Crop disease

Four major diseases of Millet, their symptoms, prevention and control बाजरा की खेती भारत में अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में खासतौर पर की जाती है। बाजरा की फसलें विभिन्न बीमारियों के लिए भी अतिसंवेदनशील होती हैं जिसके कारण बाजरे के पैदावार और गुणवत्ता में काफी कमी हो सकती हैं। बाजरा की फसल को प्रभावित करने वाले आम रोगों में ब्लास्ट रोग, स्मट रोग और इसके अलावा अन्य रोग जैसे- जंग, पत्ती की रोशनी और डाउनी फफूंदी से भी प्रभावित हो सकती हैं। अरगट रोग:  यह बाजरे में होने वाले प्रमुख रोगों में से एक है, जो फसल की पैदावार में भारी कमी ला सकता है। इस रोग के जीवाणु मिट्टी में लंबे समय तक जीवित...

Management of major post-harvest fungal diseases of mango fruits and plants आम (मैंगीफेरा इंडिका एल.) भारत में सबसे लोकप्रिय व्यावसायिक फल फसलों में से एक है। दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में हजारों सालों से मैंगिफेरा इंडिका एल की खेती की जाती रही है और आम दुनिया भर में आठवां सबसे अधिक उत्पादित फल है, जिसका उत्पादन बांग्लादेश, भारत, नेपाल और अन्य उष्णकटिबंधीय देशों में 43 मिलियन टन होता है भारत ने 2016-17 के दौरान 22.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से 19.69 मिलियन टन आम का उत्पादन किया, जिसकी औसत उत्पादकता 8.7 टन प्रति हेक्टेयर रही। भारत ने 2016-17 के दौरान 53.18 हजार टन ताजे आम का निर्यात किया और 445.55 करोड़ रुपये...

Bakanae disease of rice: Symptoms and Management धान भारत की सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसलों में से एक है। भारत विश्व में बासमती चावल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है। विश्व में उत्पादित कुल बासमती धान का लगभग 70% भारत में उत्पादन होता है। वित्त वर्ष 2024 में बासमती चावल ने निर्यात आय में 5073.18 करोड़ रुपये का योगदान दिया। हाल के वर्षों में बकाने रोग धान किसानों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। यह रोग, धान की पैदावार को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचा सकता है। यह रोग सभी बासमती किस्मों जैसे कि पूसा बासमती-1121, पूसा बासमती-1509, पूसा बासमती-1718, पूसा बासमती-1728, पूसा बासमती-1692, पूसा बासमती-1847, पूसा-2511,...

Nematode and fungal interactions in cotton, their symptoms, management and their status in Haryana कपास भारत की एक प्रमुख नकदी फसल है, जिसे कई जैविक कारकों से नुकसान होता है। सूत्रकृमि और मृदाजनित फफूंद के सहजीवी प्रभाव से पौधों को गंभीर क्षति होती है, जिससे उत्पादन में भारी गिरावट आती है। इनमें मुख्य रूप से जड़-गांठ सूत्रकृमियों का प्रकोप ज्यादातर देखा गया है, जो पौधे की जड़ों पर आक्रमण करते है। सूत्रकृमि ग्रसित पौधों के लक्षण, सूत्रकृमियों की प्रजातियों के आधार पर भिन्न होते हैं। अतः इन सूत्रकृमि की पहचान करना जरूरी है एवं इनसे होने वाले रोगों की पहचान कर इन्हे विभिन्न विधियों द्वारा नियंत्रण किया जा सके। खेतो में सूत्रकृमि...

Symptoms, disease spread and disease management of loose smut disease in wheat गेहूँ (ट्रिटिकम प्रजाति) न केवल भारतीय परिदृश्य में अपितु वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है जोकि विभिन्न प्रकार की जलवायु, भौगोलिक क्षेत्र एवं फसल परिस्थितियों के बीच उगाई जाती है। यह करोडों लोगो का मुख्य खाद्य है। दुनिया में समस्त कृषित भूमि के लगभग छठे भाग पर गेहूँ की खेती की जाती है। गेहूँ विश्व के सभी प्रायद्वीपों में उगाया जाता है। गेहूँ विश्व की निरंतर बढ़ रही जनसंख्या के लिए लगभग २० प्रतिशत आहार कैलोरी की पूर्ति करता है। भारतीय परिदृश्य में गेहूँ खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली महत्वपूर्ण फसलों में से एक है। दुनिया  में भारत गेहूँ...

Management of Root-knot Nematode in Pomegranate सूत्रकृमि (निमेटोड) एक तरह का पतला धागानुमा कीट होता है। यह जमीन के अन्दर पाया जाता है। इसे सूक्ष्मदर्शी की सहायता द्वारा आसानी से देखा जा सकता है। इनका शरीर लंबा बेलनाकार तथा बिना खंडों वाला होता है। मादा सूत्रकृमि गोलाकार एंव नर सर्पिलाकार आकृति का होता है। इनका आकार 0.2 मि.मी. से 10 मि.मी. तक हो सकता है। सूत्रकृमि कई तरह के होते हैं और इनमें से प्रमुख जड़गांठ सूत्रकृमि है। इनका प्रकोप फसलों पर ज्यादा देखा गया है। ये परजीवी सूत्रकृमि के रूप में मृदा अथवा फसलों के ऊतकों में रहते हैं। ये कई वर्षों तक मिट्टी के नीचे दबे रह सकते हैं और...

Cercospora disease of chilli मिर्च (Capsicum annum L.) उष्णकटिबंधीय और उपउष्णकटिबंधीय देशों के व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण घटक है और यह वैश्विक स्तर पर चौथी प्रमुख खेती की जाने वाली फसल है। मिर्च दक्षिणी अमेरिका की मूल निवासी है। इसे 'वंडर स्पाइस' कहा जाता है। मिर्च हर भारतीय व्यंजन में महत्वपूर्ण सब्जी और मसाला होती है और पूरे देश में उगाई जाती है। तीखे रूप में इन्हें हरी मिर्च, सुखी मिर्च, मिर्च पाउडर, मिर्च पेस्ट, मिर्च सॉस, मिर्च ऑलियोरेसिन या मिश्रित करी पाउडर के रूप में उपयोग किया जाता है। सूखे फल मसालों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। यह व्यंजनों में स्वाद, रंग और तीखापन जोड़ती है। मिर्च का उपयोग...

काजू में चाय मच्छर कीड़े का प्रबंधन Cashew (Anacardium occidentale L., Family: Anacardiaceae) is one of the important commercial plantation crops in India. Insect pest infestation is a major production constraint in cashew cultivation. Tea mosquito bugs (TMB)– Helopeltis spp (Miridae: Heteroptera), are most serious insect pest of cashew in India and causes more economic loss to the crop. There are four species of TMB viz., Helopeltis antonii, H. bradyi, H. theivora and Pachypeltis maesarum (Hemiptera: Miridae) were found to infest in cashew. The mirid bug H. antonii is the dominant species and has been found infesting in all major cashew growing regions of India followed by H.bradyi and H. theivora. It...

Management of Mango Malformation मैंगो मैलफार्मेशन (Mango Malformation) एक प्रकार की फलों और पौधों की बीमारी है जिसमें मैंगो के पेड़ों में विकृतियाँ होती हैं। इसका परिणाम होता है की पूरे पेड़ या उसके भागों में गुच्छ परिरूपण, पत्तियों का असमान विकास और विकृत फूल हो जाते हैं। मैंगो मैलफार्मेशन के कारणों में फंगल इंफेक्शन, पोषण की कमी, अधिक तापमान और नमी, और बाकी कई प्रकार की वायुमंडलिक परिस्थितियाँ शामिल हो सकती हैं। यह बीमारी मैंगो पेड़ों की उत्पादकता को प्रभावित कर सकती है और उनके उत्पादन में कमी ला सकती है। मैंगो मैलफार्मेशन (Mango Malformation) आम की कायिक विकृति के कुछ मुख्य कारण मैंगो मैलफार्मेशन (Mango Malformation) के कुछ मुख्य कारणों को समझना महत्वपूर्ण...

Bacterial leaf spot disease and prevention in pumpkin crops कद्दू वर्गीय फल जिसे गोर्ड (gourd) भी कहा जाता है, विभिन्न वंशों को समाहित करती है, जिनमें अधिकांश विश्वभर में खाये जाते हैं। ये विभिन्न फाइटोकेमिकल्स के रूप में समृद्ध स्रोत के रूप में काम करते हैं, जिसमें कुकुर्बिटासिन, सापोनिन्स, कैरोटिनॉयड्स, फाइटोस्टेरोल्स, पॉलीफिनोल्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स शामिल हैं। ये फल विभिन्न रूपों में खाए जा सकते हैं: पके हुए (उदाहरण के लिए, कद्दू), अपके हुए (जुकीनी), ताजा (तरबूज), पकाए हुए (स्क्वॉश), या आचारित (घेरकिन)। ये "पेपो" नामक बेरी श्रेणी में आते हैं। ककड़ी प्रजातियों में अक्सर पाई जाने वाली कड़वाहट कुकुर्बिटासिन के कारण होती है। बैक्टीरियल स्पॉट कद्दू वर्गीय फसलों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्वपूर्ण...