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काजू में चाय मच्छर कीड़े का प्रबंधन Cashew (Anacardium occidentale L., Family: Anacardiaceae) is one of the important commercial plantation crops in India. Insect pest infestation is a major production constraint in cashew cultivation. Tea mosquito bugs (TMB)– Helopeltis spp (Miridae: Heteroptera), are most serious insect pest of cashew in India and causes more economic loss to the crop. There are four species of TMB viz., Helopeltis antonii, H. bradyi, H. theivora and Pachypeltis maesarum (Hemiptera: Miridae) were found to infest in cashew. The mirid bug H. antonii is the dominant species and has been found infesting in all major cashew growing regions of India followed by H.bradyi and H. theivora. It...

शीतकालीन गेंदे की व्यावसायिक खेती कैसे करें भारतवर्ष में गेंदा हर घर में हर मौके पर इस्तेमाल होने के कारण अब यह एक व्यावसायिक नकदी फसल बन गया है। यह फूल सजावटी गमलों में भी प्रयोग किया जाता है साथ ही यह गमलों की दहलीज पार कर बड़े बड़े खेतों में पहुंच गया है। गेंदा की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह वर्ष के बारहों महीनों फूल देता है। जिन महीनों मे कोई अन्य फूल नहीं मिलते हैं उन दिनों में भी गेंदा का फूल सहज ही उपलब्ध होता है। गेंदा हर मौसम में प्राप्त होने के साथ साथ इसकी दूसरी विशेषता है कि यह कई दिनों तक ताजा बना रहता है।...

Diseases of the jute and its management पटसन का वानस्पतिक नाम कोरकोरस केपसुलेरिस तथा को. आलीटोरियस है जो कि स्परेमेनियोसी परिवार का सदस्य है। विश्‍व में कपास के बाद पटसन दूसरी महत्वपूर्ण वानस्पतिक रेशा उत्पादक वाणिज्यिक फसल है। पटसन की खेती मुख्यतया बंगलादेश, भारत, चीन, नेपाल तथा थाईलैंड में की जाती है। भारत में पश्‍ि‍चम बंगाल, बिहार, असम इत्यादि राज्यों में पटसन कि खेती की जाती है। देश में पटसन का क्षेत्रफल 8.27 लाख हैक्टेयर है। वही इसका उत्पादन 114 लाख गांठ है। पटसन की फसल में कई प्रकार के जैविक व अजैविक कारकों से रेशे के उत्पादन में कमी आती है। जैविक कारकों के अन्तर्गत तना सड़न रोग इसके उत्पादन में सबसे...

Concise information of sugarcane production गन्ना  एक प्रमुख नकदी फसल है, जिससे चीनी, गुड़ आदि का निर्माण होता हैं। एवं इसका रस पीने के लिए की जाती हैं एक नकदी फसल है हमारा कोई पर्व या उत्सव ऐसा नहीं होता जिस पर हम अपने बंधु-बांधवों और इष्ट-मित्रों का मुंह मीठा नहीं कराते। मांगलिक अवसरों पर लड्डू, बताशे, गुड़ आदि बांटकर अपनी प्रसन्नता को मिल-बांट लेने की परम्परा तो हमारे देश में लम्बे समय से रही है। सच तो यह है कि मीठे की सबसे अधिक खपत हमारे देश में ही है। गन्‍ना उत्‍पादन के लि‍ए भूमि एवं उसकी तैयारी: दोमट भूमि जिसमें सिंचाई की उचित व्यवस्था व जल का निकास अच्छा हो, तथा पी.एच. मान 6.5 से 7.5...

Scientific cultivation of Turmeric हल्दी की खेती सामान्यत: सभी प्रकार की भूमियों में की जा सकती है। उचित जलनिकास वाली बलुई दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी जिसमें जीवांश की अच्छी मात्रा हो, हल्दी के लिये उपयुक्त होती है। इसकी अच्छी पैदावार के लिये भूमि का पी एच मान 5.0-7.5 के बीच होना चाहिए। चिकनी मिट्टी, क्षारीय भूमियों तथा पानी ठहरने वाले स्थान पर विकास रुक जाता है। इसकी खेती बगीचों में अंतरवर्तीय फसल के रूप में भी की जा सकती है। हल्दी की खेती के लि‍ए भूमि हल्दी की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिये भूमि की अच्छी तैयारी करने की आवश्यकता होती है क्योंकि यह जमीन के अंदर होती है जिससे जमीन को...

रसभरी या केप करौदा: भारत में एक नई नकदी फसल Introduction and adaptations of new crops contribute to an increase in diversity of agricultural systems. It offers new opportunity and alternatives to farmers and markets. New crops can result in an increase of income for farmers. The Cape gooseberry (Physalis peruviana L.) करौदा is a new herbaceous crop which comes under minor fruit. The genus Physalis, of the family Solanaceae, contains around more than 100 species of annual and perennial herbs. Several species of Physalis are grown for their edible fruits like, P. peruviana L. (Cape gooseberry) , P. pruinosa L. (strawberry tomato), or P. ixocarpa Brot. (husk tomato). This crop can be grown successfully in kitchen garden....

Commercial cultivation of Sugarcane व्यावसायिक फसलों में गन्ने का महत्त्वपूर्ण स्थान है । गन्ने की खेती के लिए गर्म जलवायु अच्छी मानी जाती है । अच्छे विकास के लिए तापमान 26-32 डिग्री से.ग्रे. उत्तम होता है । खेती के लिए मध्यम से काली कछारी एवं चिकनी दोमट मिटटी डोरसा कन्हार सर्वोत्तम रहती है। गन्‍ना उत्‍पादन के लि‍ए खेत की तैयारी: खरीफ फसल काटने के बाद खेत की गहरी जुताई मिटटी पलटने वाले हल से करें । इसके बाद देषी हल या कल्टीवेटर से जुताई करके पाटा चलाकर खेत समतल करें । गन्‍ना बोने का समय: गन्ने को अक्टूबर-नवम्बर षरद ऋतु व फरवरी मार्च बसंत ऋतु में बोया जाता है । बसंत की अपेक्षा षरदकालीन बुवाई...

Improved Techniques of Turmeric Cultivation  हल्दी एक महत्वपूर्ण मसाले वाली फसल है जिसका उपयोग औषधि से लेकर अनेकों कार्यो में किया जाता है। इसके गुणों का जितना भी बखान किया जाए थोड़ा ही है, क्योंकि यह फसल गुणों से परिपूर्ण है हल्दी की खेती आसानी से की जा सकती है तथा कम लागत तकनीक को अपनाकर इसे आमदनी का एक अच्छा साधन बनाया जा सकता है। यदि किसान भाई इसकी खेती ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहते तो कम से कम इतना अवश्य करें जिसका उनकी प्रति दिन की हल्दी की मांग को पूरा किया जा सकें। निम्नलिखित शास्त्र वैज्ञानिक पद्धतियों को अपना कर हल्दी की खेती सफलता पूर्वक की जा सकती...