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Wheat bran consumption is beneficial भारत में उगाई जाने वाली फसलों में गेहूँ एक प्रमुख अनाज की फसल है। गेहूँ के दाने से प्राप्त उच्च कैलोरी के कारण  दुनिया की एक तिहाई से भी अधिक आबादी द्वारा उपभोग की जाने वाली प्रमुख खाद्य फसल है। गेहूँ एक पौष्टिक अनाज होने के साथ-साथ प्रोटीन, खनिज, विटामिन बी एवं आहार रेशा का भी एक समृद्ध स्रोत है। भारत में इसकी खेती लगभग 31 मिलियन हैक्टर क्षे़त्रफल पर की जाती है, जिससे गेहूँ का उत्पादन लगभग 110 मिलियन टन होता है (2021)। गेहूँ के बीज के तीन अलग-अलग भाग होते हैं जिन्हे चोकर, एंडोस्पर्म एवं जर्म के नाम से जाना जाता है। आटे के उत्पादन...

Maintenance of farm machinery कृषि हमारा जीवन है। यह हमारे देश एवं राज्य की अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड है। राज्य में ही नही पुरे देश में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है पर आज आवश्यकता है इन संसाधनों के वैज्ञानिक उपयोग से कृषि उत्पादकता को शीघ्र बढ़ाने की, इसलिए कृषि यंत्रों का योगदान कृषि में पैदावार बढ़ाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है । इन यंत्रों की आवयकता खेत की तैयारी से लेकर अनाज को बाजार पहुँचाने तक प्रत्येक कार्य में होता है। अतः इन उन्नत कृषि यत्रों के रख रखाव के बारे में जाने बिना उन्हें प्रयोग करने से किसान भाइयों की परेशानी बढ़ जाने की संभावना है। इसलिए किसी भी यंत्र को...

एकीकृत चावल और पशुधन खेती In the scenario of declining trend of availability of land for agriculture and size of land holding, one of the serious threats to our national food security is providing food security to our growing population. Diversion of agricultural land for industrialisation restricts horizontal expansion. Vertical integration of land based enterprises within the socio-economic environment of small and marginal farmer is the only option. Integrated farming systems are viewed as a sustainable alternative for enhancing livelihood security of small and marginal farmers. Objectives of Integrated Farming System: It includes reversing resource degradation, Stabilising farm income, Efficient soil management, Recycling of farm waste and nutrients, Minimisation of adverse environmental impacts, Sustainability...

Stubble Burning in India: Problems and Mitigation Strategies जहां एक तरफ भारत कोविड-19 से जंग लड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ हम पर्यावरणीय स्थिरता के साथ-साथ वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी को नहीं भूल सकते। पूरा विश्व एक सांस की बीमारी से जूझ रहा है। इस स्थिति में वैज्ञानिक वायु प्रदूषण में मध्यस्थता में वृद्धि के कारण उत्तर भारत में अधिक श्वसन हानि की भविष्यवाणी कर रहे हैं। जो राज्य कभी भारत में हरित क्रांति का लाभ हथियाने में कामयाब रहे थे, वे वर्तमान में उसी की भारी संख्या में कमियों से पीड़ित हैं। पिछले कुछ वर्षों में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान विशेष-उच्च उपज देने वाली चावल-गेहूं फसल...

Impact of Covid-19 Pandemic on Agriculture and Allied Sectors वर्ष 2020 के पूर्वार्ध में शुरू हुए वैश्विक स्वास्थ्य संकट (कोविड-19 महामारी) का वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्थाओं पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। वही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF, 2020) ने दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद में 3 प्रतिशत की गिरावट और भारत के सम्बन्ध में 1.9% की एक बहुत ही मामूली विकास दर का अनुमान लगाया था। जब की अन्य विभिन्न एजेंसियों ने अपने आकलन में भारत की सकल घरेलु उत्पाद में 0.2-0.5 प्रतिशत तक के गिरवाट का अनुमान लगाया था। आज लगभग दो साल के बाद, महामारी के उत्तारर्ध में अगर पूरी दुनिया के विभिन्न पहलुओं जैसे सामाजिक, आर्थिक और राजनितिक इत्यादि...

Food Security in the Age of Climate Change through Coarse Cereals जलवायु परिवर्तन का भारत जैसे उभरते देशों की खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। यह खाद्य उपलब्धता, खाद्य पहुंच, खाद्य उपयोग और खाद्य प्रणाली स्थिरता को प्रभावित करता है जो खाद्य सुरक्षा के चार आयाम है। वर्तमान स्थिति में विश्व में हर तरफ जलवायु परिवर्तन के कारण मुख्य खाद्य फसलों की उत्पादकता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। कृषि विशेषज्ञ बारिश की बढ़ती अनियमतता और फसलों के पकाव के समय अत्यधिक तापमान के प्रतिकूल प्रभाव से फसलों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है। मोटे अनाज वाली फसलों में अन्य खाद्य फसलों के मुकाबले सूखे...

ड्रिप सिंचाई: बासमती चावल की खेती की लागत को प्रभावी ढंग से कम करती है।  Scented (Basmati) rice, a unique product of the Indo-Gangetic Plain, is known for its aromatic quality and high economic value. It generates about three times higher prices than coarse rice. Approximately 20% of the land used to cultivate rice grows scented rice in India, and northwest states account for more than 90% of its total production. India contributes around 65% of the total global supply of scented rice. The sustainability of the Basmati rice production in India has become a significant concern due to alarming water table depletion, growing food demand, stagnating, or declining productivity growth, and...

Contribution of women in agriculture महिलाएं किसी भी विकसित समाज की रीढ़ की हड्डी होती हैं। किसी भी समाज में महिलाओं की केंद्रीय भूमिका एक राष्ट्र की स्थिरता प्रगति और दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करती है।कई कारणों से कई विकासशील देशों में कृषि खराब प्रदर्शन कर रही है। इनमें  मुख्य यह भी शामिल है कि महिलाओं के पास संसाधनों और अवसरों की कमी है। जिन्हें उन्हें बनाने की जरूरत है अपने समय का सबसे अधिक उत्पादक उपयोग। महिलाएं किसान श्रमिक और उद्यमी हैं। लेकिन लगभग हर जगह उन्हें उत्पादक तक पहुँचने में पुरुषों की तुलना में ज्यादा बाधाओं का सामना करना पड़ता है। यह लिंग अंतर उनकी उत्पादकता में बाधा डालता है और...

कृषि में नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी मिशन Nanotechnology is an emerging field of science, capable of resolving problems that are impossible to tackle with engineering and biological sciences. Nano Mission provides critical funding to competent groups (preferably from a group of Institutions) to carry out very focused research in Nanoscience and develop nanotechnology based applications aimed at delivering breakthroughs in Nano S&T and applications in a concerted manner Nano Mission (Nano Science and Technology Mission – NSTM) The Government of India launched the Nano Mission in 2007 under the Department of Science and Technology. The Ministry of Science and Technology allocated up to Rs 1000 crores to this mission to fulfill its following...

Emergence of weed management issues in changing climatic conditions जलवायु परिवर्तन को तापमान, वर्षा या हवा के बदलाव के रूप में परिभाषित किया जाता है, अन्य प्रभावों के साथ, जो कई दशकों (न्यूनतम 30 वर्ष) या उससे अधिक समय में होते हैं। 195 देशों में से, भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से पीड़ित शीर्ष दस देशों में से एक है। जलवायु परिवर्तन का प्रसार, जनसंख्या की गतिशीलता, जीवन चक्र की अवधि और कृषि कीटों की घटना पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। सभी कृषि कीटों में, हमारी मुख्य चिंता खरपतवार पर है क्योंकि इससे कृषि फसल उत्पादन प्रणाली को अधिकतम लगभग 45% नुकसान होता है। खरपतवार कृषि कीटों में से एक हैं जो...