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Role of A1 and A2 cow Milk in Farmer’s Income गाय के दूध को प्रकृति का सबसे अच्छा भोजन माना गया है, जो उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित एक महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करता है। दूध कैल्शियम और प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है। दूध हमारे लिए मूल और मुख्य भोजन है। गाय के दूध को माँ के दूध के बाद सबसे अच्छा स्रोत कहा जाता है। गाय के दूध के लाभों में आसान पाचन, विकासको बढ़ावा देना, कैल्शियम और आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करना शामिल है। गाय के दूध में 87.7% पानी, 4.9% लैक्टोज (कार्बोहाइड्रेट), 3.4% वसा, 3.3% प्रोटीन और 0.7% खनिज होते है । दूध में कुल...

Care of cow and its new born calf डेयरी फार्मिंग कृषि समुदाय के साथ-साथ भूमिहीन गरीबों का एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है। डेयरी फार्मिंग की लाभप्रदता कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे पशुओं की दूध की उपज, बछड़े के उत्पादन में नियमितता, चारे की लागत, श्रम लागत और प्रबंधन आदि। उत्पादन प्रदर्शन में प्रजनन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियमित रूप से प्रजनन और उत्पादन के लिए पोषण और स्वास्थ्य देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है। बछड़े का विकास गर्भधारण के अंतिम दो महीनों के भीतर होता है। गर्भवती बांध का प्रबंधन उसके खीस  में पाए जाने वाले एंटीबॉडी की गुणवत्ता और मात्रा को प्रभावित करता है, जो सीधे बछड़े के स्वास्थ्य को प्रभावित...

अफारा रोग: पशुओं में आकस्मिक मौत का प्रमुख कारण  जुगाली करने वाले पशुओं में अफरा एक आम समस्या है । इनके रुमेन (पेट) में पाचन के दौरान गैस का बनना एक सामान्य प्रक्रिया है तथा यह गैस थोड़े थोड़े अंतराल पर  मुँह के रास्ते से हमेशा निकलती रहती है । परन्तु जब किसी कारण बस गैस बाहर नहीं निकल पाती है, तब गैस भरने की वजह से पेट फूल जाता है। इस अवस्‍था अफारा कहते है। अफारे के कारण पशु की कृति या छायाचित्र बदल जाती है और पशु को साँस लेने में परेशानी होती है। कुछ पशुओं में तीव्र अफरा की वजह से आकस्मिक मृत्यु भी हो जाती है । अफरा दो तरह...

अजौला: दुधारु पशुओ के लिए एक पौष्टिक आहार  भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि‍ व्यवसाय के सहायक उद्यम के रूप में पशुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रायः मानसून के अलावा पशुओं को फसल अवशेषों, सूखे चारें आदि खिलाया जाते है। पौष्टिक चारें के अभाव में पशुओं के विकास, उत्पादन तथा प्रजनन क्षमता में कमी आती है जिससे पशुपालक की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस समस्या से उभरने के लिए पशुपालको द्वारा अजौला उगाकर पशुओं को पौष्टिक चारा खिलाया जा सकता है। क्या है अजौला : अजौला एक जलीय फर्न है जो छोटे-छोटे समूह के रूप में सघन हरित गुच्छे की तरह जल की सतह पर मुक्त रूप से तैरती रहती हैं। भारत...

How to properly nurture newborn calf? पशुपालन व्यवसाय की सफलता के लिये उचित संख्या में उत्तम गुणों वाले बच्चों का विकास आवश्यक है। यही बछड़े बड़े होकर पुराने, बूढ़े तथा अनुत्पादक पशुओं का स्थान लेते है। इस तरह यह सतत प्रक्रिया चलती रहती है एवं उत्पादकता और लाभ दोनों ही बढ़ते हैं। यदि बछड़े पर्याप्त संख्या में ना हों तो अगली पीढ़ी के लिये उच्च उत्पादकता के पशु चयन करने में सफलता नहीं मिल पाएगी । यदि पालन पोषण पर ध्यान नहीं दिया जाए तो बछड़ों की मृत्युदर अधिक हो जाती है साथ ही जो बच्चे बच जाते हैं उनकी वृधिदर कम हो जाती है तथा उत्पादकता घट जाती है। बछड़ों की मृत्युदर...

Scientific management of milch cattle and milk harness भारत में डेयरी उद्योग तेजी से बढ़ रहा हैl अब इसका विस्तार सीमान्त किसानों के जीविकोपार्जन से आगे निकलकर व्यावसायिक रूप में हो रहा है l वर्तमान समय में भारत को दुग्ध उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ देश होने का गौरव प्राप्त है l विश्व के कुल दुग्ध उत्पादन में १८% हिस्सा हमारा देश उत्पादित कर रहा हैl गाय एवं भैंस हमारे देश के मुख्य डेयरी पशुओं में आते हैंl दुग्ध उत्पादक किसानों द्वारा दोनों तरह के पशु पाले जाते हैं l किसानों के लिए अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए अच्छी नस्ल के चयन के साथ ही उनका उचित प्रबंधन भी अत्यंत आवश्यक होता है l...

Role of goat farming in doubling farmer’s income बकरी पालन ग्रामीण भारत में किसानों के लिए गरीबी कम करने की तकनीकों में से एक है। 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ, संयुक्त राष्ट्र (यू.एन.) की एक विशेष एजेंसी, इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट (आईएफएडी) के सहयोग से भारत सरकार किसानों को गरीबी से बाहर निकालकर भारत में बकरी पालन का विकास कर रही है। बकरियां पालना एक आमदनी पैदा करने वाली गतिविधि है, जिसमें विशेषकर दूरदराज के, आदिवासी और पारिस्थितिक रूप से कमजोर क्षेत्रों के लिए आय बढ़ाने और पोषण में सुधार करने की काफी संभावना है। ऐसी खेती में न्यूनतम निवेश और इनपुट लागत की...

Management strategies during disaster in livestock perspective आपदा प्रबंधन प्रणालियों के महत्व संदर्भ मेंविकासशील देश जागरूक हो रहे हैं, और सभी स्तरों पर तैयारी, प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य लाभ तंत्र को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यह अच्छी तरह से जाना जाता है कि भारत सहित कई विकासशील देश हमेशा आपदाओं से निपटने के लिए तैयार नहीं रहते हैं। विकसित तरह से आपदा प्रबंधन योजनाओं की कमी के परिणामस्वरूप मानव जीवन, पशु जीवन और संपत्ति का गंभीर नुकसान हुआ है, जो आवश्यक तंत्रों के स्थान पर बचाया जा सकता है। विशेष रूप से पशुऔं कि स्थिति में सुधार के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। भारत में पशुधन...