खेत व अन्य स्थानों पर उग जाते हैं एवं वांछित फसल के साथ पोषक तत्वों, पानी, हवा, प्रकाष आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करते है। परजीवी खरपतवार अपना जीवन-चक्र की उत्तारजीविता के लिए आंशिक या पूर्ण रूप से दूसरे स्वपोशित पौधों पर निर्भर रहते हैं। ओरोबैंकी, भूँईफोड़ या आग्या (बु्रमरेप) मुख्यतया सरसों कुल की फसलों का अपर्ण हरिती व्यक्त पुष्पीय पूर्ण रूप से मूल परजीवी खरपतवार होता हैं। यह सुपर सिंक अर्थात फसल द्वारा सश्लेषि‍त प्रदार्थ को चूस कर फसल के उत्पादन को अपेक्षित रूप से कम कर देता है। आरोबेंकी आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण द्विबीजपत्रीय फसलों की जड़ों पर आक्रमण करते...

चावल पारिस्थितिक तंत्र का वि‍ध्वंसक कीट -  ब्राउन प्लांटहोपर Rice is a primary staple food crop for billions of people worldwide. To ensure global food security for continuing population growth, it is vital to control the various insect pests that damage rice (Normile, 2008). Among the herbivorous insects, Brown Planthopper (BPH), Nilaparvata lugens (Stal) to be considered as the devastating pest of rice, causing much distress among rice growers in the tropics, thereby posing serious threat to the national food security.  Both nymphs and adults of brown planthopper are mostly found at the base of the tillers, where shade and humidity is high, providing suitable microclimate for their multiplication. It can reduce the yield upto...

कीटनाशकाेे का वि‍वेकपूर्ण उपयोग सतत कृषि के लिए समय की आवश्यकता Although, pesticides offer one of the best means of controlling insect-pests and diseases of plant, pesticides are poisonous and their indiscriminate and unlimited use may result in ecological imbalance resulting in pest resurgence, aggravation of minor pests, pesticides resistance, environmental pollution, poising serious health hazards to man and animals.  Only a small amount of the pesticides (less than 1%) applied to a crop reaches to the target pests and the remaining more than 99% contaminates soil, air, water, food, feed etc.  However, if used judiciously such problems do not  occur. Most of the problems related to pesticides use have occurred due to misuse...

Parasitic Dodder (Ruscuta Reflexa) and its control परजीवी खरपतवार कृषि के लिए एक गंभीर समस्या है जिनको नियंत्रित करने के लिए उपलब्ध साधनों की प्रभावकारिता कम होती जा रही है।  परजीवी खरपतवार अपना भोजन बनाने और अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए दूसरी फसलों पर निर्भर रहते हैं। जैसे अमरबैल रिजके में, रूखड़ी मक्का और ज्वार में, औरोबंकी सरसों पर निर्भर रहती है। सबसे अधिक आर्थिक रूप से हानिकारक परजीवी खरपतवार रूखड़ी,  औरोबंकी और अमरबेल हैं। अमरबेल तना परजीवी पौधा है जो फसलों या वृक्षों पर अवांछित रूप से उगकर हानि पहुँचाता है। मुख्य रूप से रिजके में इसकी गंभीर समस्या देखी गई है परन्तु अलसी, चुकन्दर, मिर्ची, प्याज, गाजर, सूरजमुखी, रामतिल,...