पोषक तत्‍व Tag

Usefulness, importance of micronutrients in soil and plant growth and symptoms of their deficiency. If the availability of micronutrients in plants is not proper, they become deficient in the plants. Generally, the deficiency of nutrients is visible on new or old leaves or ablative bud, it also depends on the condition of the leaves and also varies from person to person. May be of different color also. संतुलित मात्रा मैं  पोषक तत्वों की उपलब्धता, पादप के विकास व वृद्धि के लिये अत्यंत आवश्यक होती है। पौधे अपनी आवशयकता के लिये पोषक तत्व- मृदा, वायुमंडल, उर्वरक एवं खाद से प्राप्त करते है। पौधे के सम्पूर्ण विकास हेतु पौधों को 17 तत्वों कि आवशयकता...

Importance of nutraceuticals in human health मनुष्य के जीवित रहने के लिए तीन मूलभूत आवश्यकताएं हैं भोजन, वस्त्र और आश्रय। इन सबमें भोजन सबसे ऊपर आता है। प्रारंभिक समय में मनुष्य जीवित रहने के लिए खाना इकट्ठा करना, शिकार और मछली पकड़ता था व बाद में खेती करने लगा। समय के परिवर्तन के साथ विभिन्न खोजों ने उन्हें खाद्य संग्राहक से उत्पादक बना दिया। अनाज के प्रसंस्करण के साथ फाइबर मुक्त अनाज पैदा करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर बाहरी परतों को हटा देता है। इसके साथ ही अनाज की कुल खपत में भी गिरावट आई है। परिष्कृत चीनी, मांस और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की खपत में वृद्धि हुई है जिससे...

Finger Millet (Ragi) essential diet for today रागी भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उगाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण मिलेट है। रागी  सबसे पौष्टिक और स्वस्थ अनाज में से एक है। अक्सर, आपने भी ऐसा सुना होगा की दूध के सेवन से हड्डियों को मजबूती मिलती है। साथ ही आपने यह भी सुना होगा की दूध के साथ कुछ पौष्टिक पदार्थ मिलाकर पिने से शरीर को ज्यादा मात्रा में ताकत मिलती है।  हम आज बात करेंगे रात के समय दूध में रागी मिलाकर पीने के क्या फायदे है। जैसा की आप सभी को यह बात विदित है की दूध हमारे शरीर के लिए एक अमृत वरदान से कम नहीं है...

फलदार पौधों में पत्ती विश्लेषण द्वारा पोषक तत्व प्रबंधन फलदार बागीचों के विभिन्न खण्ड (ब्लाक) या खेत फल उत्पादकता में प्राय: एक दूसरे से भिन्न होते हैं। इसके बहुत से कारण हैं जैसे कि पौधों की किस्म और आयु, भूमि की किस्म एवं उसमें विद्यमान पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा इत्यादि में असमानता होना। पौधों के समुचित विकास हेतु इनमें पोषक तत्वों की न्यूनतम एंव संतुलित मात्रा का होना आवश्यक है जो कि काफी हद तक भूमि की उर्वरा शक्ति पर निर्भर करती है। भूमि में उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग पौधों में पोषण संबंधी असंतुलन पैदा करता है जो फसल की पैदावार और फलों की गुणवत्ता को गंभीर रूप से...

Nitrogen: an invaluable element in agriculture आधुनिक आवर्त सारणी में, नाइट्रोजन सातवां तत्व है। इसकी परमाणु संख्या सात है जबकि इसमें दो समस्थानिक हैं जिनकी संख्या द्रव्यमान संख्या चौदह और पंद्रह है। पर्यावरण में, यह N2 गैस के रूप में मौजूद है और वायु संरचना में लगभग 78% योगदान देता है। हालांकि, दो नाइट्रोजन परमाणुओं के बीच मजबूत ट्रिपल बांडों के कारण इस तरह की विशाल सांद्रता में मौजूद नहीं है। मिट्टी में नाइट्रोजन दो रूपों में मौजूद है: जैविक और अजैविक। 95% से अधिक नाइट्रोजन कार्बनिक रूप में और 5% से कम अकार्बनिक रूप में मौजूद है। अमीनो एसिड, आरएनए, डीएनए, प्रोटीन आदि कार्बनिक रूप हैं, जबकि निश्चित नाइट्रोजन, NO3-,...

Soil Testing and Balanced Nutrient Management is a must for Higher Yield पौधों की बढ़वार के लिये प्रमुख रूप से 16 विभिन्न पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिसमें से 03 पोषक तत्व कार्बन, हाईड्रोजन तथा आक्सीजन पौधे वायुमण्डल एवं जल से ग्रहण करते हैं। शेष 13 पोषक तत्व जैसे नत्रजन, स्फुर, पोटाश, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर एवं सूक्ष्म तत्व - आयरन, कापर, जिंक, मैंगनीज,बोरान, क्लोरीन एवं मालीब्डेनम पौधे को भूमि से प्राप्त होता है। इसमें से किसी भी तत्व की कमी या अधिकता होने पर फसल की वृद्धि एवं उत्पादकता प्रभावित होती है। एक तत्व की कमी या अधिकता दूसरे तत्व के अवशोषण पर भी प्रभाव डालता है। इसी तरह मिट्टी की...

Nutrient supply and element management in plants पौधों के पोषक तत्व वह रसायनि‍क पदार्थ होतेे है, जिसकी आवश्यकता पौधेे को उसके जीवन, वृद्धि और उसके शरीर की उपापचय क्रियाओं को चलाने के लिए होती है। पोषक तत्‍व शरीर को समृद्ध करते हैं। यह ऊतकों का निर्माण और उनकी मरम्मत करते हैं, यह शरीर को उष्मा और ऊर्जा प्रदान करते हैं। पौधे इनको अपनी जड़ों के माध्यम से सीधे मिट्टी से या अपने वातावरण से प्राप्त करते हैं। जैविक पोषक तत्वों में कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन (अमिनो अम्ल) और विटामिन शामिल हैं। अकार्बनिक रासायनिक यौगिकों, जैसे खनिज लवण, पानी और ऑक्सीजनको भी पोषक तत्व माना जा सकता हैं। जीव को पोषक तत्व किसी बाहरी स्रोत से लेने की आवश्यकता तब पड़ती है जब उसका शरीर इनकी पर्याप्त मात्रा का संश्लेषण स्वयं उसके शरीर में...

भारतीय कृषि में पोषक तत्‍वो का खनन Nutrient mining generally refers to agricultural practices resulting in a negative nutrient balance: export (loss) of a nutrient is greater than import (input). Estimates suggest that the total area under cultivation remained more or less constant (at 140-142 Mha) over the past several decades, and there are indications that the agricultural lands are gradually being diverted to accommodate increased urbanization and industrialization. It is unlikely that sizable additional area will be brought in under cultivation in the foreseeable future. Therefore, there is no other viable option than increasing crop productivity per unit area, to meet the future production goals. Maintenance of native soil fertility in the intensively cultivated...

Major plant nutrient elements and their fertilizers पौधों के पोषक तत्‍व उन तत्वों को कहते हैं जिनकी कमी से पौधे अपना जीवन चक्र पूरा न कर सकें तथा पौधों के स्वास्थ्य में जिनका सीधा योगदान हो। इन तत्वों  की कमी को केवल इन्हीं तत्वों के प्रयोग से ही पूरा किया जा सकता है। पौधों के मुख्य पोषक तत्व 17 हैं इनमे 9 मैक्रो या बहुल पोषक तत्व कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाशियम, गंधक, कैल्शियम तथा मैग्नीशियम है तथा 8 माईक्रो  या सूक्ष्म पोषक तत्व लोहा, जस्ता, तांबा, बोरोन, मोलिबडीनम, क्लोरीन व निक्कल है।   मृदा में पोषक तत्वों की कमी व उनके उपयोग की दृष्टि से नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटेशियम अधिक महत्वपूर्ण है। 1. नाइट्रोजन तत्‍व नाइट्रोजन तत्‍व फसलों मेें हरापन बनाता है...

मिट्टी कें पोषक तत्व निर्धारण में माइकोराइजा कवक का योगदान Arbuscular mycorrhizal fungi (AMF)  are obligate symbionts with higher plants. Mycorrhiza is the association between fungi and the roots of higher plants and microorganisms and higher plants. On a global scale, between 86% and 94% of plants are mycorrhizal. Mycorrhizal associations are mutualistic, neutral, or parasitic depending on the circumstances although mutualism is the dominant type.Associations between arbuscular mycorrhizal fungi (AMF) and plant roots are usually non-specific in terms of the fungus-plant pairings that are compatible.  A positive effect of mycorrhizalinoculation on growth of plants in metal contaminated soils. Arbuscularmycorrhizas have the ability to alleviate many anthropogenic stresses, including effects of metals and...