मूली फसल उगाने के लिए उन्नत किस्में
Varieties प्रजाति | Developed By विकसित की | Average yield औसत उपज( कुं/है) | Characters गुण |
पूसा चेतकी (Pusa Chetki) | IARI | 250-300 | इसकी जडें शीघ्र तैयार होने वाली मध्यम लम्बाई की सफेद, तीखी व सतह चिकनी होती है। गर्मी व बरसात दोनो मौसम में बुआई के लिए उपयुक्त। बुआई के 35-40 दिनो बाद तैयार हो जाती है। बुआई का उपयुक्त समय मध्य अक्टूबर से नवम्बर तक । |
पूसा हिमानी (Pusa Himani) | IARI | - | जडें अधिक लम्बी, कम तीखी, सफेद रंग की चिकनी होती है। देर से बुआई के लिए उपयुक्त । बुआई के 35 से 40 दिनो में तैयार हो जाती है। बुआई का उचित समय अक्तूबर माह है। |
बोनस आर-33 (Bones R-33) | Sungrow Seeds | - | यह चेतकी समूह की संकर किस्म है। मूली का उपरी सिरा मध्यम मोटा, लम्बाई 28 से 30 से.मी. नीचे से नुकीली होती है इसका गूदा रवेदार तथा कम तीखा व सफेद रंग की चिकनी सतह होती है। बुआई के 30-35दिनो बाद तैयार हो जाती है। बुआई का उपयुक्त समय मार्च से सितम्बर है। मिश्रित खेती के लिए उत्तम |
शीतल आर-50 (Shital R-50) | Sungrow Seeds | - | मूली की लम्बाई 25 से 30 से.मी.नीचे से नुकीली होती है इसका गूदा रवेदार तथा कम तीखा व सफेद रंग की चिकनी रतह होती है। पत्तियों का रंग हरा होता है। बुआई के 50-52 दिनो बाद तैयार हो जाती है। शीत ऋतु के लिए उपयुक्त। उत्तर भारत में बुआई का उपयुक्त समय अक्तूबर, नवम्बर व फरवरी है। मिश्रित खेती के लिए उत्तम |
आर-44 (R-44) | Sungrow Seeds | - | यह चेतकी समूह की संकर किस्म है। मूली का उपरी सिरा मोटा, एक समान लम्बाई 30 से 35 से.मी., नीचे से नुकीली होती है इसका गूदा रवेदार तथा कम तीखा व सफेद रंग की चिकनी रतह होती है। पत्तियों का रंग हरा होता है। बुआई के 35-40 दिनो बाद तैयार हो जाती है। बुआई का उपयुक्त समय मार्च से सितम्बर है। |