किसान की आय A1 और A2 दूध की भूमिका

किसान की आय A1 और A2 दूध की भूमिका

Role of A1 and A2 cow Milk in Farmer’s Income

गाय के दूध को प्रकृति का सबसे अच्छा भोजन माना गया है, जो उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित एक महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करता है। दूध कैल्शियम और प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है। दूध हमारे लिए मूल और मुख्य भोजन है।

गाय के दूध को माँ के दूध के बाद सबसे अच्छा स्रोत कहा जाता है। गाय के दूध के लाभों में आसान पाचन, विकासको बढ़ावा देना, कैल्शियम और आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करना शामिल है। गाय के दूध में 87.7% पानी, 4.9% लैक्टोज (कार्बोहाइड्रेट), 3.4% वसा, 3.3% प्रोटीन और 0.7% खनिज होते है ।

दूध में कुल प्रोटीन का 82% केसिन और शेष 18% सीरम प्रोटीन होता है ।  केसिन दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन का सबसे बड़ा समूह है जो की चार प्रकार का होता है α-S1, α-S2, β‐1(बीटा केसिन)और k-केसिन (कापा केसिन) । केसिन का महत्वपूर्ण कार्य कैल्शियम और फास्फोरस जैसे खनिजों के अवशोषण की क्षमता को बढाना है ।

A1 और A2 दूध क्या है ?

दूध में लगभग 85% पानी होता है। शेष 15% लैक्टोज, प्रोटीन, वसा और खनिज होते है । बीटा-केसिन दूध में कुल प्रोटीन सामग्री का लगभग 30% होता है । बीटा-केसिन दो प्रकार का होता है A1 बीटा-केसिन और A२ बीटा-केसिन ।

A2 दूध वह दूध होता है जिसमें केवल A2 प्रकार का बीटा-केसिन प्रोटीन होता है । जबकि A1 दूध में केवल A1 बीटा केसिन होता है । संकरित और यूरोपीय नस्लों की गायों में A1 प्रकार का दूध पाया जाता है । A2 दूध मूल रूप से देसी गायों और भैंसों में पाया जाता है ।

A1 और A2 दोनों ही बीटा केसिन प्रोटीन के प्रकार है, दोनों के बीच प्रोटीन  श्रृंखला में 67 वें स्थान पर  एक एमिनो एसिड का अंतर होता है, इस 67 वें स्थान पर A1 में एक हिस्टिडाइन एमिनो एसिड होता है, जबकि A2 में एक प्रोलीन एमिनो एसिड होता है।

इस एक एमिनो एसिड के परिवर्तन के कारण जब  A1 प्रोटीन टूटता है, तो यह  एक पेप्टाइड बीसीएम -7 (BCM- 7 बनता है, जिसकी रासायनिक संरचना अफीम के समान होती है जो को मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है ।

इस कारण से A1 दूध पिने वालो में मधुमेह, कोरोनरी हृदय रोग, धमनीकाठिन्य, अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम, आटिज्म, सिज़ोफ्रेनिया अदि बिमारिओं के होने का खतरा बढ़ जाता है  ।

देशी गायों, भैंस और विदेशी गायों पर किए गए शोध से यह पता चला है कि विदेशी पशुओं में A1 एलील अधिक बार होता है जबकि भारतीय देशी गायों और भैंसों में केवल A2 ही होते हैं ।

संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अन्य विकसित देश में लोग A2 दूध का उपयोग करते है क्यूंकि A2 दूध स्वास्थ्य केर लिए हानिरहित है जबकि A1 दूध हानिकारक होता है । A2 कॉर्पोरेशन जैसी दूध कंपनी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशो में A2 दूध बाज़ार में बेचती है ।

मानव स्वास्थ्य पर A1 और A2 दूध का प्रभाव –

कई चिकित्सकीय प्रकाशन में यह पता चलता है की जो लोग होलस्टीन और जर्सी नस्ल गायों के दूध (A1) का सेवन कर रहे थे उनमे हृदय रोग पाया गया, जबकि जो लोग स्वदेशी गायों के दूध (A2) उपयोग कर रहे थे उनमे कोई हृदय रोग नहीं था । खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार A1 दूध के सेवन से कई पुरानी बीमारियों में वृद्धि  हुई है।

डेयरी उत्पादों के बढ़ते सेवन के साथ अन्य आवश्यक पोषक तत्वों जैसे जस्ता, विटामिन ए, मैग्नीशियम, फोलेट, और राइबोफ्लेविन की खपत मानव शारीर के लिए बढ़ रही  है । कई अन्य खाद्य स्रोतों में कैल्शियम की मात्रा कम होती है। 

जबकि दूध में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है जो ऑस्टियोपोरोसिस और कोलन कैंसर के जोखिम को कम करती है । मानव शरीर के लिए आदर्श कैल्शियम मैग्नीशियम अनुपात 2 : 1 होना चाहिए जो की A1 दूध में इसका अनुपात 10 : 1 होता है।

इस कारण से A1 दूध का सेवन करने वालो लोगो में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा का असंतुलन रहता है, लेकिन A2 दूध इस तरह के असंतुलन का कारण नहीं बनता है । मैग्नीशियम हमारे पाचन में सुधार करने में मदद करता है तथा यह  एंटीइन्फ्लेमेटरी भी होता है और शरीर में ऊर्जा का उत्पादन और संचय करने में भी इसकी आवश्यकता होती है ।

इसके आलावा A1 दूध का अधिक सेवन करने से मुँहासे, श्वसन संक्रमण, अस्थमा और एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है और यह पाचन समस्याओं का कारण बनता है ।

A2 गाय के दूध का किसानों की आय में योगदान –

भारत दो दशकों में दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है, जो दुनिया के दूध की आपूर्ति का लगभग 19 प्रतिशत योगदान देता है । A2 दूध अपने पोषण तत्वों के कारण लोगो का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, जिससे A2 गाय के दूध का महत्त्व A1 गाय के दूध की तुलना में बढ़ गया है

A2 गाय के दूध का मूल्य A1 गाय के दूध  तुलना में अधिक हो गया है । हाल ही में अमूल ने बाजार में देसी गायों के दूध को A2 ब्रांड के नाम बेच रहा है ।

इसके आलावा देशी गायों का दूध उत्पादन संकर गायों की तुलना में कम होता है, इस कारण से भारत में अधिकतर किसान संकर गायें ज्यादा रखते है लेकिन वह यह नही जानते है की देशी गायों के रखरखाव की लागत बहुत कम है।

संकर गायों की तुलना में देशी गायें के चारे पर लागत कम आती है। देसी गाय साधारण स्थानीय चारे पर भोजन करती हैं, जबकि अन्य नस्ल के गायों को विशेष चारे की आवश्यकता होती है तथा देशी नस्ल की गायें यहाँ के वातावरण के अनुकूल होती  है जिससे उनमे बीमारियाँ होने का खतरा संकरित नस्ल की गायों से कम होता है ।

इन सब बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए देशी गायों पर लागत कम आती है जिससे किसान को देशी गायों के दूध से ज्यादा मुनाफा हो सकता है ।

हमारी देशी डेयरी पशु A2 दूध का उत्पादन करते हैं और भारत प्राचीन सभ्यता से ही A2 दूध उत्पादन जानवरों से संपन्न है, जो की A1 दूध के बुरे प्रभाव से रक्षा करता है । अतः हमें A2 दूध ही पीना चाहिए क्योंकि यह हमें दूध से संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं से बचाता है विशेष रूप से A1 दूध से ।  


Authors

विनय कुमार मेहरा

शोधकर्ता पशु जैव प्रौद्योगिकी केंद्र

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल

Ema। l: v। nay28mehra@yahoo.com

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