Green Manure Tag

जैविक खेती के जरिए युवाओं का विकास एवं सशक्तिकरण  सर अल्बर्ट हॉवर्ड, एफएच किंग, रुडोल्फ स्टेनर और अन्य लोगों द्वारा 1900 के दशक की शुरुआत में जैविक कृषि की अवधारणाओं को विकसित किया गया था, जो मानते थे कि पशु खाद , फसलों को कवर, फसल रोटेशन, और जैविक आधारित कीट नियंत्रण। हावर्ड, भारत में एक कृषि शोधकर्ता के रूप में काम कर रहे थे, उन्होंने पारंपरिक और टिकाऊ खेती प्रथाओं से बहुत प्रेरणा प्राप्त की, जो उन्होंने वहां सामना किया और पश्चिम में उनके गोद लेने की वकालत की। इस तरह की प्रथाओं को विभिन्न अधिवक्ताओं ने आगे बढ़ाया - जैसे कि जे.आई. रोडले और उनके बेटे रॉबर्ट, 1940 और उसके...

Different types of organic fertilizer for healthy soil and more crop production वर्तमान में भारत की जनसंख्या 1.35 अरब (विश्व बैंक, 2018) है तथा खाद्यान्न उत्पादन 285 मिलियन टन (2017-18) है। एक अनुमान के अनुसार भारत की जनसंख्या 2050 तक 1.67 अरब हो जायेगी। भारत की इस बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्यान्न आवश्यकता को पूरा करने के लिए खाद्यान्न उत्पादन को 2050 तक 333 मिलियन टन तक बड़ाना पडेगा। बडती हुई खाद्यान्न माॅग की पुर्ति के लिए अधिक से अधिक खाद्यान्न उत्पादन के प्रयास कि‍ए जा रहे है। खाद्यान्न उत्पादन बढाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध  प्रयोग किया जा रहा है जिससे प्रकृति में उपस्थित जैविक व अजैविक चक्र प्रभावित हो रहे...

हरी खाद : टिकाऊ खेती की कुंजी वर्तमान समय में खेती में रसायनिक उर्वरकों के असंतुलित प्रयोग एवं सीमित उपलब्धता को देखते हुये अन्य पर्याय भी उपयोग में लाना आवश्यक हो गया है तभी हम खेती की लागत को कम कर फ़सलों की प्रति एकड उपज को भी बढा सकते हैं, साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी अगली पीढी के लिये बरकरार रख सकेंगे। हरी खाद मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिये एवं फ़सल उत्पादन हेतु जैविक माध्यम से तत्वों की पूर्ति का वह साधन है जिसमें हरी वानस्पतिक सामग्री को उसी खेत में उगाकर या कहीं से लाकर खेत में मिला दिया जाता है। इस प्रक्रिया को ही...

Organic Farming: Land and Life Requirementsभारत वर्ष में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है और कृषकों की मुख्य आय का साधन खेती है। 60वें दशक की हरित क्रांति ने यद्यपि देश को खाद्यान्न की दिशा में आत्मनिर्भर बनाया लेकिन इसके दूसरे पहलू पर यदि गौर करें तो यह भी वास्तविकता है कि खेती में अंधाधुंध उर्वरकों के उपयोग से जल स्तर में गिरावट के साथ मृदा की उर्वरता भी प्रभावित हुई है एक समय बाद खाद्यान्न उत्पादन न केवल स्थिर हो गया बल्कि प्रदूषण में भी बढ़ोतरी हुई है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा हुआ है। इसलिए इस प्रकार की उपरोक्त सभी समस्याओं से निपटने के लिये गत...

 Natural tonic for Farm - Green manure हरी खाद (ग्रीन मैन्योर) भूमि के लिये वरदान है। यह भूमि की संरचना को भी सुधारते हैं तथा पोषक तत्व भी उपलब्ध कराते हैं। जानवर को खाने में जैसे रेशेवाले पदार्थ की मात्रा ज्यादा रहने से स्वास्थ्य के लिये अच्छा रहता है उसी प्रकार रेशेवाले खाद (हरी खाद) का खेतों में ज्यादा प्रयोग खेत के स्वास्थ्य के लिये अच्छा है। हरी खाद एक प्रकार का जैविक खाद है जो शीघ्र विघटनशील हरे पौधों विशेषकर दलहनी पौधों को उसी खेत में उगाकर, जुताई कर मिट्टी में मिला देने से बनता है। जीवित व सक्रिय मृदा वही कहलाती है जिसमें अधिक जीवांश की मात्रा होती है। जीवाणुओं का भोजन...

मिट्टी की उर्वरता का संरक्षण और जैविक पदार्थों की भूमिका Maintenance of soil fertility is a great problem to our farmers. Cultivation of particular crop year after year in the same field decreases the soil fertility. To increase the soil fertility, it is necessary to check the loss of nutrient and to increase the nutrient content of soil. The following things must be properly followed for increasing the fertility of soil. Proper use of land improve soil fertility Good yield of crop is not possible if we cultivate any crop in any land. So it is necessary to select the crop which is suitable for a particular land. Practical experience will be helpful...

Cost effective agricultural practices  कम खर्च में- अधिक लाभ कैसे कमा यें? आज भारत ने अनाज उत्पादन के क्षेत्र में अधिक उपज देने वाली किस्मों की मदद से, आत्म निर्भरता हासिल कर ली है। लेकिन कुछ प्रमुख समस्याएं भी पैदा हुई हैं। उदाहरण के लिये धान और गेहूं की फसलों की निरंतर बुवाई करने से कई खरपतवार पनपने का अवसर मिलता है। जल्दी-2 सिंचाई करने से मिट्टी में रोग और सूक्ष्म जीव बढ़ने का अवसर मिलता है। जिसके द्वारा मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है।  इन सब कारणों की वजह से किसान सामर्थ्यहीन होते हुए भी, खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवार-नाशी, पानी के लिए-बिजली या डीजल, कीड़े, मकोड़े के लिए-कीटनाशक, मिट्टी की...

हरी खाद धान के कि‍सानों के लि‍ए वरदान है  Every farmer knows how much work goes into the production of a basket of compost and carrying it to the fields. But it never seems that the farm production gives an equal return for the hard work that goes into making and carrying the compost. Green manures are a method of replacing that basket of compost with a handful of seed. In this method, the plants that grow from the handful of seed are ploughed back into the soil. After a while in the soil, the plants rot down to become compost. Plants used in this way are called Green Manures. It's a...

Use green manure to increase soil fertility वर्तमान समय में खेती में रसायनिक उर्वरकों के असंतुलित प्रयोग एवं सीमित उपलब्धता को देखते हुये अन्य पर्याय भी उपयोग में लाना आवश्यक हो गया है तभी हम खेती की लागत को कम कर फ़सलों की प्रति एकड उपज को भी बढा सकते हैं, साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी अगली पीढी के लिये बरकरार रख सकेंगे । रसायनिक उर्वरकों के पर्याय के रूप में हम जैविक खादों जैसे गोबर की खाद, कम्पोस्ट, हरी खाद आदि को उपयोग कर सकते हैं । इनमें हरी खाद सबसे सरल व अच्छा प्रयोग है। इसमें पशु धन में आई कमी के कारण गोबर की उपलब्धता पर भी...

Application technique and benifits of Green manure बिना सड़े-गले हरे पौधे (दलहनी अथवा अदलहनी अथवा उनके भाग) को जब मृदा की नत्रजन या जीवांश की मात्रा बढ़ाने के लिए खेत में दबाया जाता है तो इस क्रिया को हरीखाद देना कहते है। सिमित संसाधनो के समुचित उपयोग हेतु कृषक एक फसली, द्वीफसली कार्यक्रम व विभिन्न फसल चक्र अपना रहे है जिससे मृदा का लगातार दोहन हो रहा है जिससे उसमें उपसिथत पौधों के बढ़वार के लिए आवश्यक पोषक तत्व नष्ट होते जा रहें है। इस क्षतिपूर्ति हेतु विभिन्न तरह के उर्वरक व खाद का उपयोग किया जाता है। उर्वरक द्वारा मृदा में सिर्फ आवश्यक पोषक तत्व जैसे नत्रजन] स्फुर, पोटाश, जिंक इत्यादि...