Expert advice for bumper wheat crop

Expert advice for bumper wheat crop

 गेहूं की प्रचुर फसल के लिए वि‍शेषज्ञ सलाह 

समतल खेतो में फसल रक्षक सिंचाई1. यदि खेत पूर्ण रूप से समतल नही है तो लेज़र लैंड लेवेलेर की सहायता से खेत को समतल कर लेना चाहिए| कम पानी उपलब्धता की स्तिथि में भी समतल खेतो में फसल रक्षक सिंचाई की जा सकती है |

यदि प्रयाप्त सिंचाई जल उपलब्ध भी है तो खेत समतलीकरण पानी, सिंचाई का समय, बिजली इत्यादि बचाने और पैदवार बढ़ाने में मददगार साबित होता है |

गेंहू बीज प्रईमिंग2. यदि खेत में नमी कम है तो बिजाई से पहले बीज को पानी में भिगोकर फिर सुखाकर (नल के पानी में रात भर भिगोकर) उपयोग करें।

यह प्रकिर्या जिसे बीज प्रईमिंग कहते है,  अंकुरण की सुविधा प्रदान करेगा और कम नमी होने की स्तिथि में भी बेहतर फसल अंकुरण एवं बडोतरी में मदद करेगा।

3. बिजाई करते समय बीज को उचित गहराई पर रखें जहां अंकुरण के लिए पर्याप्त नमी उपलब्ध हो, अन्यथा बीज की सम्पूर्ण मात्रा का अंकुरण नही होगा।

इससे खेत में प्रयाप्त पौध संख्या नही रहेगी | प्रयाप्त पौध संख्या नही होने की स्तिथि में पैदावार में भारी गिरावट आती है |

4. मिट्टी की सतह से वाष्पीकरण की प्रकिर्या के द्वारा नमी का नुकसान लगातार होता रहता है, इसे रोकने के लिए बुवाई के बाद या पहले मल्च के रूप में फसल अवशेषों का उपयोग करें । फसल अवशेष नमी को बचाने के साथ-साथ खरपतवार की वृद्धि को भी रोकते है |

 

मल्च के रूप में फसल अवशेषों का उपयोग करेंमल्च के रूप में फसल अवशेषों का उपयोग करें

5. यदि संभव हो तो ड्रिप सिंचाई प्रणाली का प्रयोग करें। यह पानी की कमी के क्षेत्रों में काफी हद तक पानी बचाने में मदद करेगा। ड्रिप सिंचाई प्रणाली प्रत्येक फसल, सभी प्रकार की भूमि, क्षेत्र, पानी उपलब्‍धता इत्यादि में सफलतापूर्वक कार्य करता है तथा 25-30 प्रतिशत तक सिंचाई जल की बचत करता है | 

Drip irrigation in wheatड्रिप सिंचाई प्रणाली का प्रयोग

6. छोटी अवधि और कम नमी के प्रति तनाव सहिष्णुता किस्मों का प्रयोग करें।

7. पोटाश उर्वरक के 2 प्रतिशत का घोल बनाकर फसल पर छिडकाव करे तथा इसे एक महीने के अन्तराल से दोहराए |  पोटाश उर्वरक  सूखे के प्रति या अन्य तनाओ के प्रति फसल को लड़ने की ताकत प्रदान करता है जिससे फसल की उपज बढ़ाने में मदद करता है |

8. अगर सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं है तो पूर्ण अनुशंसित नत्रजन, फॉस्फोरस एवं पोटाश उर्वरकों को फसल बिजाई के समय खेत की तैयारी करते समय मृदा में मिला देना चाहिए |

9. दिसंबर के दौरान या इसके पश्चात बिजाई होने पर गेहूं की बीज दर 25 प्रतिशत तक बढ़ा देना चाहिए | पछेती बुवाई के लिए अनुशंसित किस्मों का प्रयोग ही करें जैसे की राज- ३७६५, डी.बी.डब्ल्यू-१७३ इत्यादि| 

10. यदि उपलब्ध हो तो खेत में खेत देसी खाद (गोबर की खाद, ढैंचा या अन्य दलहनी फसल से तैयार हरी खाद या कम्पोस्ट खाद) अवश्य डाले | देसी खाद फसल को पोषक तत्व उपलब्ध कराने के साथ- साथ नमी को लंबे समय तक मृदा में सरंक्षित रखने में अहम् योगदान रखता है |

compost in wheatvermi compost in wheatGreen manure in wheat

खरपतवार नियंत्रण11. समय से निकाई-गुड़ाई करके खरपतवार नियंत्रण कर लेना चाहिए | निकाई-गुड़ाई खरपतवार नियंत्रण के साथ-साथ मिट्टी की उपरी सतह को भी तोड़ देता है जिससे मिट्टी भुरभरी हो कर पलवार का कार्य भी करती है और नमी के नुकसान को बचाती है |

12. वर्षा आधारित खेती में 10 से 15 मीटर के अंतराल पर हल चलाकर खुढ निकाल दे ताकि फसल चक्र के दौरान यदि बारिश प्राप्त हो जाये तो पूरा पानी खेत में ही सरंक्षित हो जाये जिसका उपयोग फसल धीरे-धीरे करती रहे |

वर्षा आधारित खेती में 10-15 मीटर के अंतराल पर खुढ


Authors

राज पाल मीना, अंकिता झा, कर्णम वेंकटेश

भा.कृ.अनु.प.-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसन्धान संस्थान, करनाल, हरियाणा

Email: adityarajjaipur@gmail.com

Related Posts

Improved wheat cultivation practices in Central India
मध्य भारत में उन्नत गेहूं की खेती के तरीके Wheat is...
Read more
Wheat Production Technology 
गेहूं उत्पादन तकनीक गेहूँ रबी ऋतु में उगाई जाने वाली अनाज...
Read more
Improved Technology Of Growing Wheat
भारत मे गेंहू उगाने की उन्‍नत प्रौद्योगिकी   Its scientific name...
Read more
Dragan fruit farming in Tonk distrectDragan fruit farming in Tonk distrect
राजस्थान में ड्रैगन फ्रूट की खेती: एक...
Dragon Fruit Cultivation in Rajasthan: A New Possibility शोजी लाल बैरवा ड्रैगन...
Read more
चित्र 1: गेहूँ की प्रमुख जैव–संवर्धित किस्मों के किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) की संख्याचित्र 1: गेहूँ की प्रमुख जैव–संवर्धित किस्मों के किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) की संख्या
जैव-संवर्धित गेहूँ की खेती से पोषण सुरक्षा
Nutritional security through biofortified wheat cultivation डॉ. मंगल सिंह गेहूँ (ट्रिटीकम प्रजाति)...
Read more
मक्का की खेती कैसे करें
Maize cultivation: how to मक्का खरीफ ऋतु की फसल है, परन्तु...
Read more
rjwhiteclubs@gmail.com
rjwhiteclubs@gmail.com