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Effect of climate on growth and yield of soybean under natural farming conditions in Kangra district of Himachal Pradesh. Soybean (Glycine max L.) is the world's leading oil producing crop in terms of both area and production. Soybean is the world's most important seed, contributing 25 percent of the edible oil used globally, about two-thirds of the world's protein for livestock feed). Soybean oil contains 85 percent unsaturated fatty acids and is cholesterol free. Soybean seeds contain 43.2 percent protein, 19.5 percent fat, 20.9 percent carbohydrate and a good amount of other nutrients like calcium, phosphorus, iron and vitamins. सोयाबीन (ग्लाइसिन मैक्स एल.) क्षेत्रफल और उत्पादन दोनों की दृष्टि से विश्व की...

सोयाबीन की सटीक खेती  सोयाबीन को बोनलेस मीट भी कहते है, जो कि लैग्यूम परिवार से है। इसका मूल उत्पति स्थान चीन माना जाता है। यह प्रोटीन के साथ साथ रेशे का भी उच्च स्त्रोत है। सोयाबीन से निकाले हुए तेल में कम मात्रा में शुद्ध वसा होती है। जलवायु :- सोयाबीन गर्म एवं नम जलवायु की फसल है। बीजों के अच्छे अंकुरण के लिए 25° से. तथा फसल की बढोत्तरी के लिएलगभग25-30°से. तापमानकी आवश्यकताहोती है। सोयाबीन की अच्छीफसल के लिए वार्षिक वर्षा 60-70 सें.मी. होनी चाहिए।   उन्नतशील किस्में:- एस एल 525, एस एल 744, एस एल 958, अलंकार,अंकुर, ली , पी के  262, पी के   308, पी के   327, पी के   416, पी के...

Five major diseases of soybean and their prevention हरियाणा की खरीफ की तिलहनी फसलों मे सोयाबीन का महत्वपूर्ण स्थान है। सोयाबीन प्रोटीन का भी उच्च स्त्रोत हैं। यह एक दलहनी फसल हैं जिसमें 20 प्रतिशत तेल था 40 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है जो कुपोषण की समस्या का निदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। सोयाबीन में कैल्शियम तथा विटामिन ए भी भरपुर मात्रा मे पाया जाता है। इसका प्रयोग औषधि, खाद्य पदार्थ व वनस्पति घी बनाने में किया जाता है। सोयाबीन की मुख्यतः खेती अमेरिका, चीन, इंडोनेशिया, जापान, ब्राजील, थाईलैंड, कनाडा में की जाती हैं, पर अब भारत में भी सोयाबीन एक ऐसी फसल के रूप में विकसित हुई...

12 Major pests and diseases of soybean and their management सोयाबीन विश्व की एक प्रमुख फसल है, यह लगभग विश्व की 25 वानस्पतिक तेल की मांग को पूरा करता है, सोयाबीन अपने उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन (38.45) और वानस्पतिक तेल के लिए जाना जाता है। भारत में भी इसका उपयोग अधिकांशतः वानस्पतिक तेल के लिए ही होता है, मध्यप्रदेश में सोयाबीन खरीफ की एक प्रमुख फसल है। देश में सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश अग्रणी है, परंतु हाल ही के कुछ वर्षों में मध्यप्रदेश में सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश में भारी गिरावट आयी है, जिसके प्रमुख कारणो मे मौसम की विपरीत परिस्थितियां है, जैसे फसल अवधि में अधिक वर्षा होना या बहुत कम...

सोयाबीन (ग्लाइसीन मैक्स) की प्रमुख किस्में और उनकी विशेषतायें सोयाबीन एक दलहन कुल की मुख्य तिलहनी फसल है| इसमें 30-40 प्रतिशत प्रोटीन तथा 20-22 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है| यह भोजन और पशु आहार के लिए प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है| इसका वनस्पति तेल खाद्य व औधोगिक अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है| सोयाबीन एक प्रमुख खरीफ फसल है, इसकी बुआई जून-जुलाई में और कटाई सितम्बर-अक्टूबर में की जाती है| राजस्थान में इसकी खेती झालावाड़, कोटा, बारां, चित्तौडगढ़ आदि जिलों में की जाती है| सोयाबीन की प्रमुख किस्में और उनकी विशेषतायें: राजस्थान में उगाई जाने वाली सोयाबीन की विभिन्न किस्में जो सोयाबीन के उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देती...

Quality seed production technology in soybean (Glycine max) सोयाबीन एक मुख्य तिलहनी फसल है| किसी भी फसल का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने व अधिक आर्थिक लाभ लेने के लिए अच्छी गुणवता का बीज होना अतिआवश्यक है| अभी भी सभी किसानो को सोयाबीन के अच्छी गुणवता वाले बीज उपलब्ध नही हो पा रहे है और किसान अभी भी बीजो की कमी की समस्या से जूझ रहा है जिसका सीधा प्रभाव फसल उत्पादन पर पड़ रहा है| इस समस्या के निवारण हेतु किसानो को सोयाबीन बीज उत्पादन की विभिन्न तकनीको के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है जिससे वे स्वयं अच्छी गुणवता का बीज उत्पादित कर उसको आगे की बुवाई के लिए काम...

Improved cultivation of Soybean: Boon for Farmers सोयाबीन खरीफ मौसम की एक प्रमुख फसल है। यह दलहन के बजाय तिलहन की फसल मानी जाती है। क्यूकि तेल के रूप से इसका आर्थिक उद्देश्य सबसे ज्यादा है | सोयाबीन मानव पोषण एवं स्वास्थ्य के लिए एक बहुउपयोगी खाद्य पदार्थ है। सोयाबीन एक महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत है। इसके मुख्य घटक प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा होते है। सोयाबीन में 44 प्रतिशत प्रोटीन, 22 प्रतिशत वसा, 21 प्रतिशत कार्बोहाइडेंट, 12 प्रतिशत नमी तथा 5 प्रतिशत भस्म होती है। सोयाबीन की पौष्टिक गुडवत्ता   प्रतिशत प्रोटीन 44 वसा 22 कार्बोहाइडेंट 21 तेल 16-18 भस्म 5 छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से सोयाबीन राजनांदगांव, दुर्ग, महासमुंद, बेमेतरा, धमतरी, और कबीरधाम में उगाये जाते है. इस क्षेत्र में फसल पद्धति के रूप में या मुख्य फसल...

Grow pest attracting plants and protect your crops from harmful pests  फसल उत्पादन को प्रभावित करने वाले कारकों में कीटों की भूमिका अहम रहती है। विभिन्न प्रकार के कीट जैसे-माहो, थ्रिप्स, लीफ हापर आदि अपने मुख के विभिन्न भागों से फसलों , फलों, सब्जियों एवं खाघानों को चूसकर, कुतर कर, खाकर एवं उसमें घुसकर हानिकारक पदार्थ छोडतें है, जिससे फसल तो खराब होती ही है साथ ही उसकी गुणवत्ता व बाजार मूल्य कम हो जाती है और किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पडता है। कीट आकर्षित करने वाली फसलें, कीटों के आक्रमण को कीटनाशी केे प्रयोग के बि‍ना रोककर, किसानों की आय को लगभग 10-30 प्रतिशत तक बढा सकती है। कीट आकर्षित फसलें विभिन्न प्रकार...

उत्तर-पूर्व भारत में सोयाबीन की कीट-पतंग समष्‍टि‍ और उनका पर्यावरण-अनुकूल प्रबंधन The soybean [Glycine max (L.) Merill] is one of the oldest cultivated crops of the world. It also is known as “Golden bean”, “Miracle crop” and “Crop of the planet” etc., because of its several uses. The first record of this crop is available in Chinese literature, where it is mentioned to be one of the five sacred grains of china. The middle and lower Yellow river valley in China has been reported to be the place of origin (Chang, 1980). Since the first century AD, this ancient domesticate became widely introduced and land races developed in China, Korea, India...

कृषि विकास के लिए संभावित फसलें - मक्का और सोयाबीन India is an agrarian country and agriculture is considered as a base of Indian economy. Around 67% of Indian population is directly or indirectly dependant on agriculture . The Country has diverse range of geographic and climatic conditions suitable for cultivating wide range of agricultural and horticultural crops. Due to globalization, competition is increased across the globe in both food as well as non food industry segments. The industry segment has to adapt economically sustaining operations right from raw material purchasing to selling the product at end market. In processed food products palatability, convenience, quality factors are becoming equally important along with price...