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Application of Aeroponics in Seed Potato Production आलू एक वनस्पतिक रूप से पैदा होने वाली फसल हैं जिसके फलस्वरूप आलू के कंद विभिन्न वेक्टर प्रेषीत वायरल संक्रमणों से ग्रस्त हो जाते है, जो साल दर साल इसकी उत्पादकता को गंभीरता से प्रभावित करते हैं।  इसलिए लाभदायक उत्पादन के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का उपयोग करना आवश्यक है। लेकिन, मुख्य रूप से विकासशील देशों में आलू के उत्पादन में गुणवत्ता वाले बीज की उपलब्धता एक प्रमुख बाधा है। आलू के बीज उत्पादन के लिए पिछले पांच दशकों से भारत में " सीड प्लॉट तकनीक" पर आधारित पारंपरिक बीज उत्पादन तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। इसमें सभी प्रमुख विषाणुओं के लिए...

उच्च गुणवत्ता वाले आलू बीज उत्पादन के लिए तकनीक Potato is a crop of major economic importance and worldwide it is the third most important food crop after rice and wheat. Asia and Europe are the world’s major potato producing regions, accounting for more than 80%. Potato is grown almost in all states of India. Uttar Pradesh, West Bengal, Madhya Pradesh, Bihar, Gujrat and Punjab together account for about 87% of India’s production (fig 1). Fig 1 Per cent share of states in potato production Source: State Departments of Horticulture & Agriculture Importance of seed in potato production Manu Smriti says “Subeejam Shushereto Jaayaty Sapadayaty” means the good seed in a good field produces abundantly....

Madhya Pradesh an emerging state in the production of horticulture crops especially potato  मध्यप्रदेश में कृषि वृद्धि 2005-06 से 2014-15 के लम्बे दशक के दौरान लगभग 9.7% प्रतिवर्ष रही जो कि दस वर्ष की अवधि के दौरान भारत के किसी बडे राज्य की कृषि में उच्चतम वृद्धि दर थी। विगत पांच वर्ष अत्यधिक महत्वपूर्ण रहे हैं जिसके दौरान कृषि सकल घरेलू उत्पाद में 14.2% प्रतिवर्ष की वृद्धि हुई। भारत में वर्ष 2017-18 में उद्यानिकी फसलों का कुल उत्पादन 311.71 मिलियन मैट्र्कि टन था एवं मध्यप्रदेश में 26.53 मिलियन मैट्र्कि टन रहा जो कि कुल भारतीय उत्पादन का 8.51% था। वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक भारत के कुल उद्यानिकी उत्पाद में 3.09% की...

Management of cyst nematode in Potato आलू सब्जियों की मुख्य फसल है और भारत में आलू की खेती एक प्रमुख फसल के रूप में की जाती है। आलू के प्रमुख कीटों में कवचधारी सूत्रकृमि का बहुत महत्व है। जिसे पुटी कृमि या सुनहरे सूत्रकृमि या पोटेटो सिस्ट नेमॅाटोड नाम से भी जाना जाता है।  यह भारत सहित दुनिया भर के कई देशों में आलू के उत्पादन निरोधक खतरनाक कीटों में से एक हैं। एक उपयुक्त परपोषी पौधे के अभाव में यह मिट्टी में लंबे समय तक जीवित रहते हैं । आज के समय में आलू के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य के लिए यह एक गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। वर्ष 1961 में...

आलू की जैविक खेती की वि‍धि‍  आलू अपने अंदर बिभिन्न प्रकार का विटामिन्स, मिनिरल्स एवं एंटी ओक्सिडेंट को समाये हुए एक संपूर्ण आहार है| आलू की फसल हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार आदि राज्यों की आर्थिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, क्योंकि यहां की जलवायु आलू उत्पादन के लिए अनुकूल है। आलू की अनुमोदित किस्में कुफरी-चंद्रमुखी, कुफरी-ज्योत, कुफरी-अशोका, कुफरी-पुखराज, कुफरी-लालिमा, कुफरी-अरुण, कुफरी-चिप्सोना, राजेंद्र आलू आदि प्रमुख किस्में है| आलू की फसल के लि‍ए भूमि  आलू की फसल के लिए अच्छे निकास वाली, उपजाऊ दोमट मिट्टी सबसे उत्तम है। यद्यपि अच्छे प्रबंध द्वारा इसे विभिन्न प्रकार की भूमियों में भी उगाया जा सकता है। इस फसल के लिए मिट्टी का पी एच मान 6-7.5 तक उपर्युक्त...

अरबी (Taro) की करे वैज्ञानिक पद्धति से खेती Taro or Colocasia is also known by the names Ghuiya, Kochai, Colocasia esculenta, etc. It is cultivated in Kharif and Zaid seasons. Its vegetable is made like potato and bhaji and pakoras are made from its leaves. Itching ends when boiled. Tuber mainly consists of starch. Vitamin 'A' and calcium, phosphorus and iron are also found in Arabic leaves. अरबी को घुईया, कोचई, Colocasia esculenta,  आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी खेती  खरीफ और जायद मौसम में की जाती है। इसकी सब्जी आलू की तरह बनाई जाती है तथा पत्तियों की भाजी और पकौड़े बनाए जाते हैं उबालने पर इसकी खुजलाहट समाप्त...

Integrated Pest Management practices in Potato crop आलू की खेती सम्पूर्ण भारत में प्रमुख फसल के रूप में ली जाती है, लेकिन भारत में आलू की उत्पादकता 22 टन/हैक्टेयर है जो विश्व के कई देशो के मुकाबले कम है। इसका प्रमुख कारण खेतों तथा भंडारगृह में लगने वाले रोग, कीट व सूत्रकृमि है। जिससे फसल को 60-70 प्रतिशत नुकसान उठाना पड़ रहा है। अतः इस तरह के नुकसान से बचने के लिए आलू के प्रमुख कीटों व रोगों की पहचान करने तथा उनके उचित प्रबन्धन की जानकारी आवश्यक है। आलू के प्रमुख कीट: 1. आलू कंद स्तम्भ (पोटेटो टयूबर मोथ): यह कीट आलू को खेतों तथा भंडारगृह दोनों जगह नुकसान पहुँचाता है। इस कीट की...

Potato storage problems and their solution आलू उत्पादन के हिसाब से हमारे भारत देश का विश्व में चीन के बाद दूसरा स्थान है एवं हमारे कृषक अपनी अथक मेहनत से हर वर्ष लगभग 400 लाख मेट्रिक टन आलू का उत्पादन करते हैं। आजादी से लेकर अब तक हमारे देश में आलू का उत्पादन दिन प्रतिदिन बढ़ता रहा है।  इसका एक बड़ा श्रेय केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान को भी जाता है जि‍सने अब तक, विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के अनुसार , पचास आलू की किस्मों का विकास किया है। इस बढ़ते हुए आलू उत्पादन से एक विकट समस्या भी पैदा हुई है और वो है आलू का भण्डारण। हमें यह ज्ञात है कि आलू में लगभग 80...