आलू फसल की उन्नत किस्में
किस्में |
संस्था |
औसत उपज |
विवरण |
कुफरी चन्द्रमुखी Kuffri Chandrmookhi |
आलू अनुसंधान संस्थान |
150-200 q/ha |
यह एक अगेती किस्म है जो 70 से 80 दिन में तैयार हो जाती है। कंद तेजी से बढते हें। बीज के आलूओं का विघटन धीरे होता है तथा अधिक समय तक भंडार में रखा जा सकता है। कंद चिकने, सफेद और अंडाकार होते हैं। Suitable for UP,Bihar,W.Bangal and indoganzatic plan |
कुफरी अशोक Kuffri Chandrmookhi |
आलू अनुसंधान संस्थान |
200-250 q/ha |
यह एक अगेती किस्म है जो 70 से 80 दिन में तैयार हो जाती है। कंद तेजी से बढते हें। कंद चिकने, सफेद और अंडाकार होते हैं। उप्र, बिहार व बंगाल के लिए उपयुक्त |
कुफरी बहार Kuffri Bahar |
आलू अनुसंधान संस्थान |
250-300 क्विंटल/है |
यह मध्यम पकने वाली (90 से 110 दिन ) किस्म है। इस किस्म पर उर्वरकों के प्रयोग का अधिक अनुकूल प्रभाव पडता है। इसके कंद मझोले, आर्कषक तथा गोल होते है। कंद का गूदा सफेद होता है। यह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली तथा राजस्थान के लिए बहुत उपयुक्त किस्म है। |
कुफरी सिंदूरी Kuffri Sindoori |
आलू अनुसंधान संस्थान |
200-250 |
मैदानो में यह 120 दिन मे पकजाती है। पहाडियों के लिए यह देरी से पकने वाली किस्म है। इसके कंद मध्यम आकार के, एक जैसे , हल्के लाल तथा गोल होते हैं। इसके कंदो का विधटन बहुत तेजी से नही होता। यह पाले को सहन करने वाली किस्म है। |
कुफरी बादशाह Kuffri Badsaha |
आलू अनुसंधान संस्थान |
250-300 |
यह किस्म अगेती, पछेती अंगमारी की प्रतिरीधी है तथा कुछ हद तक विषाणू जनित रोग प्रतिरोधी भी है। यह किसी भी परिस्थिति में उगाई जा सकती है। इसके कंद बडे , चिकने तथा अण्डाकार होते है। कंद का गूदा सफेद, आकर्षक और अधिक मॉडयुक्त होता है। यह गंगा जमुना के मैदानों के लिए बहुत उपयुक्त किस्म है। |
कुफरी देवा Kuffri Deva |
आलू अनुसंधान संस्थान |
250-300 क्विंटल/है |
यह किस्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र व मध्यवर्ती मैदानो के लिए उपयुक्त है। इसके कंद गोल व अण्डाकार तथा रंगीन ऑखों वाले होते है। कंद का गूदा पीले रंग का व मोमिया होता है। यह किस्म मैदानी इलाकों में 130-135 दिनों में तथा पहाडी क्षेत्रों मे 160 दिन मे तैयार हो जाती है। |
कुफरी ज्योति Kuffri Jyoti |
आलू अनुसंधान संस्थान |
200-250 क्विंटल/है |
इसके पौधे लम्बे व मध्यम घने होते है तथा सफेद फूल अधिक संख्या में आते हैं। इसके आलू सफेद, अण्डाकार मध्य से लम्बें व सपाट अंखुओ वाले होते है। कंद का गूदा मटमैला सफेद होता है। यह किस्म मैदानी इलाकों में 100 दिनों में तथा पहाडी क्षेत्रों मे 120 दिन मे तैयार हो जाती है। |
कुफरी शेरपा Kuffri Sherpa |
आलू अनुसंधान संस्थान |
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यह किस्म बंगाल की पहाडियों के लिए उपयुक्त है। इसके आलू मध्यम श्रेणी के गोलाकार होते है। यह एक अच्छी पैदावार वाली किस्म है। |
कुफरी स्वर्ण Kuffri Swarn |
आलू अनुसंधान संस्थान |
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तमिलनाडु के पहाडी इलाकों के लिए एक उपयुक्त पछेती किस्म है। यह झुलसा व कवचधारी सूत्रकृमि प्रतिरोधी व अच्छी पैदावार वाली किस्म है। |