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Integrated Pest Management practices in Potato crop आलू की खेती सम्पूर्ण भारत में प्रमुख फसल के रूप में ली जाती है, लेकिन भारत में आलू की उत्पादकता 22 टन/हैक्टेयर है जो विश्व के कई देशो के मुकाबले कम है। इसका प्रमुख कारण खेतों तथा भंडारगृह में लगने वाले रोग, कीट व सूत्रकृमि है। जिससे फसल को 60-70 प्रतिशत नुकसान उठाना पड़ रहा है। अतः इस तरह के नुकसान से बचने के लिए आलू के प्रमुख कीटों व रोगों की पहचान करने तथा उनके उचित प्रबन्धन की जानकारी आवश्यक है। आलू के प्रमुख कीट: 1. आलू कंद स्तम्भ (पोटेटो टयूबर मोथ): यह कीट आलू को खेतों तथा भंडारगृह दोनों जगह नुकसान पहुँचाता है। इस कीट की...

Potato storage problems and their solution आलू उत्पादन के हिसाब से हमारे भारत देश का विश्व में चीन के बाद दूसरा स्थान है एवं हमारे कृषक अपनी अथक मेहनत से हर वर्ष लगभग 400 लाख मेट्रिक टन आलू का उत्पादन करते हैं। आजादी से लेकर अब तक हमारे देश में आलू का उत्पादन दिन प्रतिदिन बढ़ता रहा है।  इसका एक बड़ा श्रेय केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान को भी जाता है जि‍सने अब तक, विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के अनुसार , पचास आलू की किस्मों का विकास किया है। इस बढ़ते हुए आलू उत्पादन से एक विकट समस्या भी पैदा हुई है और वो है आलू का भण्डारण। हमें यह ज्ञात है कि आलू में लगभग 80...

Potato seed certification method राष्ट्रीय बीज गुणन पोलिसी के अनुसार बीज गुणन प्रावस्थाओं को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया है। i) प्रजनित या मूल बीज ii) आधार बीज-I व II iii) प्रमाणित बीज । प्रमाणित बीज के बारे में यह माना जाता है कि यह बीज मिलावट रहित शुद्ध एवं रोग मुक्त होता है जिनमें रोग और कीटों के प्रति सहनशीलता होती है। जबकि आधार बीज-1 और आधार बीज-2 तथा प्रमाणित बीज की विषाणु रोगों, विजातीय किस्मों, कन्द जनित रोगों और ग्रेड सम्बन्धित सीमाओं का निर्धारण भारत सरकार द्वारा तय होता है। प्रजनित बीज की माँनीटरिंग का कार्य तो प्रमाणीकरण एजेन्सियां करती हैं किन्तु यह एजेन्सियां बीज का प्रमाणीकरण नहीं करतीं। भारत...

Importance of Aeroponic System in Potato Seed Production आलू के उत्पादन में बीज आलू का सबसे ज्यादा महत्व होता है, क्योंकि कुल लागत का लगभग 50 प्रतिशत भाग बीज आलू का ही होता है। इसकी फसल एक संतति से दूसरे संतति में उसके वानस्पतिक कंदों द्वारा ही तैयार की जाती है, जिसके कारण बीज द्वारा विषाणु एवं फफूंद जनित बीमारियों के फैलने की बहुत अधिक सम्भावनाएं रहती हैं। पारंपरिक बीज आलू पैदा करने की विधि यूं तो बहुत विशवसनीय है परन्तु इस विधि द्वारा पैदा किये गये बीज को किसानों तक पहुंचाने में सात से आठ साल लग जाते हैं। इस दौरान अक्सर बीज में कई तरह के रोग लगने का डर...

कुफरी गौरव - भारत के उत्तरी-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों के लिए आलू की सर्वाधि‍क नाइट्रोजन दक्ष्‍ा कि‍‍‍‍स्‍म Potato is highly capital and labour intensive crop. Presently, India is the second largest potato producer in the world. For achieving higher productivity, fertilizer inputs particularly of nitrogen are increasing, which not only enhance the cost of production, but also is a major environmental concern.  Therefore, nutrient efficient varieties which produce higher yields per unit of nutrient applied or absorbed than other varieties under similar agro- ecological conditions play an important role in present day agriculture as the nutrient efficient cultivars would enable farmers to produce at a lower fertility level of the soil. Central Potato Research Institute,...

Grow pest attracting plants and protect your crops from harmful pests  फसल उत्पादन को प्रभावित करने वाले कारकों में कीटों की भूमिका अहम रहती है। विभिन्न प्रकार के कीट जैसे-माहो, थ्रिप्स, लीफ हापर आदि अपने मुख के विभिन्न भागों से फसलों , फलों, सब्जियों एवं खाघानों को चूसकर, कुतर कर, खाकर एवं उसमें घुसकर हानिकारक पदार्थ छोडतें है, जिससे फसल तो खराब होती ही है साथ ही उसकी गुणवत्ता व बाजार मूल्य कम हो जाती है और किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पडता है। कीट आकर्षित करने वाली फसलें, कीटों के आक्रमण को कीटनाशी केे प्रयोग के बि‍ना रोककर, किसानों की आय को लगभग 10-30 प्रतिशत तक बढा सकती है। कीट आकर्षित फसलें विभिन्न प्रकार...

Potato production by scientific technique in plateau areas देश के पठारी क्षेत्रों का बड़ा भाग झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, उड़ीसा तथा आन्ध्रप्रदेश में है। इन राज्यों में आलू की खेती के लिए क्षेत्र-वृद्धि की अधिक संभावनाएं हैं। परन्तु अभी यहां की प्रति हेक्टेयर औसत आलू उत्पादन मात्र 13.6 टन है जो कि राष्ट्रीय औसत उत्पादन 21.0 टन प्रति हेक्टेयर से काफी कम है। आलू की पैदावार में कमी के मुख्य कारण (i) उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के तापमान से यहां का तापमान काफी अधिक है (ii)  बीज स्तर निम्न अर्थात् बढि़या किस्म का बीज उपलब्ध न होना तथा (iii) आलू की खेती के लिए सुधरे व वैज्ञानिक...

निलगिरी के लिए आलू का बीज उत्पादन करने की तकनीक The potato crop produces more food (dry matter) than cereals and vegetables. It could be processed into a variety of products either by itself or in combination with other products. Due to these factors production and productivity level has shown a steady growth rate in the last four decades. Such a tremendous growth has been due to the agro-economic advantages of potato over other crops. Potatoes are traditionally propagated through vegetative means. The Nilgiri hills, situated at an elevation of 1500 - 2600 meters above mean sea level at 11o 24’ North latitude and 74o 4’ East longitude is  one of the...