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भारत में आलू के आनुवंशिक संसाधन आलू की उत्पत्ति दक्षिणी पेरू के ऊंचाई वाले इलाकों में 10,000 साल पहले जंगली प्रजाति सोलनम ब्रेविकॉउल से हुई है। आलू, जीनस सोलनम और खंड पेटोटा से संबंधित है जिसमें लगभग 2000 प्रजातियाँ सम्‍मिलित हैं। आलू की वन्य प्रजातियाँ दक्षिण पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका से मध्य अर्जेंटीना और चिली के बीच 2000 से 4000 मीटर की ऊँचाई मौजूद पर हैं। ऑटो और एलोपॉलीप्लोईडी और अंतर-विशिष्ट संकरण के कारण आलू का वर्गीकरण जटिल है। वर्तमान में चार संवर्धित (क्ल्टीवेटिड) और लगभग 110 वन्य/जंगली कंद- धारक सोलनम प्रजातियां उपलब्ध हैं। आज, आलू 149 देशों में  समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर उगाए जाते हैं। वन्य आलू में...

उच्च गुणवत्ता वाले आलू बीज उत्पादन के लिए तकनीक Potato is a crop of major economic importance and worldwide it is the third most important food crop after rice and wheat. Asia and Europe are the world’s major potato producing regions, accounting for more than 80%. Potato is grown almost in all states of India. Uttar Pradesh, West Bengal, Madhya Pradesh, Bihar, Gujrat and Punjab together account for about 87% of India’s production (fig 1). Fig 1 Per cent share of states in potato production Source: State Departments of Horticulture & Agriculture Importance of seed in potato production Manu Smriti says “Subeejam Shushereto Jaayaty Sapadayaty” means the good seed in a good field produces abundantly....

Management of cyst nematode in Potato आलू सब्जियों की मुख्य फसल है और भारत में आलू की खेती एक प्रमुख फसल के रूप में की जाती है। आलू के प्रमुख कीटों में कवचधारी सूत्रकृमि का बहुत महत्व है। जिसे पुटी कृमि या सुनहरे सूत्रकृमि या पोटेटो सिस्ट नेमॅाटोड नाम से भी जाना जाता है।  यह भारत सहित दुनिया भर के कई देशों में आलू के उत्पादन निरोधक खतरनाक कीटों में से एक हैं। एक उपयुक्त परपोषी पौधे के अभाव में यह मिट्टी में लंबे समय तक जीवित रहते हैं । आज के समय में आलू के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य के लिए यह एक गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। वर्ष 1961 में...

आलू की जैविक खेती की वि‍धि‍  आलू अपने अंदर बिभिन्न प्रकार का विटामिन्स, मिनिरल्स एवं एंटी ओक्सिडेंट को समाये हुए एक संपूर्ण आहार है| आलू की फसल हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार आदि राज्यों की आर्थिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, क्योंकि यहां की जलवायु आलू उत्पादन के लिए अनुकूल है। आलू की अनुमोदित किस्में कुफरी-चंद्रमुखी, कुफरी-ज्योत, कुफरी-अशोका, कुफरी-पुखराज, कुफरी-लालिमा, कुफरी-अरुण, कुफरी-चिप्सोना, राजेंद्र आलू आदि प्रमुख किस्में है| आलू की फसल के लि‍ए भूमि  आलू की फसल के लिए अच्छे निकास वाली, उपजाऊ दोमट मिट्टी सबसे उत्तम है। यद्यपि अच्छे प्रबंध द्वारा इसे विभिन्न प्रकार की भूमियों में भी उगाया जा सकता है। इस फसल के लिए मिट्टी का पी एच मान 6-7.5 तक उपर्युक्त...

Advanced Farming Technique of Beetroot. चुकंदर का शुमार मीठी सब्जियों में किया जाता है । चुकंदर में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट लाल तत्व में कैंसर रोधी क्षमता होती है । इतना ही नहीं यह हृदय की बीमारियों में भी कारगर माना जाता है । चुकंदर की कई प्रजातियाँ भारत में उगाई जाती हैं । अलग-अलग राज्यों में इसको अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है । बांग्ला में बीटा गांछा, हिंदी पट्टी में चुकंदर, गुजरात में सलादा, कन्नड़ भाषा में गजारुगद्दी, मलयालम में बीट, मराठी में बीटा, पंजाबी में बीट और तेलुगु में डंपामोक्का के नाम से मशहूर प्रजातियां भारत में सामान्यतः उगाई जाती है। भारत में उगायी जाने वाली चुकंदर की प्रजातियां डेट्रॉइट डार्क...

अरबी (Taro) की करे वैज्ञानिक पद्धति से खेती Taro or Colocasia is also known by the names Ghuiya, Kochai, Colocasia esculenta, etc. It is cultivated in Kharif and Zaid seasons. Its vegetable is made like potato and bhaji and pakoras are made from its leaves. Itching ends when boiled. Tuber mainly consists of starch. Vitamin 'A' and calcium, phosphorus and iron are also found in Arabic leaves. अरबी को घुईया, कोचई, Colocasia esculenta,  आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी खेती  खरीफ और जायद मौसम में की जाती है। इसकी सब्जी आलू की तरह बनाई जाती है तथा पत्तियों की भाजी और पकौड़े बनाए जाते हैं उबालने पर इसकी खुजलाहट समाप्त...

Problem, symptoms and management of Nematodes in potato       आलू की सबसे पहले आधुनिक खेती दक्षिणी पेरू और उतरी पश्चिमी बोलीविया के क्षेत्र मे 8000 से 5000 ईसा पुर्व की गई थी। इसके बाद यह दुनिया मे यह मुख्य फसल के रूप मे फैल गई। विश्व उत्पादन में मक्का, चावल और गेहुॅ के बाद आलू चैथी सबसे महत्वपुर्ण फसल है। तथा यह फसल दुनिया भर में उगाई जाती है। वर्तमान मे ताजे कंद का उत्पादन 19.5 करोड़ हैक्टेयर से 321 मिलियन टन है। उच्च कंद उपज को बनाए रखने के तरीके खोजने, पानी और पोषक तत्व उपयोग दक्षता में सुधार आलू उत्पादको के लिए बढ़ी चुनौती है। विकसित और विकासशील देशो में...

Discussion on Conventional and Improved Techniques of Potato Seed Production आलू बीज उत्पादन हेतु वर्तमान में विश्व भर में  अनेक प्रवर्धन तकनीक उपयोग में लायी जा रही हैं। जिनमें मुख्यत: परम्परागत आलू बीज उत्पादन, ऊतक प्रर्वधन द्वारा आलू बीज उत्पादन (सूक्ष्म प्रवर्धन), हाइड्ररोफोनि‍क, ऐरोपोनिक ,  बायोरिएक्टर एवम्  एन.एफ.टी. आलू बीज उत्पादन तकनीक हैं। बीज उत्पादन की परम्परागत तकनीक (सूक्ष्म प्रवर्धन) , ऊतक प्रर्वधन तकनीक एवम् ऐरोपोनिक तकनीक केन्द्रीय आलू अनुसन्धान संस्थान, शिमला द्वारा विकसित की गयी हैं ।  विकासशील दशों के अधिकाशत: कृषक जो कि आलू बीज उत्पादन से जुडे हैं वे बीज उत्पादन की परम्परागत प्रणाली से प्राप्त आधार बीज को गुणन हेतु उपयोग में लाते हैं। उन्‍नत तकनीक विधि से आलू बीज बनाने में...