21 Feb Improved varieties of Sesamum
तिल की उन्नत किस्में
उन्नत तकनीक के साथ अनुशंसित किस्मों काे अपनाते हुये काश्त करने पर तिल या रामतिल की फसल से 700-800 किग्रा/ हे0 तक उपज प्राप्त की जा सकती। मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों की जगनी के नाम से जाने जानी वाली रामतिल एक तिलहनी फसल है। मध्यप्रदेश में इसकी खेती लगभग 87 हजार हेक्टेयर भूमि में की जाती है
(किस्में) |
विकसित स्थान | अनुसंशित वर्ष |
पैदावार (कु/है) |
विशेषताएं |
T-78 |
6-8 |
उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रो के लिए उपयुक्त। 80 से 85 दिन मे पकती है |
||
GT-2 |
7-8 |
गुजरात के सभी क्षेत्र के लिए उपयुक्त। 85 दिन मे पकती है |
||
वाई एल एम 17 |
8-10 |
समुंद्र तटीय आन्ध्र प्रदेश के लिए उपयुक्त। 75 दिन मे पकती है |
||
आर टी 125 |
6-9 |
राजस्थान पंजाब हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त। 71 से 83 दिन मे पकती है |
||
R T-127 |
6-9 |
राजस्थान के लिए उपयुक्त। 75 से 84 दिन मे पकती है |
उटकमंड |
|
|
6.00 |
|
जे.एन.सी. – 6 |
अनुसंधान केन्द्र छिन्दवाड़ा (म.प्र.) |
2002 |
5.00 से 6.00 |
|
जे.एन.सी. – 1 |
अनुसंधान केन्द्र छिन्दवाड़ा (म.प्र.) |
2006 |
6.00 |
|
जे.एन.एस. – 9 |
अनुसंधान केन्द्र छिन्दवाड़ा (म.प्र.) |
2006 |
5.5 से 7.0 |
|
जबीरसा नाईजर – 1 |
बीरसा कृषि विश्वविद्यालय कानके, राँची झारखण्ड |
1995 |
5.00 से 7.00 |
|
बीरसा नाईजर – 2 |
बीरसा कृषि विश्वविद्यालय कानके, राँची झारखण्ड |
2005 |
6.00 से 8.00 |
|
बीरसा नाईजर – 3 |
बीरसा कृषि विश्वविद्यालय कानके, राँची झारखण्ड |
2009 |
6.00 से 7.00 |
|
पूजा |
बीरसा कृषि विश्वविद्यालय कानके,राँची झारखण्ड |
2003 |
6.00 से 7.00, |
|
गुजरात नाईजर – 1 |
नवसारी कृषि विश्वविद्यालय गुजरात |
2001 |
7.00 |
|
एन.आर.एस. – 96 -1 |
नवसारी कृषि विश्वविद्यालय गुजरात |
|
4.5 से 5.5m |
|