धान Tag

रबी मौसम में जलजमाव वाले क्षेत्रों में बोरो धान एक विकल्प  धान भोजन का एक प्रमुख फसल के साथ.साथ कार्बोहाड्रेट का मुख्य श्रोन्न है जिससे मनुष्य अपने भोजन का अधिकांश भाग पूरा करता है। धान की खेती मुख्यतः खरीफ मौसम में की जाती है परन्तु इस मौसम में कीट-पतंग, बीमारीयों तथा मौसमी खरपतवार का प्रकोप होने के कारण फसल की वांछित उपज प्राप्त नहीं होती है। इसके बिपरीत रबी मौसम की बोरो धान  में लगने बाली कीट-पतंग, बीमारियाँ तथा मौसमी खरपतवार कम लगने के साथ-साथ सूर्य की अबधि खरीफ मौसम की तुलना में प्रति इकाई अधिक होती है।  परिणमतः प्रति पौधों में किलों की संख्या अधिक होती है जिसके कारण प्रति वर्गमीटर...

Bakanae disease of rice in basmati rice: Symptoms and control measures बकाने रोग, धान (ओरायजा सटाइवा एल.) की फसल के उभरते हुए रोगों में से एक है। भारत में यह रोग रोग पहली बार थॉमस (1931) द्वारा सूचित किया गया था। यह रोग देश के विभिन्न भागों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, असम, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और ओडिशा आदि से रिपोर्ट किया गया है। भारत में बकाने रोग पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंण्ड में अधिक गंभीर सूचित किया गया है जहाँ बासमती की किस्में उगाई जाती हैं। जापानी भाषा में ‘बकाने’ का शाब्दिक अर्थ बुरी या बेवकूफीपूर्ण पौध होता है जो इस रोग के विशिष्ट लक्षण, सामान्य से...

जैव संवर्धित किस्में एवं उनकी प्रमुख विशेषतायें  पोषक आहार मानव शरीर की सम्पूर्ण वृद्धि व विकास के लिए आवश्यक है| पोषक आहार नही मिलने से विभिन्न सूक्ष्म तत्वों की कमी शरीर को अनेक प्रकार से प्रभावित करती है जिसको सामान्य शब्दों में कुपोषण कहा जाता है| सम्पूर्ण विश्व में लगभग 2 बिलियन जनसंख्या अपुष्ट आहार से प्रभावित है जबकि 795 मिलियन जनसंख्या कुपोषण की शिकार है| भारत में 194.6 मिलियन जनसंख्या कुपोषित है जिनमे से 44% महिलायें अनीमिया से ग्रसित है, 5 वर्ष से कम उम्र के 38.4% बच्चे छोटे कद व 35.7% बच्चे कम वजन के है| जैव संवर्धित किस्मों का विकास कर कुपोषण की स्थिति से बचा जा सकता है|...

Importance of varieties selection and nursery management for improvement in paddy production धान एक महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है विश्व की अधिकांश जनसंख्या (लगभग 60 प्रतिशत) द्वारा दैनिक भोजन में चावल का उपयोग भात, पोहा, मुरमुरा, लाई, आटे की रोटी के इत्यादि के रूप में किया जाता है। धान उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। जैसा की हम जानते है कि हर खुशबूदार धान, बासमती धान नहीं होता लेकिन हर बासमती धान खुशबूदार होता है इसलिए धान (चावल) को दाने का आकार और गुणवत्ता के आधार पर मुख्यतः तीन श्रेणियों बासमती धान, सुगन्धित धान और असुगन्धित धान में बांटा जा सकता है। भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पादित बासमती धान अपने अद्भुत गुणों...

Nematodes problems, symptoms and management in rice crop चावल दुनिया के एक बड़े हिस्से में  अनाज के रूप मे खाया जाता है। यह मानव पोषण और कैलोरी सेवन के लिए महत्वपूर्ण अनाज है, दुनियाभर में मनुष्यों द्वारा खपत की गई कैलोरी का 1/5 से अधिक हिस्सा है। चावल भारत की प्रसिद्ध फसल है जो देश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों के लोगों का मुख्य भोजन है। कई निमेटोड प्रजातियां चावल की फसल को सक्रंमित करती है जैसे उफरा (डिटाइलेकस डिप्सेकी), व्हाइट टिप बिमारी (एफेलेनकोआइड बसेई) और जड़ गांठ रोग (मेलोडेगायनी ग्रमिनिकोल) है। दुनिया के सभी कम वर्षा वाले क्षेत्रों में कुछ निमेटोड प्रजातियां जैसे कि प्रटिलेकंस स्पी. सबसे खतरनाक है। चावल रूट...

Agricultural work to be carried out in the month of June धान फसल: यदि‍ मई के अन्‍ति‍म सप्‍ताह में धान की नर्सरी नही डाली हो तो जून के प्रथम पखवाडे तक पूरा कर ले। सुगंधि‍त धान की प्रजाति‍यों की नर्सरी जून के तीसरे सप्‍ताह मे ही डालनी चाहि‍ऐ। एक हैक्‍टेयर क्षेत्रफल में धान की रोपाई के लि‍ए 800 से 1000 वर्ग मीटर नर्सरी क्षेत्र की आवश्‍यकता होती है। प्रमुख कि‍स्‍मे - पूसा 1509, 1612, पूसा बासमती 5,6, पूसा 1121, पूसा आरएच 10  सब्‍जि‍यॉं : बै्ंगन, मि‍र्च व अगेती फूलगोभी की नर्सरी तैयार करें। बैंगन की कि‍स्‍मे: गोल फल- पूसा उत्‍तम, पूसा संकर 6 व 9, लम्‍बे फल- पूसा श्‍यामला, पूसा कौसल, पूसा संकर 5 व 20, छोटे...

Agricultural work to be carried out in the month of August धान फसल: गैर बासमती धान की अधि‍क उपज वाली कि‍स्‍मों में रोपाई के 25 से 30 दि‍न बाद 30 कि‍लो नाइट्रोजन यानि‍ 65 कि‍लो यूरि‍या प्रति‍ हैक्‍टेअर तथा बासमती कि‍स्‍मों मे 15 कि‍लोग्राम नाइट्रोजन (33 कि‍ग्रा यूरि‍या) प्रति‍ हैक्‍टेयर की टापॅ ड्रेसि‍ंग कर दें। इतनी ही मात्रा से दूसरी व अन्‍ति‍म टॉप ड्रेसि‍ंग रोपाई के 50-55 दि‍न बादे करें  ध्‍यान रखे की टॉप ड्रेसि‍ंग करते समय खेत मे पानी 2-3 सेमी से अधि‍क ना हो। धान के तना छेदक कीट की रोकथाम के लि‍ए, जब खेत में 4.5 सेंमी पानी हो, प्रति‍ हैक्‍टेयर 20 कि‍ग्रा कार्बोफयूरान दवा का प्रयोग करें अथवा क्‍लोरोपायरीफास 20...

Procedure of rice transplanting through paddy transplanting machine  मशीन से धान की रोपाई के लिए खेत की उथली मताई (Puddling) करना आवश्यक है। जिससे चटाईनुमा पौध की सुचारू रूप से रोपाई की जा सके। इस विधि से पौध की जड़े आसानी से मिट्टी को पकड़ लेती है तथा उनकी वृद्धि भी अच्छी होती है। मताई की कार्य विधि खेत की पडलिंग (मताई) करने के लिए भुरभुरा होने वाली नमी की अवस्था में बखर या मिट्टी पलट हल से अच्छी तरह जोतना चाहिये। जुताई करने के बाद खेत को समतल करना चाहिये व साथ - साथ खेत के चारो तरफ मेड़ भी बनाई जाए, उसके बाद खेत को पानी से भरकर उसमें कम से...