18 Oct चावल में सुत्रकृमि समस्या, लक्षण एंव प्रबंधन
Nematodes problems, symptoms and management in rice crop
चावल दुनिया के एक बड़े हिस्से में अनाज के रूप मे खाया जाता है। यह मानव पोषण और कैलोरी सेवन के लिए महत्वपूर्ण अनाज है, दुनियाभर में मनुष्यों द्वारा खपत की गई कैलोरी का 1/5 से अधिक हिस्सा है। चावल भारत की प्रसिद्ध फसल है जो देश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों के लोगों का मुख्य भोजन है।
कई निमेटोड प्रजातियां चावल की फसल को सक्रंमित करती है जैसे उफरा (डिटाइलेकस डिप्सेकी), व्हाइट टिप बिमारी (एफेलेनकोआइड बसेई) और जड़ गांठ रोग (मेलोडेगायनी ग्रमिनिकोल) है। दुनिया के सभी कम वर्षा वाले क्षेत्रों में कुछ निमेटोड प्रजातियां जैसे कि प्रटिलेकंस स्पी. सबसे खतरनाक है। चावल रूट निमेटोड (हार्समैनिएला आॅरिझी) एक प्रवासी अन्तः परजीवी है जो अधिक मात्रा में मिटटी होने पर चावल की फसल का पूरा विनाश कर सकता है।
चावल का जड़ गांठ रोग (मेलोडेगायनी ग्रमिनिकोल)
लक्षणः-
* जड़ों पर विशेषता हुक जैसे गांठे।
* नये उभरते पत्ते, विकृत और किनारे मुड़े होते है।
* पीलेपन से साथ छोटे पौधे।
* भारी सक्रंमित पौधे, फूल जल्दी पक जाते हैं।
* फूटाव कम होना।
* बाली छोटी और कम दाने।


चावल का जड़ गांठ रोग (मेलोडेगायनी ग्रमिनिकोल)
प्रबंधन:-
* हमेशा जलमग्न स्थितियों में फसल को रखें
* कृषि क्रिया नियंत्रण, लगातार बाढ़ की स्थिती रखें, चावल की पनीरी को जल प्लावित स्थान पर उगाना और फसल चक्र। इन पद्धतियों से नेमिटोड्स द्वारा जड़ पर आक्रमण को रोकने में मदद मिलती है।
*खेतों की तैयारी से पहले 3 सप्ताह के लिए मृदा सौरकरण, 50-100 स्पष्ट पाॅलिथीन शीट्स से।
चावल रूट निमेटोड ( हार्समानिएला औरिजा ):-
लक्षणः-
* सक्रंमित जड़े मलिवकिरण और आंशिक रूप् से खोखली होती है।
* निमेटोड का संक्रमण पानी और पोषक तत्वों के अवशोषण पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
* पौधे झुण्ड में छोटे-छोटे दिखाई देते हैं।


रोग ग्रस्त जड़ें स्वस्थ जड़ें
प्रबंधन:-
* कार्बोफुराॅन 33 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर की दर से प्रयोग करें।
व्हाइट टिप निमेटोड ( एफेलेनकोड्स बसेई )
लक्षणः-
* निमेटोड का संक्रमण होने पर उपर से पत्ती के टीप से 3-5 से.मी. पत्ती सफेद और नेक्रोसिस दिखाई देती है।
* इससे सबसे उपरी पत्ती खराब होने लगती है और बाली नहीं निकलती है।
* रोगग्रसित पौधे छोटे, ओज में कमी और छोटी बाली होती है।
* प्रभावित बाली में दाने नहीं बनते है।
* विकृत बालियां, ग्लुम छोटे और विकृत कर्नेल दिखाई देते है।
* बीज क्यारी में सक्रंमित रोपाई करने से उगने में देरी होती है और अंकुरण कम होता है।
* सबसे विशिष्ट लक्ष्ण बूट खिलते समय होते हैं।
व्हाइट टिप निमेटोड ( एफेलेनकोड्स बसेई )
प्रबंधन:-
* निमेटोड मुक्त बीज का उपयोग करके और निमेटोड मुक्त क्षेत्रों में बीजाई करके इसके प्रकोप से बचा जा सकता है।
* सक्रंमित बीज को निमेटोड मुक्त करने के लिए गर्म जल उपचार किया जाता है। यह प्रभावी उपचार है। गर्म जल उपचार विधि में 55-60वब् पर 15 मिनट तक प्रभावी पाया गया है।
* काटोफीडड्राक्लोराइड 1 कि.ग्रा. सक्रिय तत्व प्रति हैक्टेयर की दर से रोपाई के समय प्रयोग करें।
* कार्बाफयूरोन 3 जी 33 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर की दर से रोपाई के समय प्रयोग करें।
Authors
जयदीप पाटिल एव सरेाज यादव*
कृषि विद्यालयए एलपीयूए पंजाब
सूत्रकृमि विज्ञान विभाग, कृषि महाविद्यालय
* चै. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार – 125 004
लेखक ई मेलः rajhau99@gmai.com
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