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Ways of hygienic milk production दूध यदि गंदगी, दुर्गंध तथा हानिकारक जीवाणु रहित है तो ऐसे दूध को हम स्वच्छ दूध कहते हैं। दूध जब थन से निकलता है तो स्वच्छ रहता है, पर थन से निकलने के बाद यदि साफ सफाई का ध्यान सही से न रखा जाए तो बाहरी आवोहवा के संपर्क मे आकर दूषित हो जाता है। दूषित दूध का सेवन करने से कई बीमारियाँ हो जाती हैं। अतः स्वच्छ दूध का उत्पादन अति आवश्यक है। स्वच्छ दूध के उत्पादन के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है जिस पशु से दूध निकाला जा रहा है वो स्वस्थ होना चाहिए। पशु मे टी. बी. तथा ब्रूसेलोसिस का परीक्षण साल...

Care of newborn dairy calf  नवजात  बछड़ो  की देखभाल या नवजात  बछड़ो का वैज्ञानिक प्रबंधन करके डेरी यवसाय में  फायदा हो कमाया जा सकता हैं । गाय ब्याने के बाद उसके बच्चे को दो तरीके से पाला जा सकता है एक पशु के साथ रखकर और दुसरा बच्चे को दूसरे बच्‍चों के साथ रखकर (वीनिंग). वीनिंग ज्यादा फययेदेमन्द होता है उसको आवश्यकता अनुसार खानपान दिया सकता है और बच्चा मरने पर भी माँ दूध देती रहती है। बच्चा पैदा होने के बाद टाट भूसा रगड़कर अच्छे से साफ़ करना चाहिए। और उसके पिछले पैरो  को पकड़कर उल्टा लटका दे ताकि नाक से स्लेश्मा बाहर निकल जाए अौर वो ठीक से  सांस लेने...

अधि‍क दूध उत्पादन के लिये पोषक पशु आहार का महत्व  भारत के ग्रामीण क्षेत्रो में डेरी उद्योग आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है । डेयरी कृषि का एक प्रकार है जो दूध उत्पादन पर केंद्रित है। दूध उत्पादन या डेयरी फार्मिंग भारत में, छोटे  व बड़े स्तर दोनों पर सबसे ज्यादा विस्तृत रूप  में फैला हुआ व्यवसाय है।अपने पशुओं का बेहतर रख-रखाव और उन्हें पौष्टिक चारा खिलने से किसान की आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है डेयरी गायों को दूध उत्पादन, शरीर के रख-रखाव और अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक संतुलित आहार की आवश्यकता होती है।जानवरों के पास हर समय पर्याप्त मात्रा में जल  होना चाहिए ताकि वह अपनी आवश्यकता के अनुसार...

दूधारू पशुओं में बाँझपन की समस्या के कारण एवं उनका निवारण  पिछले कई दशकों से यह पाया गया है कि जैसे-जैसे दूधारू पशुओं के दुग्ध उद्पादन में वृद्धि हुई है वैसे-वैसे प्रजनन क्षमता में गिरावट हुई है । दूधारू पशुओं की दूध उत्पादन की क्षमता प्रत्यक्ष रूप से उनकी प्रजनन क्षमता पर निर्भर करती है । दूधारू पशुओं में बाँझपन की स्थिति पशुपालकों के लिए बहुत बड़े आर्थिक नुकसान का कारण  है । पशुओं में अस्थायी रूप से प्रजनन क्षमता के घटने की स्थिति को बाँझपन कहते है । बाँझपन की स्थिति में दुधारू गाय अपने सामान्य ब्यांत अंतराल  (12 माह) को क़ायम नहीं रख पाती । सामान्य ब्यांत अंतराल को क़ायम...

Save oil and energy in farming खेती में खनिज तेल की बहुत ज्यादा खपत है. तेल के दाम दिन प्रतिदिन बढते ही जा रहे है अतः यह आवश्यक हो गया है की इनका उपयोग किफ़ायत के साथ किया जाए. किसान भाइयो को ट्रेक्टर और इंजनों में डीजल की खपत कम करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. ये बातें निम्न हैं: प्रत्येक ट्रेक्टर और इंजन का निर्माता नए मशीन के साथ निर्देश पुस्तिका देता है. मशीनों के उपयोग करने से पहले उसकी निर्देश पुस्तिका को ध्यान से पढ़ें और उसमे लिखी सलाह के अनुसार ही मशीन का प्रयोग करें. इंजन  चालू  करने  पर यदि टैपित का शोर  सुने पड़ता है तो...

Bhadwari Buffalo Keeping for more ghee production भारतीय डेरी ब्यवसाय मे घी का स्थान सर्वोंपरि है। देश में उत्पादित दूध की सर्वाधिक मात्रा घी में परिवर्तित की जाती है। हमारे देश में भैसो की बारह प्रमुख नस्ले है। भदावरी उनमे से एक महत्वपूर्ण नस्ल है जो उत्तर प्रदेश तथा मघ्य प्रदेश के भदावर क्षेत्र में यमुना तथा चम्बल नदी के आस पास के क्षेत्रो में पायी जाती है। यह नस्ल दूध में अत्याधिक वसा प्रतिशत के लिए प्रसिद्ध हैं। भदावरी भैंस के दूध में औसतन 8.0 प्रतिशत वसा पायी जाती है जो अलग अलग भैसों में 6 से 14 प्रतिशत तक हो सकती है। गांवों में यह कहावत है कि इस...