गन्‍ना Tag

गन्ने की उन्नत रोपण विधियाँ Conventional method of planting in sugarcane is very old practice since the inception of sugarcane crop. However, conventional planting leads to higher amount of seed cane for maintaining plant population which is very important for achieving the optimum cane yield. Generally requirement of seed cane is about 50-60 quintal /ha under conventional planting method. This much amount of cane leads to higher cost of cultivation to the cane growers. So, there is a need to find out alternate methods for reducing the cost. Pit Planting: This technique is quite common in Kerala's hilly regions as well as Tillah soil in Assam. Pits are dug along the contours at...

Natural farming is a necessity to maintain soil health and yield of sugarcane For sugarcane production, the field is deeply plowed two to three times, due to which a hard layer (hard pan) is formed on the lower surface of the field, which affects the air circulation, activity of microorganisms, etc. in the soil. In such a situation, if natural ingredients are used for sugarcane production, then the health of the soil will be maintained and the farmer brothers will continue to get bountiful yield. Natural farming is a necessity to maintain soil health and yield of sugarcane गन्ने की फसल में किसानों द्वारा अंधाधुन रसायनिक उर्वरक का इस्तेमाल किया जाता है जिससे...

Increase in sugarcane production in Bihar with improved techniques ईख की खेती बिहार के किसानों की अर्थव्‍यवस्‍था का आधारभूत स्‍तम्‍भ है। इस आधुनकि युग में गन्‍ना किसान, गन्‍ना शोध संस्‍थान, चीनी उद्योग व्‍यवस्‍था एवं गन्‍ना विकास विभाग के सामुहिक सक्रिय प्रयास से ही लक्ष्‍य को प्राप्‍त करना संभव है। किसानों के साथ चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति में वृद्धि की काफी प्रबल संभावनाऐं हैं। गन्‍ने का उत्‍पादन प्रति एकड़ कम हो रहा है, आय घट रही है तथा उत्‍पादन लागत बढ़ रहा है। इसका मुख्‍य कारण आधुनकि तकनीक से खेती करने की विस्‍तृत जानकारी का अभाव है। अभी भी गन्‍ने की खेती पुरानी पद्धति से बड़े पैमाने पर किसान बँधुओं द्वारा किया...

An important initiative to make farmers self–reliant in sugarcane seed production technology ईख की खेती में अधिक उत्पादन के लिए उपयुक्त प्रभेद का चयन महत्वपूर्ण होता है। परंतु प्रभेद अच्छा हो लेकिन उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं हो तो प्रभेद की महत्ता ख़त्म हो जाती है। ईख में चूँकि शुद्ध बीज का प्रयोग व्यवसायिक स्तर पर नहीं होता है इसलिए उसे ईख का बीज न कहकर बीज का ईख कहा जाता है। व्यावसायिक ईख फसल में उपज और चीनी की मात्रा पर अधिक ध्यान दिया जाता है। जबकि ईख बीज में आँखों की स्वस्थता, पौधों में नमी और रिड्यूसिंग सुगर की अधिकता एवं अंकुरण क्षमता पर ध्यान दिया जाता है। साधारणतया अधिकांश जगहों...

Top Rot Disease of Sugarcane and its control बिहार प्रदेश में चीनी उद्योग कृषि पर ही निर्भर है एवं गन्ना ही चीनी मिलों के लिए कच्चा माल है तथा प्रदेश के लिए प्रमुख नगदी फसल है। जैसा कि हम सब जानते है कि गन्ना एक दिर्घ अवधि वाला फसल है जो खेतों में खड़ी रह कर विभिन्न ऋतुओं से गुजरता है एवं अनेक प्रकार के किट व्याधियों के जीवन चक्र से ग्रसित हो कर गुजरता है, जिसके परिणाम स्वरूप गन्ने की फसल को काफी हद तक हानी पहुँचता है। गन्ना की खेती तना गेंड़ीयों से होती है और लगभग साल भर खेत में खडी रहती है। तना गेड़ियों से उपजाई जाने वाली...

Plassey borer of Sugarcane: problem and prevention  गन्ना की फसल अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक अवधि (लगभग 10 से 12 माह) होने के कारण इसमे कीटों की समस्या भी अधिक होती है। बिहार में गन्‍ना फसल मे लगभग डेढ दर्जन से भी अधिक कीटों का प्रकोप देखा गया है। इनमें से छिद्रक कीट की समस्या रोपनी से कटाई तक पायी जाती हैं। बिहार में प्लासी छिद्रक (plaasee borer) आर्थिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कीट है। सर्वप्रथम यह कीट पश्‍चि‍म बंगाल के प्लासी नामक जगह में पाया गया। इस जगह के नाम पर ही इसका नामंकरण प्लासी छिद्रक किया गया। यदि समय पर इसकी रोकथाम नहीं की जाती है तो गन्‍ना उत्‍पादन मे...

Protection of Sugarcane Crop from Fall Armyworm  फाॅल आर्मी वर्म नामक कीटका बिहार में कुछ दिनों से मक्के की फसल पर प्रकोप देखने को मिल रहा है। साथ ही यह भी सम्भावना है कि मक्का फसल की कटाई के बाद भोजन की अनुउपलब्धता में गन्ने की फसल पर इसका प्रकोप हो सकता है। अतः किसान भाईयों (विशेषकर गन्ना उत्पादकों) से  अनुरोध है कि गन्ना फसल की लगातार निगरानी करते रहें जिससे समय रहते आवश्यक कदम उठाया जा सके। सर्वप्रथम यह कीट सन् 2015 में अमेरिका में मक्का, धान एवं गन्ना पर पाया गया था एवंइनके अलावा इस कीट के परपोषी पौधे घास कुल के अन्य सदस्य भी हैं। सन् 2017 के अंत तक...

Integrated Insect Pest Management of Sugarcane गन्नेे में समेकित कीट प्रबंधन की विभिन्न क्रियाआ द्वारा फसल की उत्पादकता एवं गुणवता में वृद्वि करने के लिए किसानों को निम्नलिखित बिन्दुओं खेतों में सुनियोजित ढंग से अपनाने की जररुत है। गन्ना को रोपने से कटनी तक साप्ताहिक निगरानी कर छिद्रक कीट एवं उनके मित्रों के बारे में जानकारी रखना। छिद्रक कीटों को नष्ट करने के लिए उन्हीं तकनीकों को अपनायें जिनसे वातावरण प्रदूषित न हो उर्वरकों तथा रसायनों की संस्तुति मात्रा का उचित समय पर प्रयोग। उपयुक्त प्रजाति तथा कीट मुक्त गन्ना का चयन। खेत की गर्मियों में गहरी जुताई करके खुला छोड़ना तथा खरपतवार मुक्त रखना। गन्ना के कीटों की पहचान, जीवन चक्र, आपात का समय एवं लक्षण...

Protection of Autumn Planted Sugarcane Crop from Subterranean Pests  गन्ना एक प्रमुख नगदी फसल है जिस पर चीनी उद्योग का अधिकांश भाग निर्भर करता है। गन्ना अन्य फसलों की अपेक्षा लम्बी अवधि की फसल है। यह वर्ष के हर एक मौसम से गुजरते हुए अपना जीवन काल पूरा करती है। गन्ना में विद्यमान मिठास के कारण फसल की रोपाई से लेकर कटाई तक हानिकारक कीटों का आक्रमण होता रहता है। गन्ना को क्षति पहुँचाने वाले कीटों का प्रकार एवं क्षति की सीमा, कृषि जलवायु एवं अपनाएं गई सस्य क्रियाओं पर निर्भर करता है। गन्ना फसल की रोपाई आजकल संसाधन उपलब्ध होने पर वर्ष में किसी भी समय कर सकते हैं। परन्तु सामान्यतया गन्ना की...

Concise information of sugarcane production गन्ना  एक प्रमुख नकदी फसल है, जिससे चीनी, गुड़ आदि का निर्माण होता हैं। एवं इसका रस पीने के लिए की जाती हैं एक नकदी फसल है हमारा कोई पर्व या उत्सव ऐसा नहीं होता जिस पर हम अपने बंधु-बांधवों और इष्ट-मित्रों का मुंह मीठा नहीं कराते। मांगलिक अवसरों पर लड्डू, बताशे, गुड़ आदि बांटकर अपनी प्रसन्नता को मिल-बांट लेने की परम्परा तो हमारे देश में लम्बे समय से रही है। सच तो यह है कि मीठे की सबसे अधिक खपत हमारे देश में ही है। गन्‍ना उत्‍पादन के लि‍ए भूमि एवं उसकी तैयारी: दोमट भूमि जिसमें सिंचाई की उचित व्यवस्था व जल का निकास अच्छा हो, तथा पी.एच. मान 6.5 से 7.5...