Crop disease

Sustainable Disease Management in Cucumber Crops खीरा (Cucumis sativus) लौकी परिवार, Cucurbitaceae में व्यापक रूप से उगाया जाने वाला पौधा है। यह अपने एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण दुनिया भर में और भारत में खेती की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण खीरा फसलों में से एक है। भारत दुनिया में खीरा का सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा है। अप्रैल-अक्टूबर (2020-21) मे भारत ने 114 मिलियन डॉलर के मूल्य के साथ 1,23,846 मीट्रिक टन खीरा निर्यात किया है । खीरे कई प्रकार के आकार में आते हैं, लेकिन सबसे आम गोलाकार किनारों वाला एक घुमावदार सिलेंडर है जो लंबाई में 60 सेमी (24 इंच) और व्यास में 10 सेमी (3.9 इंच) तक बढ़...

गेहूँ में उभरती कीट समस्या एवं उनका प्रबंधन Wheat is the second most important staple food crop in India providing nutrition to millions of population. India harvested a record wheat production of 109.5 million tonnes with productivity of 34.24 q/ha in 2020-21. Even though hundreds of pests were reported on wheat crop worldwide, it was considered pest free crop in India till late sixties. But due to changes in climatic conditions, production conditions, cropping patterns and use of new agro techniques resulted in several outbreaks of sporadic pests in wheat in India. Impact assessment of different pests on wheat crop performance is significant in making proper management decision. Termites, aphids, shootfly, armyworm,...

प्याज उत्पादकों के लिए बड़ा खतरा जांभळा करपा या बैंगनी धब्बा रोग Onion is susceptible to numerous foliar, bulb and root pathogens that reduces the quality and yield. Among the pathogens Alternaria porri, which causes purple blotch disease of onion is a serious menace in onion producing countries of the world. Found in all places where onions and garlic grow. The disease is also known as leaf spot or blight disease of onion and is the most destructive disease during kharif and rabi and drastically reduces the yield by upto 97%. The intensity of the diseases varies from season to season, variety to variety, and region to region. Symptoms: In this disease, initially small,...

Management of Powdery mildew disease of cucurbit family vegetables ककड़ी वंश सब्जियों का एक महत्वपूर्ण समूह है जो कुकुरबिटेसी परिवार से संबंधित है, जो पूरे भारत और दुनिया के अन्य उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। भारत में मुख्य रूप से खाद्य फसलों के रूप में उगाई जाने वाली फसलों में ककड़ी वंश सब्जियों की एक समृद्ध विविधता है जो कुल सब्जी उत्पादन का लगभग 5-6% हिस्सा है। कुकुरबिटेसी परिवार के अंतर्गत लौकी, खरबूजे, स्क्वैश और ककड़ी फसलों के मुख्य समूह हैं, जो अपने पोषण और औषधीय मूल्यों के लिए और फसल विविधता के संभावित स्रोतों के रूप में जाने जाते हैं। 200 से अधिक ज्ञात रोगजनक विभिन्न ककड़ी...

Five major diseases of soybean and their prevention हरियाणा की खरीफ की तिलहनी फसलों मे सोयाबीन का महत्वपूर्ण स्थान है। सोयाबीन प्रोटीन का भी उच्च स्त्रोत हैं। यह एक दलहनी फसल हैं जिसमें 20 प्रतिशत तेल था 40 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है जो कुपोषण की समस्या का निदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। सोयाबीन में कैल्शियम तथा विटामिन ए भी भरपुर मात्रा मे पाया जाता है। इसका प्रयोग औषधि, खाद्य पदार्थ व वनस्पति घी बनाने में किया जाता है। सोयाबीन की मुख्यतः खेती अमेरिका, चीन, इंडोनेशिया, जापान, ब्राजील, थाईलैंड, कनाडा में की जाती हैं, पर अब भारत में भी सोयाबीन एक ऐसी फसल के रूप में विकसित हुई...

Major diseases of garlic and onion and their integrated disease management प्याज़ एवं लहसुन भारत में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण फसले हैं लहसुन और प्याज एक कुल की प्रजाति का पौधे माने जाते है, दुनियाभर में लहसुन और प्याज का प्रयोग व्यंजनों को अलग स्वाद देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है इनको सलाद, सब्जी, अचार या चटनी बनाने के लिए प्रयोग किया जाता हैं प्याज एवं लहसुन की खेती रबी मौसम में भी की जाती है लेकिन इनको खरीफ वर्षा ऋतु मौसम में उगाया जाता है| लहसुन को औषधीय रूप में जैसे पेट, कान तथा आंख की बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग में लाया जाता है| प्याज़ और लहसून में नुकसान...

False smut (Villosiclava virens) disease an emerging threat in rice crop धान (ओरिज़ासैटिवा) कई प्रकार के कवक, जीवाणु और वायरल रोगजनकों से ग्रसित हो जाता है। वर्तमान जलवायु परिवर्तन परिदृश्य में धान की फसल को नई बीमारियों की कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है जो अन्यथा आर्थिक रूप से नुक्सान नहीं पंहुचा रहे थे। फाल्स स्मट, एक कवक रोग, जो उस्टिलागिनोइडिया विरेन्स (कुक) ताकाहाशी [टेलोमॉर्फ: विलोसिकलावा विरेन्स (नाकाटा) तनाका और तनाका] के कारण होता है। फाल्स स्मट धान की खेती के लिए एक संभावित खतरे के रूप में उभर रहा है, जो पूरे धान के दाने को एक काले रंग की बीजाणु गेंद में बदल देता है। रोग की छिटपुट...

Effect of weather on major diseases of gram and their effective control भारत विश्व का सबसे अधिक चना (लगभग 75%) उत्पादन करने वाला देश है| सारे भारत का लगभग तीन चौथाई उत्पादन तीन राज्यों –म.प्र., उ. प्र. तथा राजस्थान में होता है| भारत में मध्यप्रदेश चने की सर्वाधिक उत्पादन (उत्पादन का 47%) करने वाला प्रदेश है| चने की फसल एक अच्छी आमदनी वाली रवी की फसल है| मध्यप्रदेश में चने की औसत उपज 864.0 kg/ha है जो देश में चने की औसत उपज से (932.0 kg/ha) और विश्व के औसत उपज (982.0 kg/ha) दोनों से कम है| चने के उत्पादकता में कमी के मुख्य कारक इसमें लगने वाले रोग तथा कीट हैं| जैविक...

Thrips and their integrated pest management थ्रिप्स सूक्ष्म, पतले और मुलायम शरीर वाले कीड़े होते हैं, जो विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों की कोशिकाओं को बेध कर रस को अंतर्ग्रहण करते हैं । कुछ थ्रिप्स प्रजातियां ऐसी होती हैं जो अन्य दूसरी थ्रिप्स प्रजातियों, घुन (माइट), मांहू (अफिड्स) जैसे कीड़ों पर अपना भोजन करती हैं । थ्रिप्स का लाभकारी पहलु यह है कि वे फूलों के परागण में सहायता करते हैं । अधिकतर, थ्रिप्स प्रजातियां कृषि कीट के रूप में पहचानी जा चुकी हैं, जो की कई महत्वपूर्ण फसलों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाती हैं। अब तक थ्रिप्स की लगभग 7,700 प्रजातियां दर्ज की गई हैं, जिसमें 1 प्रतिशत से...

PPR Disease in Sheep and Goats  भेड़ व बकरियां ज्यादातर समाज के कमजोर एवं गरीब वर्ग द्वारा पाली जाती है इसलिए पी.पी.आर. रोग बीमारी मुख्यतः छोटे व मध्यम वर्गीय पशुपालकों को ज्यादा प्रभावित करती है, जिसका आजीविका का मुख्य स्रोत भेड़ व बकरी पालन है। यह रोग एक विषाणु (मोरबिलि विषाणु ) जनित रोग है। इस रोग में मृत्युदर बहुत अधिक होती है। यह रोग भेड़ व बकरियों में फैलता है। भेड़ की तुलना में बकरी में पी.पी.आर. रोग अधिक होता है। यह रोग सभी उम्र व लिंग की भेड़ बकरियों को प्रभावित करता है लेकिन मेमनों में मृत्युदर बहुत अधिक होती है। यह रोग पशुओं में बहुत तेजी से फैलता है...