Resource Management

Agricultural Production will increase with the use of modern equipment आधुनिक कृषि एवं मशीनों के द्वारा समय की बचत के अलावा श्रम, ईंधन एवं खर्च के साथ- साथ प्राकृतिक संसाधनों का सरंक्षण भी होता हैं तथा बेहतर उपज भी प्राप्त की जा सकती हैं। इससे जहा एक और खाद्यान्न की बढ़ती हुई मांग की पूर्ति की जा सकती हैं, वही दूसरी और किसानों को भी अपनी उपज का पर्याप्त लाभ मिलेगा। खेती में आधुनिक कृषि एवं मशीनों का इस्तेमाल समय की जरूरत हैं।  किसानों को अगर पैदावार एवं आय बढ़ानी हैं तो आधुनिक कृषि एवं मशीनों का उपयोग करना ही होगा।  खेती और उससे जुड़े कार्यों में श्रमिकों की कमी एक बड़ी...

 Soil and Groundwater Management to Improve Agriculture भारत की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका हेतु कृषि पर ही निर्भर है। कृषि की सकल घरेलू उत्पादन में भागीदारी लगभग 22 प्रतिशत है। किसानों और मजदूरों को आजीविका प्रदान करने के अतिरिक्त कृषि क्षेत्र देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है। कृषि उत्पादकता कई कारकों पर निर्भर करती है। इनमें कृषि इनपुट्स, जैसे जमीन, पानी, बीज एवं उर्वरकों की उपलब्धता और गुणवत्ता, कृषि ऋण एवं फसल बीमा की सुविधा, कृषि उत्पाद के लिए लाभकारी मूल्यों का आश्वासन, और स्टोरेज एवं मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि शामिल हैं। पिछले कुछ दशकों में खाद्य उत्पादन का स्तर बढ़ा है लेकिन इसके साथ कई समस्याएं भी खड़ी हुई हैं जैसे...

जल संतुलन जलाशय: नहर कमान में एक कुशल जल भंडारण संरचना Water balancing reservoir is also known as Diggies or Tanks or Farm pond or intermediate storage structures in canal command. It is a water storage structure in canal command to store the water delivered from the water courses to farms and regulate the flow of water for agricultural irrigation. Water is pumped out of this and is distributed to the field through channels or micro irrigation system. It helps to supply irrigation water when the crop requires it, the most. All these interventions contribute to higher yield, production and water productivity. However, water balancing reservoirs are shown to be cost-effective for landholdings...

Adverse effects of flood and measures to prevent it आसाम और बिहार मे हर साल बाढ़ की वजह से करीब अनेक लोग मारे जाते है। पि‍छले साल 45 लाख से ज्यादा लोग इससे सीधे प्रभावित हुए थे। इस साल 2020 मे भी वही परिस्‍थि‍ति‍ है, हालत बत से बत्तर हो गई है। लाखों लोगों की जिंदगी पर इससे फर्क पड़ा है। उत्तरी बिहार की 76% आबादी बाढ़ की तबाही के आवर्ती खतरे मे है और बिहार के भोगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 73.06% भाग बाढ़ से प्रभावित हुआ है।  आसाम हमेशा से भारत मे सबसे ज्यादा बाढ़ से ग्रस्त रहने वाला राज्य रहा है, इसके पीछे का मुख्य कारण आसाम से गुजरती नदी ब्रह्मपुत्र...

Modern irrigation management in the garden सिचाई की विभिन्न विधियों में टपक या बूंद-बूंद सिंचाई, माइक्रोस्प्रिंकलर, माइक्रोजैट आदि कुछ आधुनिक सिंचाई विधियाँ हैं, परन्तु फलदार बगीचों में टपक सिंचाई अंत्यत लाभकारी सिद्ध हुई है | टपक या बूंद-बूंद सिंचाई एक ऐसी सिंचाई विधि है जिसमें पानी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में, कम अंतराल पर, प्लास्टिक की नालियों द्वारा सीधा पौधों की जड़ों तक पहुँचाया जाता है | परम्परागत सतही सिंचाई द्वारा जल का उचित उपयोग नहीं हो पाता, क्योंकि अधिकतर पानी, जोकि पौधों को मिलना चाहिए, जमीन में रिस कर या वाष्पीकरण द्वारा व्यर्थ चला जाता है | अतः उपलब्ध जल का सही रिसाव कम हो कम हो और अधिक से अधिक पानी पौधे...

पादप उपचार (फाइटो रिमीडीएशन) - अपशिष्ट जल के कृषि में उपयोग करने के लिए एक समाधान  भारत के लिए अपशिष्ट जल का प्रबंधन विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में एक चुनौती बन गया है क्योंकि बुनियादी ढांचे के विकास ने जनसंख्या वृद्धि, औद्योगीकरण और शहरीकरण के साथ तालमेल नहीं बैठा पाया। परिणाम स्वरूप शहर की आवश्यकता पूरी करने में मीठे जल के संसाधनों पर भारी दबाव आ गया है। साथ ही जो अपशिष्ट जल उत्पन्न हो रहा है (जो की लगभग 70-80% ताजे पानी की आपूर्ति अपशिष्ट के रूप में वापस आता है ) जिससे निपटना और इसका प्रबंधन मुश्किल काम है। इस परिदृश्य के  निहितार्थ घरेलू , औद्योगिक और कृषि क्षेत्र...

जल संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना - ड्रिप सिंचाई प्रणाली पर एक केस स्टडी Irrigation plays an important role in harvesting the desirable level of yield and supplementing the use efficiency of other inputs. Globally, irrigation water is becoming highly scarce due to over exploitation of water bodies for meeting the demand of increasing population. India, despite having the largest area under irrigation in the world, it suffers from severe shortage of water. The coverage of irrigation is about 47 percent of the gross cropped area.  The main reason for low coverage under irrigation is the low water use efficiency of existing conventional method of irrigations like flooding, which is widely practiced...

Cloud seeding: An instant solution to combat drought बादल पानी या बर्फ के क्रिस्टल की छोटी बूंदों के विन्यास हैं। वायुमंडलीय जल वाष्प के ठंडा होने पर या संघनन द्वारा बादल बनते हैं। वर्षा की कमी के कारण, दुनिया के कई हिस्सों में अक्सर पानी की आपूर्ति की कमी और जल संसाधनों पर तनाव की समस्या का सामना करना पड़ता है। नदियों में बढ़ते प्रदूषण से पानी की कमी हो जाती है और पीने योग्य पानी की लागत बढ़ जाती है। क्लाउड सीडिंग तकनीक का उपयोग वर्षा वृद्धि और जल संसाधन बहाली के लिए सूखे की समस्या को कम करने में मदद करने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जा...

Subsurface Drainage Technology for Reclamation of Waterlogged Saline Vertisols पहले देश मे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध न होने के कारण देश में फसल की उत्पादकता उसकी संभावित उपज से बहुत कम थी । उत्‍पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से देश के अलग अलग हिस्सों में नहरों का विस्तृत जाल बिछाकर सिंचाई का प्रबंध किया गया। हालाँकि यह पानी क्षेत्र मे प्रचलित फसल की जरूरत पूरी करने के लिए दिया गया था लेकिन ज्यादा पैमाने पे पानी की उपलब्धता को देखकर किसानों ने ज्यादा पानी लगने वाली फसलें जैसे गन्ना, केला इत्यादि को लगाना चालू किया। शुरू के कुछ वर्षों में किसानो को इससे बहुत लाभ  हुआ। सिंचाई की इस व्‍यवस्‍था के साथ...

Smart Water Management: A boon for agriculture पानी की बढ़ती मांग दुनिया के सामने एक चुनौती है, खासकर सबसे शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में जहां पानी की कमी और पानी का तनाव महत्वपूर्ण समस्याएं हैं। पानी की कमी की स्थिति एक जगह पर तब होती है जब प्रति व्यक्ति प्रति दिन पानी की उपलब्धता 1000 घन मीटर से कम हो जाती है। भारत केे 2025 तक जल-तनावग्रस्त देश बनने की आशंका है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे पास प्रति दिन प्रति व्यक्ति 1700 घन मीटर से कम पानी होगा। भारत में, कृषि पानी का प्रमुख उपभोक्ता (80%) है और कृषि उत्पादन के लिए पानी का उपयोग करते समय पानी के अतिरिक्त नुकसान की मात्रा...