बायोफ्लॉक तकनीकी से टैंक में मछली पालन

बायोफ्लॉक तकनीकी से टैंक में मछली पालन

Biofloc technology of Fish farming in water tank

निरंतर बढती आबादी के कारण देश में मछली की खपत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिसको ध्यानमें रखते हुए मत्स्य पालक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नयी तकनीक को अपना रहें है। इसके लिए कम पानीऔर कम खर्च में अधिक से अधिक मछली उत्पादन करने हेतु बायोफ्लॉक तकनीक का विकास किया गया है।

बायोफ्लॉक तकनीक एक आधुनिक व वैज्ञानिक तरीका है जिसका प्रदर्शन एवं प्रचार मत्स्य विज्ञान विभाग, नारायण कृषि संस्थान, गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय, जमुहार, सासाराम, रोहतास, बिहार के द्वारा प्रतिपादित किया जाता है। 

मछली पालन के इस तकनीक को अपनाते हुए मत्स्य पालक न सिर्फ नीली क्रांति के अग्रदूत बनेंगे बल्कि बेरोजगारी से भी मुक्ति मिलेगी। बायोफ्लॉक तकनीक के माध्यम से किसान बिना तालाब की खुदाई किए एक टैंक में मछली पालन कर सकेंगे।

चित्र 1 – बायोफ्लॉक यूनिट को देखते मत्स्य विज्ञान विभाग, नारायण कृषि संस्थान, कल्याणपुर, सासाराम, बिहार के छात्र -छात्राऐं।

चित्र 2- बायोफ्लॉक टैंक

बायोफ्लॉक तकनी की क्या है

यह कम लागत और सीमित जगह में अधिक उत्पादन देने वाली तकनीकी है। इस तकनीकी में टैंक सिस्टम में उपकारी बैक्टीरिया के द्वारा मछलियों की विष्ठाऔरअतरिक्त भोजन को प्रोटीन सेल में परिवर्तित कर मछलियों के भोज्य पदार्थ के रूप में रूपांतरित कर दिया जाता है।

बायोफ्लोक्स, शैवाल, बैक्टीरिया, प्रोटोजोअन और कार्बनिक पदार्थों जैसे- मछली की विष्ठा और अतरिक्त भोजन के समुच्चय होते हैं। इसमें 25 से 50 प्रतिशत प्रोटीन तथा 0.5 से 15 प्रतिशत वसा होती है। बायोफ्लोक्स विटामिन और खनिजों का भी अच्छा स्रोत हैं, खासकर फॉस्फोरस।

इस तकनीक में उच्च मात्रा में कार्बन – नाइट्रोजन का अनुपात बनाये रखना होता है, जोकि अतरिक्त कार्बोहाइड्रेट स्रोत डालकर बनाये रखा जा सकता है।

बायोफ्लोक्स पर प्रोबायोटिक का भी प्रभाव हो सकता है। बायोफ्लोक्स दो महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करता है – अतरित भोजन के अपशिष्ठों का उपचार और पोषण प्रदान करना। बायोफ्लोक सिस्टम कम पानी के आदान – प्रदान के साथ काम करता हैं (प्रति दिन केवल 0.5 से 1 प्रतिशत पानी बदलना पड़ता है)

बायोफ्लोक सिस्टम में लगातार पानी का मिश्रण और वातन करना आवश्यक होता है।

बायोफ्लॉक के ठोस पदार्थों की सांद्रता मापने के लिए इम्हॉफ कोन का उपयोग किया जाता है। ठोस पदार्थ इम्हॉफ कोन मे 10 से 20 मिनट मे सेटल हो जाते है। बायोफ्लोक सिस्टम के संचालन के लिए ठोस पदार्थों की सांद्रता वांछित सीमा – झींगा के लिए 10 से 15 एमएल / ली. और तिलापिया के लिए 25 से 50 एमएल / ली. होना चाहिए।

                            चित्र 3 – इम हॉफ कोन चित्र

आवश्यक संसाधन

सीमेंट टैंक/ तारपोलिन टैंक, एयरेशन सिस्टम, विधुत उपलब्धता, प्रोबायोटिक्स, मत्स्य बीज, मछली दाना

पालन योग्य मछली प्रजातियां

पंगेसियस, तिलापिया, देशी मांगुर, सिंघी, कोई कार्प, पाब्दा, एवं कॉमन कार्प।
 

 

4 – तारपोलिन टैंक          चित्र 5 – पंगेसियस मछली

आर्थिक लाभ

इस तकनीकी से 10 हजार लीटर क्षमता के टैंक (एक बार की लागत रु. 32 हजार, 5 वर्ष हेतु ) से लगभग छः माह ( पालन लागत रु. 24 हजार ) में विक्रय योग्य 3.4 क्विटंल ( मूल्य 40 हजार ) का उत्पादन कर अतरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है। इस तरह वार्षिक शुद्ध लाभ रु. 25 हजार एक टैंक से प्राप्त किया जा सकता है। यदि मंहगी मछलियों का उत्पादन किया जाये तो यह लाभ 4.5 गुना अधिक हो सकता है।

बायोफ्लॉक तकनीकी के फायदे

1. कम लागत, सीमित जगह एवं अधिक उत्पादन ।

2.  अनउपयोगी जमीन एवं अति सीमित पानी का उपयोग।

3.  अति सीमित श्रमिक लागत एवं चोरी के भय से मुक्ति ।

सरकार द्वारा वित्तीय सहायता-

बिहार सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभुक हेतु 75 प्रतिशत अनुदान पर इनपुट सहित बायोफ्लॉक युनिट का अधिष्ठापन किया जा रहा है। तथा अन्य श्रेणी के लाभुको हेतु 50 प्रतिशत अनुदान पर इनपुट सहित बायोफ्लॉक युनिट का अधिष्ठापन (एक यूनिट में 5 टैंक ) किया जा रहा है। बायोफ्लॉक तकनीकी से मछली पालन के लिए केंद्र सरकार द्वारा 7.5 लाख रुपये कि वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।


Authors

मनोज कुमार एवं सुचिस्मिता

सहायक प्राध्यापक, मत्स्य विज्ञान विभाग,

नारायण कृषि संस्थान, गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय,

जमुहार, सासाराम, रोहतास, बिहार.821305

email: maurya211990@gmail.com

Related Posts

कैटफिश में भीड़भाड़ के तनाव का प्रभाव
Effect of crowding stress in catfishes उच्च भंडारण घनत्व से एक्वाकल्चर...
Read more
सामान्य मछली रोगों के उपचार और नियंत्रण...
Overview of treatment and control of common fish diseases मछलियाँ न...
Read more
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों द्वारा सजावटी...
Advancement of Ornamental Aquaculture by Micro, Small and Medium Entreprises Most...
Read more
जलीय कृषि उत्पादों में माइक्रोप्लास्टिक का मानव...
Effects of microplastics in aquaculture products on Human health हाल...
Read more
water entrepreneurshipwater entrepreneurship
जल उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए...
Government schemes and incentives to promote water entrepreneurship Water entrepreneurship or...
Read more
मछली पालन हेतु मछली पालन समितिमछली पालन हेतु मछली पालन समिति
ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन का महत्व
Importance of fish farming in rural areas For the social and...
Read more
rjwhiteclubs@gmail.com
rjwhiteclubs@gmail.com