Crop disease

Major seed borne diseases of cereal crops and their prevention बीज-जनित रोगजनक खेत में फसल अंकुर स्थापना के लिए एक गंभीर खतरा है।इसलिए फसल की विफलता में संभावित कारक के रूप में योगदान कर सकते हैं।बीज न केवल इन रोगजनकों के दीर्घकालिक अस्तित्व को सुरक्षित बनाते हैं, बल्कि नए क्षेत्रों में उनके आगमन और उनके व्यापक प्रसार के लिए वाहन के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। बीज-जनित, फफूंद, जीवाणु, विषाणु, सूत्रकृमि आदि रोगजनक अनाज वाली फसलों में विनाशकारी नुकसान का कारण बन सकते हैं और इसलिए सीधे खाद्य सुरक्षा को प्रभावितकरते हैं। पौधों के संक्रमित वायवीय भागों के विपरीत, संक्रमित बीज लक्षण-रहित हो सकते हैं, जिससे उनकी पहचान असंभव हो...

12 Major diseases of Chickpea & their Management चने की फसल को नुकसान पहुँचाने वाले प्रमुख रोग उखेड़ा, रतुआ, एस्कोकाइटा ब्लाईट, तना गलन, सूखा जड़ गलन, आद्र जड़ गलन, ग्रे मोल्ड, अल्टरनेरिया ब्लाईट, एन्थ्रेक्नोज, स्टेमफाइलियम पत्ता धब्बा रोग, फोमा पत्ता ब्लाईट व स्टंट रोग हैं। इस लेख में इन सभी रोगों के नैदानिक लक्षण व नियंत्रण का वर्णन किया गया है। चना सबसे अधिक खेती की जाने वाली दाल की फसलों में तीसरे स्थान पर है। यह एक वार्षिक फसल है और प्रोटीन का समृद्ध स्त्रोत है। इसका वैज्ञानिक नाम सिसर एरीटिनम है। भारत चने के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है तथा कुल उत्पादन का 65 प्रतिशत (9 मिलियन टन) भारत...

Carnation - Introduction, Significance, Diseases & their Management कारनेशन की खेती के दौरान नुकसान पहुँचाने वाले प्रमुख रोग उखेड़ा (फ्यूजेरियम आक्सीस्पोरम ), काला धब्बा रोग/ शाखा गलन (अल्टरनेरिया डायनथी ), तना गलन (राइजोक्टोनिया सोलानी ), रतुआ रोग (यूरोमाइसेस डायनथी ), जड़ गलन/ साउदर्न ब्लाईट (स्क्लेरोटियम रोल्फसई ), ग्रे मोल्ड (बोट्रीटिस सिनेरिया ), फेयरी रिंग स्पाॅट (माइकोस्फेरेला डायनथी ), और कारनेशन मोटल विषाणु हैं। इस लेख में कारनेशन के रोगों के लक्षण व प्रबधंन का वर्णन किया गया है। कारनेशन एक महत्वपूर्ण बारहमासी फूल है। यह आमतौर पर इसके वैज्ञानिक नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम डायनथस कैरीयोफिलस है। इसका यह नाम यूनानी वनस्पति शास्त्री थियोफैरास्टस ने दिया था। डायनथस शब्द दो यूनानी शब्दों से मिलकर बना...

12 Major pests and diseases of soybean and their management सोयाबीन विश्व की एक प्रमुख फसल है, यह लगभग विश्व की 25 वानस्पतिक तेल की मांग को पूरा करता है, सोयाबीन अपने उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन (38.45) और वानस्पतिक तेल के लिए जाना जाता है। भारत में भी इसका उपयोग अधिकांशतः वानस्पतिक तेल के लिए ही होता है, मध्यप्रदेश में सोयाबीन खरीफ की एक प्रमुख फसल है। देश में सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश अग्रणी है, परंतु हाल ही के कुछ वर्षों में मध्यप्रदेश में सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश में भारी गिरावट आयी है, जिसके प्रमुख कारणो मे मौसम की विपरीत परिस्थितियां है, जैसे फसल अवधि में अधिक वर्षा होना या बहुत कम...

भिंडी का नया उभरता हुआ वायरल रोग ओकरा एनेशन लीफ कर्ल वायरस (OELCuV) और उसका प्रबंधन Okra or lady’s finger (Abelmoschus esculentus L. Moench) is an important vegetable grown throughout the world. In India, okra is exported to foreign countries as a fresh vegetable, constitute 70% of the total fresh vegetable earning (APEDA 2000). Okra has adequate nutritional value, it is a good source of carbohydrates, protein, dietary fibres, vitamin C, vitamin K and unsaturated fatty acids. It can improve the nutritional status of malnourished people, (Gemede, et al 2015). It is considered as a protective supplementary food, due to its vigorous nature, dietary fibre and distinct seed protein balance of lysine...

Papaya cultivation Review and Diseases Management पपीता एक उष्णकटिबंधीय फल है। इसका वैज्ञानिक नाम कैरिका पपाया है। इसकी उत्पत्ति का स्थान कोस्टा रिका और दक्षिण मैक्सिको माना जाता है। यह एक सदाबहार फलदार वृक्ष है। पपीता बहुत ही पौष्टिक व स्वादिष्ट होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। यह विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है। इसके लाभदायक गुणों को देखते हुए ये हमारे दैनिक आहार का हिस्सा बन गया है। पपीता की खेती भारत के अलावा ब्राजील, अमेरिका, मैक्सिको, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, चीन, इथोपिया और थाईलैंड में भी बड़े पैमाने पर की जाती है। भारतीय परिदृश्य पुर्तगालियों द्वारा यह फल वृक्ष 1611 में भारत में लाया गया । भारत में पपीता...

Karnal bunt disease of wheat: condition and direction करनाल बंट टिलेशिया इंडिका नामक कवक से उत्पन्न होने वाला गेहूँ की फसल का एक मुख्य रोग है। यह रोग विशेष रूप से भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलता है। यद्यपि आज तक भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में करनाल बंट की कोई महामारी दर्ज नहीं की गयी है किन्तु अति संवेदनशील गेहूँ की प्रजातियों में पुष्पावथा के समय (फरवरी-मार्च) में जब उच्च आर्द्रता होती है, तब 30-40 प्रतिशत तक गेहूँ की फसल करनाल बंट से संक्रमित पायी गयी है अखिल भारतीय गेहूँ एवं जौ समन्वित अनुसन्धान परियोजना 2019 के तहत किये गये पोस्ट हार्वेस्ट सर्वे के दौरान कुल...

Major diseases of coarse grain, Millet and their prevention बाजरा पश्चिमी राजस्थान में बोई जाने वाली प्रमुख फसल है। बाजरा भारत की प्रमुख फसलाें में से एक है। जिसका उपयोग भारतीय लोग बहुत लम्बे समय से करते आ रहे है। इसकी खेती अफ्रीका और भारतीय महाद्वीप में बहुत समय पहले से की जा रही है। अधिक सूखा सहनशीलता उच्चे तापमान व अम्लीयता सहन के कारण बाजरा उन क्षेत्रों में भी आसानी से उगाया जा सकता है जहा मक्का या गेहूं नहीं उगाये जा सकते है। बाजरा बहुत रोगों से प्रभावित होता है जिसका समय पर उपचार कर फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है। बाजरे की बिमारियां निम्न प्रकार से है। 1. तुलासिता व हरित...

Five Major Diseases of Podded Vegetables and their Integrated Disease Management मानव आहार में सब्जियों का विशेष महत्व है। सब्जियों में विटामिन, कार्बोहाड्रेट, प्रोटीन तथा खनिज प्रदार्थ पर्याप्त मात्रा में पाये जाते है जो शरीर को स्वस्थ्य बनाने एवं रोगों से लड़ने में काफी सहायता करती है। फलीदार सब्जियां जैसे सेम, लोबिया इत्यादि, आयरन का एक बड़ा स्रोत है और इसमें कई खनिज तत्व काफी मात्रा में पाए जाते है । यह मांस, पनीर तथा अन्य वसीय खाद्यों के पाचन के दौरान बने अम्लो के निस्प्रभावित करने में सहायक है । इसमें घुलनशील फाइबर कोरोनरी हार्ट रोग को कम करती है एवं फलीदार सब्जियों में कैलोरी कम होने के कारण मोटापा भी कम करने...

पपीते के चार प्रमुख रोग और उनका प्रबंधन 1. Foot Rot of papaya  (Pythium aphanidermatum) Foot rot is also known as collars rot or stem rot or root rot and damping off ; is the most serious disease of papaya. In India, the disease appears during the rainy season. It is more common in trees of age 2-3 years. Symptoms In case of nursery plants, damping off symptoms are produced, whereas in adult plants foot rot, collar rot symptoms are produced. Foot rot is characterized by the appearance of water soaked patches on the stem near ground level. These patches enlarge rapidly and girdle the stem, causing rotting of the tissues, which then turn dark brown or...