गागर निम्बू की खेती
गागर निम्बू जिसे अंग्रेजी में पोमेलो कहा जाता है, तथा जिसका वैज्ञानिक नाम साइट्रस मैक्सिमा है, साइट्रस जाति का सबसे बड़ा फल है| साइट्रस फलों का एक बड़ा जाति है| जिसमे कई प्रमुख फलों कि प्रजाति शामिल हैं, उनमे से संतर और गागर निम्बू प्रमुख प्रजाति हैं|
जीन अनुक्रम के आधार पर संतरा (साइट्रस चीनेंसिस), गागर निम्बू (साइट्रस मक्सिमा) तथा मैंडरिन (साइट्रस रेटिकुलाटा) के बीच का एक संकर है| इसकी संरचना मूलतः संतरा जैसी होती है जो पूर्णतः पक जाने पर बाहरी छिलका पीला तथा अन्दर की पेशियां गुलाबी,लाल अथवा उजाले रंग की होती हैं| परन्तु इसका बाहरी छिलका संतरा की तुलना में मोटा होता है और पेशियां भी अकार में बड़ी और अधिक होती हैं| पेशियां रसदार होती हैं, जो बड़े लोब्यूलों में विभाजित होती हैं| प्रत्येक लोब्यूल एक दूसरे से घने सफ़ेद विभाजन से अलग होता है| प्रत्येक लोब्यूल के अंदर बीज होते हैं|
इसके बीज भी संतरा की तुलना में बड़े और अधिक होते हैं| इसका स्वाद लगभग संतरा के जैसा ही, कुछ खट्टा तो, कुछ मीठा होता है| इसके आकर में विभिनता देखि जा सकती है, कुछ गागर निम्बू पूर्णतः गोल, तो कुछ निचे की तरफ से चपटे होते हैं| इसके वजन में भी विभिनता देखि जा सकती है, यह 500 ग्राम से लेकर 2 किलो ग्राम तक का होता है| परन्तु इसकी बिक्री संतरा की तरह किलो में न होकर, यह प्रति फल होता है| गागर निम्बू को विभिन्न नामों से जाना जाता है,जैसे की बताबी लिम्बू, चकरोता इत्यादि|
चित्र 1 : गागर निम्बू का फल और पेशियाँ
लगभग सम्पूर्ण विश्व में पाया जाने वाला गागर निम्बू की उत्पति, दक्षिण पूरब एशिया के देश में हुयी है| भारत में यह दक्षिण और उत्तर-पूरबी राज्यों में ज्यादा पाया जाता है, लेकिन भारत में इसका उत्पादन व्यावसायिक रूप से नहीं होता है| यह ज्यादातर घर के पिछवाड़े के बगीचे में उगाया जाता है|
गागर निम्बू का बगीचा कंही नहीं पाया जाता है| दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है की गागर निम्बू की खेती असंगठित तरीके से होती है| गागर नींबू के अच्छी प्रजाति के हाइब्रिड पौधे भी ज्यादा उपलब्ध नहीं है| इसके सिर्फ कुछ गिने चुने हाइब्रिड उपलभ्ध है, जैसे की देबनाहल्ली पोमेलो,नागपुर चकरोता इत्यादि|
अन्य निम्बू की प्रजाति के फलों की ही तरह, गागर निम्बू भी विभिन्न प्रकार के पौस्टिक पदार्थो से भरा है| खासकर अगर इसकी तुलना संतरा से करे तो गागर निम्बू भी विटामिन्स और खणिज का अच्छा स्रोत है| निचे दिए गए तालिका से यह स्पष्ट है कि गागर निम्बू में संतरा की तुलना में लगभग दुगुना विटामिन C तथा आँखों के लिए लाभकारी विटामिन A, तिगुना मात्रा पाया जाता है|
खनिज जैसे कि आयरन, ज़िंक बराबर मात्रा में पाए जाते हैं | गागर निम्बू में कैल्शियम , संतरा के कैल्शियम कि मात्रा का लगभग आधा पाया जाता है| इनसब के आलावा, गागर निम्बू भी संतरा कि ही तरह एंटीऑक्सीडेंट पदार्थो का एक उत्क्रिस्ट स्रोत है| यह एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाते हैं और विभिन प्रकार के जीवन सैली से जुड़े रोग जैसे कि कैंसर, मधुमेह, हृदय के रोग के होने कि सम्भावना को काफी कम करता है|
इस फल में आहार फाइबर भी प्रचुर मात्रा में है, जो कि काफी समय तक शरीर को भूख का एहसास नहीं होने देता है, जो अधिक वजन वालों के लिए तथा मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है| संतरे की ही तरह, गागर निम्बू में कैलोरीज़ काफी कम होती है| इसमें किसी प्रकार का सैचुरेटेड वषा तथा कोलेस्ट्रॉल नहीं पाया जाता है| गागर निम्बू में भी, संतरे की तरह बहुत अधिक मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है|
पोटैशियम, रक्त चाप को नियंत्रित करने में बहुत मददगार होता है| पोटैशियम, शरीर के ख़राब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है| गागर निम्बू में पर्याप्त पोषक तत्व होने की वजह से यह कुपोषण से बचने में भी मददगार होता है | भारत के कम आय समूह की महिलाओं और बच्चों में कुपोषण एक बहुत बड़ी समस्या है| अगर लोग गागर नींबू का नियमित रूप से सेवन करें तो बहुत सारी बिमारियों से बचा जा सकता है
क्रम संख्या |
पोषक तत्व |
गागर निम्बू |
संतरा |
1 |
ऊर्जा |
159 किलोजूल |
190 किलोजूल |
2 |
कार्बोहाइड्रेट्स |
10.6 ग्रा/ 100 ग्रा |
11.54 ग्रा/ 100 ग्रा |
3 |
प्रोटीन |
0.7 ग्रा/ 100 ग्रा |
0.76 ग्रा/ 100 ग्रा |
4 |
वषा |
0.04 ग्रा/ 100 ग्रा |
0.21 ग्रा/ 100 ग्रा |
5 |
विटामिन C |
40.50 मिग्रा/ 100 मिली |
25.13 मिग्रा/ 100 मिली |
6 |
विटामिन B1 |
0.034 मिग्रा/ 100 ग्रा |
0.10 मिग्रा/ 100 ग्रा |
7 |
विटामिन B2 |
0.027 मिग्रा/ 100 ग्रा |
0.04 मिग्रा/ 100 ग्रा |
8 |
विटामिन B3 |
0.22 मिग्रा/ 100 ग्रा |
0.40 मिग्रा/ 100 ग्रा |
9 |
विटामिन A |
58 माइक्रोग्रा/100 ग्रा |
17 माइक्रोग्रा/100 ग्रा |
10 |
आयरन |
0.52 मिग्रा/ 100 ग्रा |
0.51 मिग्रा/ 100 ग्रा |
11 |
कैल्सिम |
28.8 मिग्रा/ 100 ग्रा |
41.9 मिग्रा/ 100 ग्रा |
12 |
मैगनिसिअम |
23 मिग्रा/ 100 ग्रा |
13 मिग्रा/ 100 ग्रा |
13 |
जिंक |
0.08 मिग्रा/ 100 ग्रा |
0.08 मिग्रा/ 100 ग्रा |
14 |
आहार फाइबर |
1.6 मिग्रा/ 100 ग्रा |
2.4 मिग्रा/ 100 ग्रा |
स्रोत: USDA पोषक तत्व डेटाबेस
उपरोक्त तालिका के आधार कहा जा सकता है कि गागर निम्बू अविश्वश्नीय तौर से पोषक तत्वों से भरपुर है| जिसे दैनिक आहार में शामिल कर इसका फायदा लिया जा सकता है| परन्तु इतना फायदेमंद होने के बावजुद, गागर निम्बू को, संतरे कि तरह भारत में लोकप्रियता हासिल नहीं है| भारत में इस फल को कम उपयोग होने वाले फलों कि श्रेणी में रखा जाता है|
इसका उपयोग कुछ विशेष स्थानीय त्योहार जैसे बिहार में छठ पूजा, बंगाल में दुर्गा पूजा इत्यादि में किया जाता है| त्यौहार के समय ही फल बाजार में उपलब्ध होता है| किसान भी केवल स्थानीय बाजार में त्यौहार के समय में फल को बेचते है| त्यौहार में बाद बचे हुए फल को पेड़ पर ही छोड़ देते है जो पक कर वर्बाद हो जाता है| जबकि अन्य देशो कि बात करे, जहाँ गागर निम्बू पाया जाता है जैसे कि चीन, थाईलैंड इत्यादि देश, अपने उत्पादन को एक बड़ा हिस्सा यूरोपियन देशो को निर्यात करते है| जो कि वहाँ के किसानो के लिए अच्छा आय को स्रोत है| अंतरास्ट्रीय बाजार में गागर निम्बू का इसके औषधिक गुणों कि वजह से बहुत मांग है|
अगर फल कि कीमत कि बात करें तो गागर निम्बू फल, संतरा कि तुलना में काफी सस्ता है| संतरा फल कि कीमत प्रति किलो ग्राम 40 से 50 रुपये होती है, जबकि गागर निम्बू एक फल जिसका वजन 1 से 1.5 किलो ग्राम का होता है मात्र 5 से 7 रुपये में मिल जाता है| और एक फल, 4 से 5 लोंगो के परिवार के लिए पर्यापत है|
गागर निम्बू फल को हम सामान्य तापमान पर कई दिनों के लिए सुरक्षित रख सकते है, यह संतरे कि फल कि तरह आसानी से सड़ता नहीं है| उपुक्त विश्लेषण के आधार पर यह कहा जा सकता है कि गागर निम्बू गरीबों के लिए संतरा का फल का एक बेहतर विकल्प है| जिसमे संतरा के बराबर के पौष्टिक तत्व हैं तथा यह सस्ता भी है| गागर निम्बू का संतरा कि तुलना में कम लोकप्रियता के कई कारण है, इसमें से एक महत्वपूर्ण कारण है लोगों के बीच जानकारी का अभाव| बहुत सारे लोगों को यह मालूम ही नहीं, गागर निम्बू पौष्टिक तत्व से भरपूर है|
दूसरा महत्वपूर्ण कारण गागर निम्बू में शोध कि कमी है| भारत में गागर नींबू पर शोध न के बरारबार हुआ है| कृषि विज्ञानं केन्द्रो अथवा किसान की सहायता करने वाले किसी भी संसथान के पास ना तो कोई प्रामाणिक जानकारी उपलभ्ध नहीं है| दूसरे शब्दों में कहा जाए तो किसान गागर निम्बू की खेती के लिए पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर करते है|
तीसरा महत्वपूर्ण कारण है असंगठित बाजार, किसी भी फसल का बाजार मूल्य उसके उत्पादन की मात्रा को तय करता है चुकी गागर निम्बू ना केवल सस्ते दामों पर बिकता है बल्कि इसका कोई संगठित बाजार नहीं हैं जैसे सेव ,आम इत्यादि व्यवसायो के व्यपारियो का सगठित समूह है | जिसकी वजह से किसानों को समुचित मूल्य नहीं मिल पता है | जिसकी वजह से किसान में गागर निम्बू की पैदावार बढ़ने को लेकर कोई उत्साह नहीं देखा जाता है |
गागर निम्बू के उत्पादन से खपत तक शोध कि अपार संभावना है| शोध के द्वारा न केवल उच्च पैदावार वाली प्रजाति तैयार कि जा सकती है, बल्कि उचतम गुवंता वाली किस्म विकसित कर इसे संतरा कि तरह लोकप्रिय बनाया जा सकता है| जिससे किसानो को अच्छी कीमत मिलेगी तथा इसकी खेती संगठनात्मक रूप से बधाई जा सकती है|
Authors:
Hemlata Singh
Asst. Professor Biochemistry
Dept. of Soil Science,
Tirhut College of Agriculture, Dholi
Muzaffarpur, Bihar