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Management of cyst nematode in Potato आलू सब्जियों की मुख्य फसल है और भारत में आलू की खेती एक प्रमुख फसल के रूप में की जाती है। आलू के प्रमुख कीटों में कवचधारी सूत्रकृमि का बहुत महत्व है। जिसे पुटी कृमि या सुनहरे सूत्रकृमि या पोटेटो सिस्ट नेमॅाटोड नाम से भी जाना जाता है।  यह भारत सहित दुनिया भर के कई देशों में आलू के उत्पादन निरोधक खतरनाक कीटों में से एक हैं। एक उपयुक्त परपोषी पौधे के अभाव में यह मिट्टी में लंबे समय तक जीवित रहते हैं । आज के समय में आलू के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य के लिए यह एक गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। वर्ष 1961 में...

आलू की जैविक खेती की वि‍धि‍  आलू अपने अंदर बिभिन्न प्रकार का विटामिन्स, मिनिरल्स एवं एंटी ओक्सिडेंट को समाये हुए एक संपूर्ण आहार है| आलू की फसल हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार आदि राज्यों की आर्थिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, क्योंकि यहां की जलवायु आलू उत्पादन के लिए अनुकूल है। आलू की अनुमोदित किस्में कुफरी-चंद्रमुखी, कुफरी-ज्योत, कुफरी-अशोका, कुफरी-पुखराज, कुफरी-लालिमा, कुफरी-अरुण, कुफरी-चिप्सोना, राजेंद्र आलू आदि प्रमुख किस्में है| आलू की फसल के लि‍ए भूमि  आलू की फसल के लिए अच्छे निकास वाली, उपजाऊ दोमट मिट्टी सबसे उत्तम है। यद्यपि अच्छे प्रबंध द्वारा इसे विभिन्न प्रकार की भूमियों में भी उगाया जा सकता है। इस फसल के लिए मिट्टी का पी एच मान 6-7.5 तक उपर्युक्त...

Advanced Farming Technique of Beetroot. चुकंदर का शुमार मीठी सब्जियों में किया जाता है । चुकंदर में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट लाल तत्व में कैंसर रोधी क्षमता होती है । इतना ही नहीं यह हृदय की बीमारियों में भी कारगर माना जाता है । चुकंदर की कई प्रजातियाँ भारत में उगाई जाती हैं । अलग-अलग राज्यों में इसको अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है । बांग्ला में बीटा गांछा, हिंदी पट्टी में चुकंदर, गुजरात में सलादा, कन्नड़ भाषा में गजारुगद्दी, मलयालम में बीट, मराठी में बीटा, पंजाबी में बीट और तेलुगु में डंपामोक्का के नाम से मशहूर प्रजातियां भारत में सामान्यतः उगाई जाती है। भारत में उगायी जाने वाली चुकंदर की प्रजातियां डेट्रॉइट डार्क...

अरबी (Taro) की करे वैज्ञानिक पद्धति से खेती Taro or Colocasia is also known by the names Ghuiya, Kochai, Colocasia esculenta, etc. It is cultivated in Kharif and Zaid seasons. Its vegetable is made like potato and bhaji and pakoras are made from its leaves. Itching ends when boiled. Tuber mainly consists of starch. Vitamin 'A' and calcium, phosphorus and iron are also found in Arabic leaves. अरबी को घुईया, कोचई, Colocasia esculenta,  आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी खेती  खरीफ और जायद मौसम में की जाती है। इसकी सब्जी आलू की तरह बनाई जाती है तथा पत्तियों की भाजी और पकौड़े बनाए जाते हैं उबालने पर इसकी खुजलाहट समाप्त...

Problem, symptoms and management of Nematodes in potato       आलू की सबसे पहले आधुनिक खेती दक्षिणी पेरू और उतरी पश्चिमी बोलीविया के क्षेत्र मे 8000 से 5000 ईसा पुर्व की गई थी। इसके बाद यह दुनिया मे यह मुख्य फसल के रूप मे फैल गई। विश्व उत्पादन में मक्का, चावल और गेहुॅ के बाद आलू चैथी सबसे महत्वपुर्ण फसल है। तथा यह फसल दुनिया भर में उगाई जाती है। वर्तमान मे ताजे कंद का उत्पादन 19.5 करोड़ हैक्टेयर से 321 मिलियन टन है। उच्च कंद उपज को बनाए रखने के तरीके खोजने, पानी और पोषक तत्व उपयोग दक्षता में सुधार आलू उत्पादको के लिए बढ़ी चुनौती है। विकसित और विकासशील देशो में...

Discussion on Conventional and Improved Techniques of Potato Seed Production आलू बीज उत्पादन हेतु वर्तमान में विश्व भर में  अनेक प्रवर्धन तकनीक उपयोग में लायी जा रही हैं। जिनमें मुख्यत: परम्परागत आलू बीज उत्पादन, ऊतक प्रर्वधन द्वारा आलू बीज उत्पादन (सूक्ष्म प्रवर्धन), हाइड्ररोफोनि‍क, ऐरोपोनिक ,  बायोरिएक्टर एवम्  एन.एफ.टी. आलू बीज उत्पादन तकनीक हैं। बीज उत्पादन की परम्परागत तकनीक (सूक्ष्म प्रवर्धन) , ऊतक प्रर्वधन तकनीक एवम् ऐरोपोनिक तकनीक केन्द्रीय आलू अनुसन्धान संस्थान, शिमला द्वारा विकसित की गयी हैं ।  विकासशील दशों के अधिकाशत: कृषक जो कि आलू बीज उत्पादन से जुडे हैं वे बीज उत्पादन की परम्परागत प्रणाली से प्राप्त आधार बीज को गुणन हेतु उपयोग में लाते हैं। उन्‍नत तकनीक विधि से आलू बीज बनाने में...

Integrated Pest Management practices in Potato crop आलू की खेती सम्पूर्ण भारत में प्रमुख फसल के रूप में ली जाती है, लेकिन भारत में आलू की उत्पादकता 22 टन/हैक्टेयर है जो विश्व के कई देशो के मुकाबले कम है। इसका प्रमुख कारण खेतों तथा भंडारगृह में लगने वाले रोग, कीट व सूत्रकृमि है। जिससे फसल को 60-70 प्रतिशत नुकसान उठाना पड़ रहा है। अतः इस तरह के नुकसान से बचने के लिए आलू के प्रमुख कीटों व रोगों की पहचान करने तथा उनके उचित प्रबन्धन की जानकारी आवश्यक है। आलू के प्रमुख कीट: 1. आलू कंद स्तम्भ (पोटेटो टयूबर मोथ): यह कीट आलू को खेतों तथा भंडारगृह दोनों जगह नुकसान पहुँचाता है। इस कीट की...

Potato storage problems and their solution आलू उत्पादन के हिसाब से हमारे भारत देश का विश्व में चीन के बाद दूसरा स्थान है एवं हमारे कृषक अपनी अथक मेहनत से हर वर्ष लगभग 400 लाख मेट्रिक टन आलू का उत्पादन करते हैं। आजादी से लेकर अब तक हमारे देश में आलू का उत्पादन दिन प्रतिदिन बढ़ता रहा है।  इसका एक बड़ा श्रेय केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान को भी जाता है जि‍सने अब तक, विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के अनुसार , पचास आलू की किस्मों का विकास किया है। इस बढ़ते हुए आलू उत्पादन से एक विकट समस्या भी पैदा हुई है और वो है आलू का भण्डारण। हमें यह ज्ञात है कि आलू में लगभग 80...

Potato seed certification method राष्ट्रीय बीज गुणन पोलिसी के अनुसार बीज गुणन प्रावस्थाओं को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया है। i) प्रजनित या मूल बीज ii) आधार बीज-I व II iii) प्रमाणित बीज । प्रमाणित बीज के बारे में यह माना जाता है कि यह बीज मिलावट रहित शुद्ध एवं रोग मुक्त होता है जिनमें रोग और कीटों के प्रति सहनशीलता होती है। जबकि आधार बीज-1 और आधार बीज-2 तथा प्रमाणित बीज की विषाणु रोगों, विजातीय किस्मों, कन्द जनित रोगों और ग्रेड सम्बन्धित सीमाओं का निर्धारण भारत सरकार द्वारा तय होता है। प्रजनित बीज की माँनीटरिंग का कार्य तो प्रमाणीकरण एजेन्सियां करती हैं किन्तु यह एजेन्सियां बीज का प्रमाणीकरण नहीं करतीं। भारत...

Importance of Aeroponic System in Potato Seed Production आलू के उत्पादन में बीज आलू का सबसे ज्यादा महत्व होता है, क्योंकि कुल लागत का लगभग 50 प्रतिशत भाग बीज आलू का ही होता है। इसकी फसल एक संतति से दूसरे संतति में उसके वानस्पतिक कंदों द्वारा ही तैयार की जाती है, जिसके कारण बीज द्वारा विषाणु एवं फफूंद जनित बीमारियों के फैलने की बहुत अधिक सम्भावनाएं रहती हैं। पारंपरिक बीज आलू पैदा करने की विधि यूं तो बहुत विशवसनीय है परन्तु इस विधि द्वारा पैदा किये गये बीज को किसानों तक पहुंचाने में सात से आठ साल लग जाते हैं। इस दौरान अक्सर बीज में कई तरह के रोग लगने का डर...